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Liquid Funds: रेट हाइक के बीच लिक्विड फंडों का बीते 1 साल का रिटर्न बेहतर हुआ है.
Liquid Funds Return: ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है. मई 2022 से अबतक आरबीआई ने रेपो रेट में 2.5 फीसदी का इजाफा किया है. ग्लोबल सेंट्रल बैंक भी दरों में इजाफा कर रहे हैं. ऐसे में शॉर्ट टर्म में मैच्योर होने वाले लिक्विड फंड की यील्ड भी मजबूत हुई है. ब्याज दरों में आगे भी बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे लिक्विड फंड की यील्ड आगे भी मजबूत बनी रहेगी. एक्सपर्ट का कहना है कि मौजूदा समय में शॉर्ट टर्म इन्वेस्ट खासतौर से इमरजेंसी फंड के लिए लिक्विड फंड एक मजबूत विकल्प है. बीते 1 साल का रिटर्न देखें तो न सिर्फ इसमें इजाफा हुआ है, बल्कि यह बचत खाते ही नहीं, 1 साल की एफडी से भी ऊंचा रहा है.
1 साल में बेस्ट रिटर्न वाली 10 स्कीम
DSP Flexi Cap Fund: 6.75%
Mahindra Manulife Liquid Fund: 5.50%
Navi Liquid Fund: 5.50%
Baroda BNP Paribas Liquid Fund: 5.50%
Bank of India Liquid Fund: 5.50%
Aditya Birla Sun Life Liquid Fund: 5.50%
Sundaram Liquid Fund: 5.50%
Axis Liquid Fund: 5.50%
Union Liquid Fund: 5.50%
HSBC Liquid Fund: 5.50%
जबकि इस दौरान ज्यादातर बैंकों में 1 साल की एफडी का रिटर्न इन फंड के रिटर्न से कम है. वहीं बचत खाते पर 3 से 3.5 फीसदी सालाना ब्याज ही मिल रहा है.
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क्यों सेफ माने जाते हैं लिक्विड फंड
लिक्विड फंड सेफ माने जाते हैं क्योंकि ये शॉर्ट टर्म के लिए बॉन्ड में निवेश करते हैं. लिक्विड फंडों पर ब्याज दर के उतार-चढ़ाव का जोखिम सबसे कम होता है, क्योंकि ये शॉर्ट टर्म की मैच्योरिटी वाले फिक्स्ड इनकम सिक्युरिटीज में निवेश करते हैं.
शॉर्ट टर्म के लिए बेस्ट विकल्प
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि अगर आपके पास सरप्लस कैश है तो शॉर्ट टर्म के लिए इसे लिक्विड फंड में लगा सकते हैं, जो आपके लिए एक इमरजेंसी फंड का काम करेगा. शॉर्ट टर्म के लिहाज से लिक्विड फंड में अभी रिटर्न ज्यादा मिल रहा है. दूसरा फायदा यह है कि इसे सेविंग अकाउंट की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. जब चाहे, आप अपना पैसा निकाल सकते हें. इसमें शॉर्ट टर्म एफडी की तरह कोई लॉक इन पीरियड नहीं है. न ही कोई एग्जिट लोड है.
1 साल का रिटर्न बढ़ा
निगम का कहना है कि लिक्विड स्कीमों की यील्ड-टू-मैच्योरिटी (YTM) पिछले एक साल में बढ़ी है. बीते 1 साल के दौरान बहुत से ऐसे फंड हैं, जिनमें 5.5 से 6.5 फीसदी सालाना रिटर्न मिला है. अगर नीतिगत ब्याज दरें यहां से ऊपर नहीं जाती हैं, तो उन्हें नीचे आने में कुछ समय लगेगा, जो लिक्विड फंड के लिए पॉजिटिव है. ऐसे में बैंक में पैसा जमा करने से बेहतर है कि निवेशक लिक्विड फंड के जरिए बेहतर मुनाफा हासिल करें. वैसे भी लिक्विड फंड का इस्तेमाल निवेशकों द्वारा शॉर्ट टर्म के लिए पैसा पार्क करने के लिए किया जाता है.
लेकिन इन बातों पर ध्यान दें
हालांकि उनकी यह सलाह है कि कि सरप्लस कैश ही लिक्विड फंड में निवेश करें, ना कि पूरा पैसा. उनका यह भी कहना है कि लिक्विड फंड के अलावा ओवरनाइट फंड, अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड और शॉर्ट ड्यूरेशन फंड के साथ ही 1 साल की एफडी भी अभी विकल्प हो सकते हैं. उनका कहना है कि लॉन्ग टर्म डेड फंड में अभी सतर्क रहना बेहतर है, क्योंकि क्योंकि यील्ड में उतार चढ़ाव, ब्याज दरों में उतार चढ़ाव पर निर्भर है. निवेश का लक्ष्य लॉन्ग टर्म है, तो एक्सपर्ट से सलाह लेकर दूसरे विकल्पों पर विचार कर सकते हैं.
क्या है लिक्विड फंड
लिक्विड फंड डेट म्यूचुअल फंड हैं, जो गवर्नमेंट सिक्युरिटीज, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट, ट्रेजरी बिल्स, कमर्शियल पेपर्स और दूसरे डेट इंस्टू्मेंट्स में निवेश करते हैं. ये ऐसे फंड होते हैं, जिनमें 91 दिन तक मैच्योरिटी पीरियड यानी छोटी अवधि के लिए भी निवेश किया जा सकता है. इनमें जोखिम भी कम होता है. लिक्विड फंड का दूसरा नाम है कैश फंड और इसका मकसद है ज्यादा लिक्विडिटी, कम जोखिम और स्थिर रिटर्न.