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जॉब इंश्योरेंस: नौकरी जाने पर नहीं होगी पैसे की किल्लत, जानें कवर, क्लेम और अन्य डिटेल

आइए जानते हैं कि जॉब इंश्योरेंस क्या होता है और इसके फीचर्स क्या हैं.

आइए जानते हैं कि जॉब इंश्योरेंस क्या होता है और इसके फीचर्स क्या हैं.

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job insurance policy is it helpful on losing your job know features and details of policy

आइए जानते हैं कि जॉब इंश्योरेंस पॉलिसी क्या होता है और इसके फीचर्स क्या हैं.

job insurance policy is it helpful on losing your job know features and details of policy आइए जानते हैं कि जॉब इंश्योरेंस पॉलिसी क्या होता है और इसके फीचर्स क्या हैं.

देश में कोरोना महामारी (coronavirus pandemic) और लॉकडाउन का कारोबारों पर भी बड़ा असर हुआ है. खासकर निजी सेक्टर में लोगों की सैलरी में बड़े स्तर पर कटौती हुई है और कुछ लोगों की नौकरी चली गई है. ओला, ऊबर, स्विगी जैसी कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी की है. ऐसे में लोगों को अपनी नौकरी की सुरक्षा को लेकर डर बना हुआ है. इस तरह के समय में क्या जॉब इंश्योरेंस पॉलिसी काम आ सकती है. आइए जानते हैं कि जॉब इंश्योरेंस क्या होता है और इसके फीचर्स क्या हैं.

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जॉब इंश्योरेंस (Job Insurance) क्या है?

जॉब इंश्योरेंस पॉलिसी ग्राहक और उसके परिवार को कुछ अवधि के लिए वित्तीय सुरक्षा देती है, अगर वह अपनी नौकरी खो देता है. व्यक्ति को कुछ राशि मिलती है, अगर पॉलिसी में दिए गए कारणों की वजह से उसकी नौकरी चली जाती है. भारत में ये कारण कोई गंभीर बीमारी या दुर्घटना के कारण पूरी या स्थाई तौर पर दिव्यांग होना हो सकता है.

इसके अलावा भारत में जॉब इंश्योरेंस स्टैंडलोन पॉलिसी के तौर पर नहीं मिलती. यह मुख्य पॉलिसी के साथ राइडर या ऐड ऑन कवर की तरह उपलब्ध होती है. सामान्य तौर पर हेल्थ इंश्योरेंस या होम इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ आती है.

जॉब इंश्योरेंस में क्या कवर होता है ?

यह पॉलिसी नौकरी के खत्म हो जाने या अस्थाई तौर से निलंबन पर वित्तीय कवरेज देती है.

पॉलिसी के लिए योग्यता

जॉब इंश्योरेंस लेने के लिए आवेदक के पास सैलरी के तौर पर आय होनी चाहिए. इसके अलावा जिस कंपनी में आवेदक नौकरी कर रहा है, वह रजिस्टर्ड होनी चाहिए. यह खुद से काम करने वालों के लिए लागू नहीं होती.

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क्लेम की प्रक्रिया

नौकरी चले जाने पर, पॉलिसी धारक को बीमा कंपनी को लिखित में सूचित करना होता है. इसके साथ नौकरी न होने का प्रमाण भी देना होता है. पॉलिसी धारक को दूसरे सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट भी सब्मिट करने होते हैं. अगर उसे सही पाया जाता है, तो बीमा कंपनी क्लेम की राशि का भुगतान करती है.

इन पर नहीं मिलेगा कवर

कुछ स्थितियां जॉब इंश्योरेंस में कवर नहीं होती हैं. अगर व्यक्ति की नौकरी खराब प्रदर्शन, बेईमानी, धोखाधड़ी आदि की वजह से जाती है, तो इस पर कवर नहीं मिलता. जॉब से स्वैच्छिक रिटायरमेंट पर भी कवर नहीं है. अगर नौकरी अस्थाई या कॉन्ट्रक्ट पर थी. अगर व्यक्ति की नौकरी वेटिंग पीरियड के दौरान चली जाती है या प्रोबेशन पीरियड के दौरान नौकरी छूटती है, तो उसे कवर नहीं किया जाएगा.

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