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KVP: सरकारी स्कीम किसान विकास पत्र अब पहले से ज्यादा आकर्षक हो गई है.
Post Office Kisan Vikas Patra Investment Scheme: किसानों के नाम पर पोस्ट ऑफिस के जरिए चलाई जा रही सरकारी स्कीम किसान विकास पत्र (KVP) अब पहलने से ज्यादा आकर्षक हो गई है. केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से किसान विकास पत्र पर मिलने वाले ब्याज को 7.2 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 फीसदी सालाना कर दिया है. यानी अब मैच्योरिटी की अवधि 5 महीने कम हो गई है. पहले जहां इस स्कीम में पैसे डबल होने में 120 महीने लगते थे, अब 115 महीने में ही आपका निवेश दोगुना हो जाएगा.
किसान विकास पत्र भारत सरकार द्वारा जारी किया एक वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जहां एक तय अवधि में आपका पैसा दोगुना हो जाता है. किसान विकास पत्र देश के सभी डाकघरों और बड़े बैंकों में मौजूद है. इसमें न्यूनत निवेश 1000 रुपये का होता है. अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है. खासतौर से ये प्लान किसानों के लिए बनाया गया है, ताकि वो लंबे समय के आधार पर अपने पैसे बचा सकें.
कौन कर सकता है इसमें निवेश
किसान विकास पत्र में निवेश करने वाले की उम्र कम से कम 18 साल होना जरूरी है. इसमें सिंगल अकाउंट के अलावा ज्वॉइंट अकाउंट की भी सुविधा है. वहीं यह योजना नाबालिगों के लिए भी मैजूद है, जिसकी देखरेख अभिभावक को करना होता है. यह योजना हिंदू अविभाजित परिवार यानी HUF या NRI को छोड़कर ट्रस्ट के लिए भी लागू है.
अकाउंट ट्रांसफर करने की सुविधा
किसान विकास पत्र में निवेश करने वाले लोगों को कुछ शर्तों और परिस्थतियों में अकाउंट ट्रांसफर करने की सुविधा दी जा रही है. किसान विकास पत्र के खाताधारक की मौत के बाद उसके नोमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को अकाउंट का ट्रांसफर किया जाएगा. साथ ही ज्वॉइन्ट अकाउंट होल्डर्स में से किसी की मौत हो जाने और कोर्ट के आदेश से अकाउंट का ट्रांसफर किया जा सकता है.
लेने पड़ते हैं सर्टिफिकेट
KVP में 1000 रुपये, 5000 रुपये, 10,000 रुपये और 50,000 रुपये तक के सर्टिफिकेट हैं, जिन्हें खरीदे जा सकते हैं.
ये हैं जरूरी डॉक्युमेंट्स
KYC प्रक्रिया के लिए पहचान प्रमाण
आधार कार्ड
पैन कार्ड
वोटर आईडी कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
पासपोर्ट
KVP आवेदन पत्र
एड्रेस प्रूफ
डेथ आफ बर्थ सर्टिफिकेट
कैसे खोलें KVP अकाउंट
- आप पास के किसी भी डाकघर में जाकर फॉर्म भरकर अकाउंट खोल सकते हैं. इसके अलावा फॉर्म आनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है.
- फॉर्म पर पूरा नाम, जन्मतिथि और नामांकित व्यक्ति का पता लिखा होना चाहिए.
- फॉर्म में परचेज अमाउंट की मात्रा स्पष्ट रूप से लिखी गई होनी चाहिए.
- KVP फॉर्म की राशि का भुगतान चेक या नकद के माध्यम से किया जा सकता है.
- चेक के माध्यम से भुगतान कर रहे हैं, तो कृपया फॉर्म पर चेक नंबर की जानकारी लिखें.
- फॉर्म में स्पष्ट करें KVP एकल या ज्वॉइंट ‘ए‘ या ज्वॉइंट ‘बी‘ सदस्यता, किस आधार पर खरीदा जा रहा है.
- यदि इसे ज्वॉइंटरूप से खरीदा जाता है, तो दोनों लाभार्थियों के नाम लिखें.
- अगर लाभार्थी नाबालिग है, तो उसकी जन्म तिथि (DOB), माता–पिता का नाम, अभिभावक का नाम लिखें.
- फॉर्म जमा करने पर लाभार्थी के नाम, मेच्योरिटी तिथि और मेच्योरिटी राशि के साथ किसान विकास प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा.
KVP: टैक्स का फायदा मिलेगा या नहीं
केवीपी में निवेश करने पर आपको अर्जित लाभ की रकम पर टैक्स देना पड़ता है, जबकि अन्य स्कीम नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और पीपीएफ अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है. आयकर एक्ट के सेक्शन 80C के तहत दी जाने वाली छूट इस स्कीम पर लागू नहीं होती. यानी आपके द्वारा किया गया निवेश आयकर के दायरे में ही रहेगा, जबकि पीपीएफ खाता और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र में किए गए निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलती है. इसके अलावा बैंकों में 5 साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में किए गए निवेश को भी सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलती है.