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सिर्फ बचत करना ही अहम नहीं है, उससे भी अधिक जरूरी उस बचत को सही जगह निवेश करना है.
Investment Tips: वित्तीय आजादी को हासिल करने के लिए लंबे समय से बचत करने की सीख दी जाती रही है लेकिन यह पूरा सत्य नहीं है. बचत पहला कदम है, लेकिन वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपनी गाढ़ी कमाई को सही जगह पर निवेश से जुड़ा फैसला लेना अधिक अहम है. अपनी गाढ़ी कमाई को बढ़ाने के लिए कई विकल्पों पर गौर करना चाहिए और फिर उसके बाद निवेश करना चाहिए ताकि बढ़ती महंगाई में भी आप शानदार रिटर्न हासिल कर सके.
अपनी स्थिति की समीक्षा करें
निवेश करते समय अपनी आय, उम्र, जोखिम सहने की क्षमता और उपलब्ध समय के आधार पर फैसला लेना चाहिए. जितना जल्द निवेश शुरू करेंगे, उतना ही लंबा समय आपको अपने लिए बड़ी पूंजी तैयार करने के लिए मिलेगा.
छोटे से शुरुआत करें
निवेश के मामले में छोटी शुरुआत करना अच्छा माना जाता है. यहां तक कि 1000 रुपये प्रति माह भी एक अच्छी शुरुआत है. निवेश को एक आदत बनाना महत्वपूर्ण है, भले ही राशि कोई भी हो. शुरुआती राशि को छोटा रखने से आपको हर महीने इसकी निगरानी करने में मदद मिलती है.
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इमरजेंसी के लिए फंड बनाएं
निवेश के साथ-साथ एक इमरजेंसी फंड भी बनाना जरूरी है. इससे आपात स्थिति में पैसे की जरूरत पड़ने पर आपको अपने वित्तीय लक्ष्य प्रभावित भी नहीं होगे और पैसों का जुगाड़ भी हो जाएगा. इमरजेंसी फंड के तौर पर एफडी या लिक्विड फंड में 3-6 महीने के खर्च की बचत करें.
पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई रखें
अपने पूरे पैसों को किसी एक ही विकल्प में न निवेश करें. इसे कई हिस्सों में बांटकर इक्विटी, डेट और गोल्ड समेत कई विकल्पों में निवेश करें. ऐसा करने पर अगर किसी एक विकल्प में रिटर्न बेहतर नहीं मिलता है तो इसकी भरपाई दूसरे विकल्प से हो सकता है. इस प्रकार आपका पोर्टफोलियो संतुलित रहेगा.
इक्विटी निवेश
अपने पूंजी को इक्विटी में कम से कम तीन साल के लिए लगाएं. इसमें निवेश करते समय एक निष्क्रिय निवेश रणनीति का पालन करें.निष्क्रिय निवेश दृष्टिकोण निफ्टी 100 या सेंसेक्स जैसे इक्विटी इंडेक्स में निवेश करता है. ये एक्टिव फंड यानी सक्रिय रूप से मैनेज होने वाले फंड की तुलना में सस्ते होते हैं. पैसिव फंड 0.2% - 0.3% के बीच चार्ज करते हैं जबकि एक्टिव फंड 1% से 2% के बीच फीस लेते हैं. इसके अलावा कुछ रिसर्च के मुताबिक एक्टिव फंडों का बड़ा हिस्सा लंबी अवधि (10 वर्ष या अधिक) में पैसिव फंड्स के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने में असमर्थ हैं.
डेट और गोल्ड में निवेश
डेट में निवेश करते समय एक लिक्विड या सेविंग फंड खरीदें. इस समय यहां ब्याज दरें बढ़ रही हैं तो फ्लोटिंग ब्याज दर फंड पर भी विचार कर सकते हैं. इसके अलावा इक्विटी निवेश के जोखिम में विविधता लाने के लिए गोल्ड में निवेश करें. इक्विटी में तेज गिरावट आने पर गोल्ड में निवेश आपके पोर्टफोलियो के रिटर्न को संतुलित करेगा.
(Article: Abhinav Nayar, CEO, Mool)