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Retirement Planning : रिटायरमेंट प्लानिंग में रखें इंफ्लेशन के असर का ध्यान, क्या शेयरों में निवेश हो सकता है महंगाई से बचने का तरीका ?

रिटायरमेंट प्लानिंग के मामले में निवेश ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में करें जो सुरक्षित हों और रेगुलर इनकम दें. जैसे पीपीएफ (PPF), डाकघर की मंथली इनकम  स्कीम, बैंक एफडी (Bank), एनपीएस (NPS) वगैरह. लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि रिटर्न को बढ़ती महंगाई खा न जाए.

रिटायरमेंट प्लानिंग के मामले में निवेश ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में करें जो सुरक्षित हों और रेगुलर इनकम दें. जैसे पीपीएफ (PPF), डाकघर की मंथली इनकम  स्कीम, बैंक एफडी (Bank), एनपीएस (NPS) वगैरह. लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि रिटर्न को बढ़ती महंगाई खा न जाए.

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Retirement Planning : रिटायरमेंट प्लानिंग में रखें इंफ्लेशन के असर का ध्यान, क्या शेयरों में निवेश हो सकता है महंगाई से बचने का तरीका ?

रिटायरमेंट प्लानिंग की रणनीति काफी सोच-समझ कर तैयार करें.

How to Invest for a Good Retirement Fund : दुनिया भर में हुई तमाम स्टडी बता चुकी हैं कि अब इंसान की औसत उम्र में काफी इजाफा हो गया है. एक आम स्वस्थ व्यक्ति अब 85 साल की उम्र तक जीवित रह सकता है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि 58 साल की उम्र में रिटायर होने के बाद आगे की जिंदगी वह बगैर रेगुलर सैलरी या इनकम के कैसे गुजारेगा. इसलिए हर शख्स के लिए सही समय पर रिटायरमेंट प्लानिंग बेहद जरूरी है. रिटायरमेंट प्लानिंग के मामले में निवेश ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में करें जो सुरक्षित हों और रेगुलर इनकम दें. जैसे पीपीएफ (PPF), डाकघर की मंथली इनकम  स्कीम, बैंक एफडी (Bank), एनपीएस (NPS) वगैरह. लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि रिटर्न को बढ़ती महंगाई खा न जाए.

इनवेस्टमेंट का सही फैसला

मान लीजिये कि रिटायरमेंट के बाद आप 30 साल तक जिंदा रहेंगे. इस दौरान अगर महंगाई दर ( Inflation rate) आठ फीसदी तक पहुंच जाती है तो आपको ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए जो इससे ज्यादा रिटर्न दे रहा है. यह भी ध्यान रहे कि हमारे निवेश का रिटर्न इतना हो कि हमारी बेसिक जरूरत पूरी हो सके. मसलन अगर आज हमारा ब्लड टेस्ट 2500 रुपये में हो रहा है तो 11 फीसदी महंगाई ( मेडिकल सर्विसेज के मामले) दर के हिसाब से 15 साल बाद यह कीमत बढ़ कर 11,961 रुपये हो जाएगी और 20 साल बाद 20 हजार रुपये. इसलिए इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि निवेश का रिटर्न महंगाई को पछाड़ पाएगा या नहीं.

रिटायरमेंट प्लानिंग के दौरान हमेशा इन तीन बातों का ध्यान रखें

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  1. आपका निवेश का रिटर्न इतना हो कि आपकी रूटीन जरूरत पूरी हो जाए
  2. आपकी कमाई लाइफस्टाइल का स्तर बरकरार रख सके
  3. आपका रिटर्न इतना हो कि इमरजेंसी जरूरतों को पूरी कर सके

शेयरों में निवेश कितना सही?

आम तौर पर रिटायरमेंट फंड के लिए सुरक्षित रिटर्न वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश की सलाह दी जाती है. लेकिन यह सबको  है कि इसमें ब्याज काफी कम होता है. मसलन बैंक एफडी इस वक्त सिर्फ छह फीसदी का ब्याज दे रहे हैं. इसलिए ऐसा इंस्ट्रूमेंट्स चुनें जिसमें इक्विटी निवेश का फायदा मिलता है. जैसे इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) . इक्विटी म्यूचुअल फंड में SIP यानी सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान के जरिये आप शेयरों में निवेश कर ज्यादा रिटर्न का लाभ ले सकते हैं. हालांकि अपना सारा निवेश शेयरों में न करें. सबसे अच्छी सलाह यह है कि आप अपने निवेश को डाइवर्सिफाई करें. यानी एक ही जगह सारा निवेश न करें.

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वसीयत जरूर बनवाएं

हर सीनियर सिटिजन के लिए जरूरी है कि वह जीवित रहते ही अपनी वसीयत बनवा लें. इसमें उनके न रहने पर उनकी संपत्ति पर किसका हक होगा, यह तय हो. कई बार पति या पत्नी में से किसी एक की पहले मृत्यु हो जाती है. ऐसे में वसीयत न रहने या निवेश इंस्ट्रूमेंट्स में नॉमिनी के न रहने पर जीवित जीवनसाथी को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. इसलिए जीवित रहते ही उस व्यक्ति को नॉमिनेट करें जिसे आप जाने के बाद अपना धन देना चाहते हैं. ताकि आपके न रहने पर आपके जीवनसाथी को दिक्कत न हो.

National Pension Scheme Ppf