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2021 में निवेश के लिए अपनाएं ये रणनीति, निवेशकों को मिलेगा बेहतर रिटर्न

इस साल निवेशकों को अपनी पूंजी को निवेश करते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए.

इस साल निवेशकों को अपनी पूंजी को निवेश करते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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FE Online
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KNOW HERE ABOUT Investment Roadmap for 2021 Proper asset allocation for good returns AND REBALANCE PORTFOLIO

डिफेंसिव सेक्टर में पर्याप्त निवेश से पोर्टफोलियो रिस्क कम होता है.

पिछले साल 2020 में इक्विटी मार्केट के प्रदर्शन से निवेशक इस साल 2021 में निवेश के लिए सकारात्मक हुए हैं. शताब्दी की सबसे भयंकर महामारी के बावजूद दुनिया भर के स्टॉक मार्केट बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. कोरोना की वैक्सीन को लेकर डेवलपमेंट प्रॉसेस और इकोनॉमिक रिकवरी के अलावा मौद्रिक व राजकोषीय नीतियों के कारण भी इक्विटी मार्केट को बेहतर सहारा मिला है.

पिछला साल 2020 निवेशकों के लिए यादगार रहेगा जब रिकॉर्ड उतार-चढ़ाव देखने को मिला. एक तरह से मार्केट इंडिसेज रोलर कोस्टर राइड पर थे. हालांकि वित्तीय लक्ष्य, वित्तीय लक्ष्य हासिल करने के लिए निर्धारित समय और रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर प्रॉपर एसेट एलोकेशन के जरिए इस तरह के उतार-चढ़ाव का पोर्टफोलियो पर अधिक असर पड़ने से रोका जा सकता है. इस साल 2021 में निवेशकों को अधिक रिटर्न पाने के लिए कई बातों को ध्यान रखना चाहिए जैसे कि पोर्टफोलियो को लगातार अपडेट करते रहें और स्पेक्यूलेटिव स्टॉक्स से दूर रहें.

कंपनियों के मुनाफे में होगी बढ़ोतरी

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आमतौर पर अधिकतर कारोबारी कोरोना महामारी से उपजी परिस्थितियों के मुताबिक अपनी तैयारियां कर रहे हैं जोकि अब न्यू नॉर्मल समझा जाने लगा है. छोटे, मध्यम और बड़ी कंपनियों की कंसॉलिडेटे बैंलेस शीट्स देखा जाए तो यह सामने आता है कि कोरोना महामारी के कारण जो नुकसान हुए हैं, उनकी रिकवरी तेजी से हो रही है. कुछ सेक्टर्स में तो रिकवरी उम्मीद से अधिक तेजी से रिकवरी हो रही है. ऐसे में निवेशक तेज रिकवरी की उम्मीद कर सकते हैं और आने वाली तिमाहियों में कंपनियों के फायदे में भी बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है.

अपने पोर्टफोलियो को फिर से बैलेंस करें

इस समय अपने पोर्टफोलियो को फिर से बैलेंस (रीबैलेंस) करने का फैसला लेना बहुत जरूरी है क्योंकि एसेट क्लास हमेशा एक ही दिशा में या समान गति से नहीं बढ़ते हैं. जिस पोर्टफोलियो में अधिकतर निवेश इक्विटी शेयर में होता है, वह इक्विटी से मिलने वाले रिटर्न पर निर्भर हो जाता है. इनकी वोलैटिलिटी बहुत अधिक होती है. निवेशकों का नियंत्रण वोलैटिलिटी पर नहीं होता है, लेकिन वे एसेट एलोकेशन के जरिए अपने पोर्टफोलियो का रिस्क कम कर सकते हैं. स्टडीज के मुताबिक जिन निवेशकों ने समय-समय पर अपने एसेट एलोकेशन को संशोधित किया है, उन्हें स्थाई पोर्टफोलियो वाले निवेशकों के मुकाबले बेहतर रिटर्न मिला है.

इन स्टॉक्स पर रखें नजर

कोरोना महामारी से उबरने के बाद इकोनॉमी में रिकवरी हो रही है. ऐसे में कई सेक्टर के स्टॉक्स से निवेशकों से अच्छा रिटर्न मिल सकता है, जिनमें 2020 में गिरावट आई थी. निवेशकों को बैंकिंग, कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स, एनर्जी और औद्योगिक गुड्स वाले स्टॉक्स पर नजर रखनी चाहिए. निवेशकों के इन सेक्टर्स के शेयरों को खरीदना चाहिए. आईटी सेक्टर में भी रिकवरी की उम्मीद है. कोरोना महामारी और वैक्सीन के बाद लक्जरी गुड्स के ऊपर खर्च बढ़ सकता है. इसके अलावा सीमेंट, हाउस मैटेरियल्स सप्लायर्स, इंडस्ट्रियल व कैपिटल गुड्स के भी स्टॉक निवेश के लिए बेहतर रहेंगे. देश में ऐसी कई फॉर्मा कंपनियां हैं जो बड़ी मात्रा में दवाइयां निर्यात करती हैं, उनके भी स्टॉक्स में निवेश के बारे में निवेशकों को सोचना चाहिए.

डिफेंसिव सेक्टर में भी करें पर्याप्त निवेश

इस साल 2021 में निवेशकों को इक्विटी पर बेहतर रिटर्न पाने की उम्मीद है लेकिन इक्विटी के साथ रिस्क हमेशा जुड़ा रहेगा. ऐसे में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में कुछ डिफेंसिव स्टॉक्स जरूर रखने चाहिए. इस प्रकार के स्टॉक्स में कम बिजनेस रिस्क रहता है और फाइनेंसियल रिस्क भी अधिक नहीं होता है. इनमें अगर गिरावट भी आती है तो वह ओवरऑल मार्केट में आई गिरावट के मुकाबले बहुत कम होती है. जैसे कि फूड एंड बीवरेज, फॉर्मा, पब्लिक यूटिलीज के स्टॉक्स. इनमें कमाई लगातार बढ़ती है और प्रदर्शन में निरंतरता रहती है.

स्पेक्यूलेटिव स्टॉक्स से रहें दूर

स्पेक्यूलेटिव कंपनी ऐसी कंपिनयां होती हैं जिनमें बहुत बड़ा रिस्क इनवॉल्व रहता है और अधिक रिटर्न की भी संभावना रहती है. हालांकि ऐसे स्टॉक्स में कम या निगेटिव रिटर्न की संभावना बहुत अधिक बनी रहती है. विशेष तौर पर स्पेक्यूलेटिव स्टॉक्स ऐसे स्टॉक को कहा जा सकता है जो ओवर-प्राइस्ड हों. इस वजह से भविष्य में कभी भी प्राइस करेक्शन होने पर निवेश पर बहुत कम या निगेटिव रिटर्न मिल सकता है. ऐसे स्टॉक्स से निवेशकों को दूर रहना चाहिए.

(Article: P Saravanan, Professor, Finance & Accounting, IIM Tiruchirappalli)

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