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Life Insurance: पहली बार ले रहे हैं टर्म लाइफ इंश्योरेंस, इन 5 बातों का रखें ध्यान

टर्म इंश्योरेंस प्लान का प्राथमिक उद्देश्य पॉलिसीधारक के निधन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में परिवार के लिए आय का विकल्प देना है.

टर्म इंश्योरेंस प्लान का प्राथमिक उद्देश्य पॉलिसीधारक के निधन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में परिवार के लिए आय का विकल्प देना है.

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FE Online
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The plan takes care of the financial goals of policyholders by giving the flexibility to choose from Endowment and Income options.

जीवन बीमा (Life Insurance) मुश्किल घड़ी में आपके परिवार के काम आता है. व्यक्ति चाहे सिंगल हो या शादीशुदा, अगर परिवार के लोग व्यक्ति की आय पर निर्भर हैं यानी वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला शख्स है तो उसके जाने के बाद जीवन बीमा उस पर निर्भर लोगों को कुछ हद तक वित्तीय तौर पर राहत देता है. जीवन बीमा एक तरह का नहीं होता. इसकी विभिन्न कैटेगरी में से एक है टर्म लाइफ इंश्योरेंस. टर्म इंश्योरेंस प्लान का प्राथमिक उद्देश्य पॉलिसीधारक के निधन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में परिवार के लिए आय का विकल्प देना है.

टर्म प्लान एक निश्चित समय के लिए खरीदा जा सकता है, जैसे 10, 20 या 30 साल. इस प्लान में चुने गए एक टेनर यानी अवधि के लिए कवरेज मिलता है. ऐसी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं होता. ये सेविंग्स/प्रॉफिट कंपोनेंट के बिना लाइफ कवर उपलब्ध कराती हैं. लिहाजा ये अन्य पॉलिसी की तुलना में सस्ती होती हैं. टर्म इंश्योरेंस में पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर पॉलिसी के तहत एश्योर्ड सम यानी एक तय रकम बेनि​फीशियरी को दी जाती है.

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पहला टर्म प्लान खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें

1. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है टर्म प्लान की कॉस्ट भी बढ़ती जाती है. यानी आपका प्रीमियम हाई रहता है. वहीं अगर कम उम्र में ही टर्म प्लान ले लिया जाए तो प्रीमियम कम रहता है. साथ ही इसे लेने के लिए मेडिकल टेस्ट की भी जरूरत नहीं होती.

2. टर्म इंश्योरेंस लेने से पहले यह कैलकुलेट करें कि आप पर निर्भर लोगों के लिए कितने कवरेज की जरूरत होगी. एक ​उचित टर्म इंश्योरेंस कवरेज आपकी सालाना इनकम और देनदारियों का 10 से 20 गुना होगा. उदाहरण के लिए, अगर आपकी सालाना इनकम 5 लाख रुपये है और आप पर 20 लाख रुपये का कर्ज है तो आपको 1 करोड़ रुपये तक के इंश्योरेंस कवर के लिए अप्लाई करना होगा. इतना कवरेज आपके कर्ज और आपके परिवार की आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी होगा.

3. यह भी तय करें कि आप कितने वक्त तक काम करना चाहते हैं. टर्म प्लान को आपके वर्किंग ईयर्स को कवर करने वाला होना चाहिए क्योंकि उसके बाद आपकी कोई इनकम नहीं रहेगी. इसलिए अगर आप 25 साल के हैं और आगे 60 साल की उम्र तक काम करना चाहते हैं तो आपको अपनी इनकम कवर कराने के लिए 35 साल के टेनर के लिए अप्लाई करना होगा.

4. टर्म प्लान लेने से पहले विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों के टर्म प्लान्स के बारे में पता कर लें. उसके बाद वह प्लान चुनें जो सबसे कम प्रीमियम पर सबसे ज्यादा कवरेज दे रहा हो. कुछ इंश्योरर एक्सीडेंट के मामले में प्रीमियम में छूट, अतिरिक्त अमाउंट के जरिए प्लान के साथ राइडर्स आदि ऑफर कर सकते हैं. इसलिए पहले सभी की पॉलिसीज को कंपेयर करें, उसके बाद चुनें.

5. टर्म प्लान लेने से पहले इंश्योरर के क्लेम सेटलमेंट रेशियो को भी देख लें. क्लेम सेटलमेंट रेशियो यानी एक साल में आए क्लेम्स में से कितने सेटल किए गए, इसका आंकड़ा होता है.

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