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ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने इंडसइंड बैंक के शेयरों की BUY रेटिंग बरकरार रखी है
IndusInd Bank हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की वजह से चर्चा में रहा था. इन खबरों में कहा गया था कि बैंक की माइक्रोफाइनेंस सब्सिडियरी ने ग्राहकों की बगैर सहमति के 84 हजार लोन बांट दिए. इसका खुलासा व्हिस्लब्लोअर की ओर से बैंक प्रबंधन और आरबीआई को लिखी चिट्ठी से हुआ था,जिसमें कहा गया था कि लोन की एवरग्रीनिंग हुई है और ग्राहकों की बगैर सहमति के ही लोन बांट दिए गए. बैंक ने माना था कि यह गलती हुई. टेक्निकल गड़बड़ी की वजह से ये लोन बंट गए थे. लेकिन बैंक ने इस बात से इनकार किया था कि लोन की एवरग्रीनिंग हुई है. कोई ग्राहक अगर लोन नहीं चुका पाता है और इसके बावजूद उसे और लोन देने को एवरग्रीनिंग कहा जाता है.
माइक्रोफाइनेंस लोन में कथित गड़बड़ी को लेकर दी सफाई
लेकिन इस कथित गड़बड़ी के बावजूद ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने बैंक के शेयरों में भरोसा जताया है. बैंक के मैनेजमेंट ने इसकी सब्सिडियरी BFIL की ओर से लोन बांटने में कथित गड़बड़ियों पर स्पष्टीकरण दिया है. बैंक मैनेजमेंट का कहना है-1. लोन की 20 फीसदी लिक्विडिटी सरकार की ECLGS के तहत है. यह माइक्रोफाइनेंस लोन का 2 फीसदी यानी 6 अरब रुपये है. 2. री-स्ट्रक्चर्ड लोन माइक्रोफाइनेंस लोन का 3 फीसदी है 3. लंबी अवधि या कम ईएमआई के लोन उन लोगों को दिए गए थे, जिन्होंने 7 अरब डॉलर के लोन पहले चुका दिए थे.
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Jefferies ने 1400 के टारगेट प्राइस के साथ बरकरार रखी BUY की रेटिंग
ब्रोकरेज फर्म Jefferies का कहना है कि बैंक ने 84 हजार लोन बगैर सहमति के बंट जाने से जुड़े मामले में टेक्निकल गड़बड़ियों की बात स्वीकार कर ली थी. यह इसके माइक्रोफाइनेंस लोन का सिर्फ 0.1 फीसदी है. बैंक मैनेजमेंट इस मामले की जांच कराने के लिए स्वतंत्र ऑडिट कर सकता है. Jefferies ने कहा है कि माइक्रोफाइनेंस सेगमेंट के डेवलपमेंट पर इसकी नजर बनी रहेगी. इसने इसके कमाई पर अपने अनुमान को बरकरार रखा है. ब्रोकरेज फर्म ने इस शेयर की BUY रेटिंग को बरकरार रखा है और टारगेट प्राइस 1400 रुपये रखा है.