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अपने बच्चे को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजना चाहते हैं तो आपको पहले से ही प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए.
विदेश में पढ़ाई करना स्टूडेंट्स के लिए किसी सपने की तरह होता है. हालांकि अमीरों के लिए विदेश में पढ़ाई के लिए पैसे जुटाना कोई बड़ी बात नहीं है. वहीं प्रतिभाशाली छात्रों को स्कॉलरशिप मिल जाता है, जिससे उनका आर्थिक बोझ कम हो जाता है, लेकिन साधारण परिवार के आम छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए पैसे की व्यवस्था करने में भारी समस्या आती है. अगर आप भी अपने बच्चे को पढ़ाई के लिए विदेश भेजना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको पहले से ही प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए.
Vivifi India Finance के CEO और फाउंडर अनिल पिनापाला कहते हैं, "अपने बच्चे की शिक्षा के लिए प्लानिंग करते समय आपको सिर्फ ट्यूशन फीस पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि कंप्यूटर, किताबों की जरूरत से लेकर कोचिंग और रहने के खर्च तक पर विचार करना जरूरी है. इस तरह आपको आज की शिक्षा की लागत को ध्यान में रखते हुए ज्यादा बचत करनी चाहिए, क्योंकि आज के समय में जो खर्च आने वाला है, उसका मूल्य महंगाई के हिसाब से आने वाले समय में बढ़ जाएगा. इसके अलावा, आप यह भी नहीं जानते कि आने वाले समय में आपके बच्चे की रुचि किस विषय में होगी. विषय के आधार पर खर्च कम या ज्यादा हो सकता है.
एजुकेशन लोन के लिए इन बातों का रखें ध्यान
पिनापाला ने आगे कहा, "आपको ऐसे जगहों में निवेश करने पर विचार करना चाहिए जहां रिटर्न ज्यादा हो. ताकि महंगाई के प्रभाव को कम किया जा सके. हालांकि, आप एजुकेशन लोन भी ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको अपने क्रेडिट हिस्ट्री को क्लीन रखने की जरूरत है, ताकि आपके बच्चे को विदेश में पढ़ाई के लिए आसानी से लोन मिल सके.
देश में पढ़ाई में आने वाले खर्चों को FD से किया जा सकता है मैनेज
Upwards के CEO और को-फाउंडर अभिषेक सोनी कहते हैं, "अगर हम देश में पढ़ाई पर आने वाले खर्चों की तुलना विदेश की पढ़ाई से करें तो इसमें एक बड़ा अंतर देखने को मिलता है. भारत के सबसे बड़े कॉलेजों और विश्वविद्यालयों (ज्यादातर सरकार द्वारा संचालित) में फीस बेहद कम है और आम तौर पर आपके द्वारा की जाने वाली बचत इसके लिए पर्याप्त है. अगर सरकारी संस्थान में एडमिशन नहीं मिल पाता है तो एक अच्छे प्राइवेट कॉलेज में 10 से 30 लाख रुपये खर्च करके ग्रेजुएशन किया जा सकता है. इसका मतलब है कि आपको हर साल एक लाख रुपये (बच्चे की स्कूली शिक्षा के दौरान) का खर्च आएगा. इसके लिए आप फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे सुरक्षित विकल्पों में निवेश कर सकते हैं, इसके ज़रिए पढ़ाई पर आने वाली इन खर्चों को मैनेज कर सकते हैं.
moneyHOP के CEO और फाउंडर मयंक गोयल ने विदेशों में अध्ययन की जरूरत के बारे में बताते हुए कहा, “एक बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए उच्च शिक्षा बेहद महत्वपूर्ण है. कई छात्र विदेशों में पढ़ाई इसलिए करना चाहते हैं ताकि वे अपने स्किल्स को बेहतर कर सकें और एक बढ़िया नौकरी प्राप्त कर सकें. गोयल के अनुसार विदेशों में पढ़ाई की प्लानिंग करते समय इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है
सबसे पहले विदेश में पढ़ाई में आने वाले खर्च का लगाएं हिसाब
सबसे पहले यह तय करें कि आप अपने किस पसंदीदा कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना चाहते हैं. इसके बाद स्टूडेंट वीजा, हेल्थ इंश्योरेंस प्लान, रहने-खाने में आने वाला खर्च, कोर्स फीस, ट्रांसपोर्टेशन संबंधी खर्च आदि का हिसाब लगाएं और मोटे तौर पर अपना बजट बना लें.
फॉरेक्स कार्ड की ले सकते हैं मदद
अलग-अलग फॉरेन एक्सचेंज फैक्टर्स जैसे मिड-मार्केट रेट्स, वायर ट्रांसफर, और अन्य के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है. इसके लिए एक फॉरेक्स कार्ड मददगार हो सकता है. इसके ज़रिए स्टूडेंट्स करेंसी और कैश के बारे में चिंता किए बिना ही खर्च कर सकते हैं. इसके लिए आप moneyHOP जैसे फिनटेक फर्मों की मदद ले सकते हैं, जो कि वन ग्लोबल अकाउंट-वन ग्लोबल कार्ड की सुविधा प्रदान करती हैं.
इंटरनेशनल मनी ट्रांसफर के लिए चुनें बेहतर विकल्प
अपने बच्चे को विदेश में पैसा भेजना आपको महंगा लग सकता है, क्योंकि इसमें काफी ज्यादा सर्विस चार्ज लगता है और इसके साथ ही कई तरह के पेपर-वर्क भी करने पड़ते हैं. moneyHOP जैसा एक डिजिटल और पेपरलेस माध्यम इंटरनेशनल मनी ट्रांसफर को आसान बनाता है. इसमें किसी तरह का ट्रांसफर चार्ज भी नहीं लगता.
(Article : Amitava Chakrabarty)