/financial-express-hindi/media/post_banners/3trDHnt3OG3x9iP2Woqo.jpg)
Image: Reuters
/financial-express-hindi/media/post_attachments/1mSmf9k1lyDn7xtiOqiR.jpg)
भारतीयों का सोने के प्रति लगाव जगजाहिर है. इसे कई लोग निवेश विकल्प के रूप में भी देखते हैं. सोने के आभूषण, बार या अन्य फिजिकल फॉर्म में इसकी खरीदी होती है. कई लोग सोने को घर में ही रखने में विश्वास रखते हैं. लेकिन आयकर नियमों के मुताबिक घर पर एक तय सीमा में ही सोना रखा जा सकता है. आयकर नियमों के अनुसार, अगर कोई गोल्ड कहां से आया है, इसका वैलिड सोर्स व प्रूफ देता है तो वह घर में जितनी मर्जी उतना सोना रख सकता है.
लेकिन बिना वैलिड सोर्स घर में एक तय सीमा में ही सोना रख सकते हैं. होस्टबुक्स लिमिटेड के फाउंडर व चेयरमैन कपिल राना के मुताबिक, बिना इनकम सोर्स बताए घर में सोना रखने की एक सीमा है. विवाहित महिला घर में 500 ग्राम, अविवाहित महिला 250 ग्राम और पुरुष केवल 100 ग्राम सोना बिना इनकम प्रूफ दिए भी रख सकते हैं. तीनों कैटेगरी में तय सीमा में सोना घर में रखने पर आयकर विभाग सोने के आभूषण जब्त नहीं करेगा.
लेकिन अगर अलग-अलग कैटेगरी के लोगों के लिए तय सीमा से अधिक सोना घर में रखते हैं तो आपको इनकम प्रूफ देना होगा और यह सोना कहां से आया, यह सबूत के साथ बताना होगा. सीबीडीटी ने 1 दिसंबर 2016 को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया था कि अगर किसी नागरिक के पास विरासत में मिले गोल्ड समेत, उसके पास उपलब्ध सोने का वैलिड सोर्स है और वह इसका प्रमाण दे सकता है तो नागरिक कितनी भी गोल्ड ज्वैलरी व ऑर्नामेंट्स रख सकता है. यानी वैलिड इनकम सोर्स दर्शाने पर घर में सोना रखने पर कोई लिमिट नहीं है.
गिफ्ट या विरासत में मिला सोना टैक्सेबल नहीं
आयकर नियमों के अनुसार, गिफ्ट के रूप में मिली 50000 रुपये से कम की ज्वैलरी या विरासत/वसीयत में मिला गोल्ड या गोल्ड ज्वैलरी व ऑर्नामेंट्स टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं. लेकिन यह साबित करना होता है कि यह सोना गिफ्टेड है या विरासत में मिला है. अगर किसी को गिफ्ट या विरासत में सोना मिला है तो इस साबित करने के लिए गोल्ड जिसने गिफ्ट किया, उसके नाम पर मौजूद रसीद समेत डिटेल्स की आवश्यकता पड़ सकती है. वहीं अगर वसीयत या विरासत में सोना मिला है तो फैमिली सेटलमेंट एग्रीमेंट, वसीयत या गोल्ड तोहफे के रूप में ट्रांसफर करने का एग्रीमेंट आदि प्रूफ के रूप में काम आ सकते हैं.
आयकर रिटर्न में देनी होती है डिटेल
अगर व्यक्ति की कर योग्य सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक है तो उसे आभूषणों और उनकी वैल्यू का ब्यौरा आयकर रिटर्न में देना होता है. ध्यान रखना चाहिए कि रिटर्न में आभूषणों की घोषित वैल्यू और उनकी वास्तविक वैल्यू में कोई अंतर न हो. अगर ऐसा हुआ तो व्यक्ति को इस अंतर का कारण बताना होगा.
Story By: Priyadarshini Maji