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Income Tax Return Filling: ITR फाइल करते समय भूल कर भी न करें ये गलतियां, वरना हो सकती है परेशानी

ITR: वित्त वर्ष 2021-2022 या असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है.

ITR: वित्त वर्ष 2021-2022 या असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है.

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FE Hindi Desk
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Income Tax Return Filling

आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन करीब आती जा रही है.

ITR Filling: आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन करीब आती जा रही है. वित्त वर्ष 2021-2022 या असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है. कई बार हम रिटर्न फाइल करने में देरी करते हैं और फिर अंतिम तारीख के करीब आने पर जल्दबाजी में गलती कर बैठते हैं. रिटर्न या तो मैन्युअल तौर पर दाखिल किया जा सकता है या ऑनलाइन दाखिल किया जा सकता है. हमने यहां रिटर्न दाखिल करते समय टैक्सपेयर्स द्वारा की जाने वाली गलतियों के बारे में बताया है. इसकी मदद से आप इन गलतियों से बच सकते हैं.

आईटीआर फॉर्म

सबसे पहली बात जिसका ध्यान रखना जरूरी है वह है रिटर्न दाखिल करते समय सही फॉर्म का चयन करना. अगर आप इसमें गलती करते हैं तो आपके रिटर्न को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा आगे नहीं बढ़ाया जाता है. आईटीआर फॉर्म का चयन इनकम की प्रकृति या टैक्सपेयर की कैटेगरी के आधार पर किया जाता है. अगर करदाता ने गलत रिटर्न फॉर्म दाखिल किया है, तो उसे विभाग से एक डिफेक्ट नोटिस मिल सकता है, जिसे निश्चित समय सीमा के भीतर ठीक करना होता है.

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पर्सनल इन्फॉर्मेशन और बैंक अकाउंट डिटेल

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आईटीआर फाइलिंग पहले से फाइल JSON यूटिलिटी पर आधारित है, जिसके तहत पर्सनल डिटेल ऑटोमैटिक रूप से टैक्स पोर्टल के ITR फॉर्म में आ जाते हैं. यह अहम है कि करदाता अपने टैक्स पोर्टल में अपना सही पता, संपर्क नंबर, ईमेल-आईडी प्रदान करें. ध्यान रखें कि गलत जानकारी, उदाहरण के लिए बैंक अकाउंट डिटेल में गलती से रिफंड क्रेडिट प्रक्रिया में दिक्कत आ सकती है.

करदाता के पास उपलब्ध डिटेल के साथ फॉर्म 26AS और फॉर्म AIS का मिलान

आय की सही जानकारी दाखिल करने में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सरकार ने फॉर्म एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) पेश किया है. करदाताओं को फॉर्म AIS और फॉर्म 26AS के अनुरूप अपना रिटर्न दाखिल करना चाहिए. टैक्सपेयर टैक्स डिपार्टमेंट से किसी भी पूछताछ से बचने के लिए फॉर्म AIS पर फीडबैक जमा कर सकते हैं.

आय के सभी स्रोतों का जिक्र जरूर करें

अगर आपके प्राथमिक आय से आय का कोई और दूसरा स्रोत है तो आपको इसका खुलासा करना होगा. टैक्सपेयर्स को सेविंग अकाउंट इंटरेस्ट, फिक्स्ड डिपोजिट इंटरेस्ट, हाउस प्रॉपर्टी से रेंटल इनकम सभी सभी सभी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स और दूसरे स्रोत से होने वाली आय का खुलासा करना जरूरी है. चाहे इस पर टैक्स लग रहा हो या छूट मिली हुई हो, आय के सभी स्रोतों का जिक्र करना जरूरी है.

फॉरेन टैक्स क्रेडिट क्लेम के लिए फॉर्म 67 दाखिल करना

भारत में फॉरेन इनकम टैक्स के लिए फॉरेन टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने वाले करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करने से पहले फॉर्म 67 दाखिल करना अनिवार्य है. फॉर्म 67 भरने के अलावा, करदाताओं को विदेशों में भुगतान किए गए करों का प्रमाण प्रस्तुत करना जरूरी है. विदेशी टैक्स रिटर्न, टैक्स पेमेंट चालान की प्रति.

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सही बैंक अकाउंट डिटेल

रिफंड का दावा करने वाले करदाताओं को बैंक अकाउंट को मान्य करने के अलावा बैंक खाते का सही डिटेल भरना चाहिए. करदाताओं की ओर से किसी भी गलती के चलते टैक्स के रिफंड में देरी हो सकती है.

छूट वाली इनकम की जानकारी देना

कई करदाता आईटीआर दाखिल करते समय छूट वाली आय (जैसे पीपीएफ से इंटरेस्ट इनकम, सुकन्या समृद्धि अकाउंट पर इंटरेस्ट, रिश्तेदारों से उपहार) की जानकारी नहीं देते हैं. छूट वाली आय की जानकारी नहीं देने पर टैक्स अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा सकती है और छूट से इनकार भी किया जा सकता है.

ITR-V का वेरिफिकेशन

ITR फाइलिंग आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया के साथ समाप्त नहीं होती है. करदाताओं को या तो ओटीपी या EVC विकल्पों का उपयोग करके अपने आईटीआर को इलेक्ट्रॉनिक रूप से वेरिफाई करना होता है. इसके अलावा, सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) को मैन्युअल रूप से हस्ताक्षरित ITR-V भेजना होता है. ITR-V को वेरिफाई नहीं कर पाने पर फाइल करने में की गई पूरी मेहनत बेकार हो जाती है.

(By Sudhakar Sethuraman, Partner, Deloitte India, and Ankit Agarwal, Manager, Deloitte Haskins & Sells LLP)

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