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Liquid Funds: लिक्विड फंड भी एक डेट फंड हैं, जिनकी मैच्योरिटी सिर्फ 91 दिनों की है. (file image)
Liquid Funds/Debt Funds: डेट फंड कैटेगरी की बात करें तो इसे अलग अलग स्कीम की मैच्योरिटी पीरियड या अंडरलाइंग सिक्योरिटी के आधार पर कई सब-कैटेगरीज में बांटा गया है. इनमें एक सब कैटेगरी लिक्विड अपनी हाई लिक्विडिटी प्रदान करने की क्षमता के चलते लंबे समय से कॉरपोरेट्, एचएनआई के साथ ही रिटेल इन्वेस्टर्स के बीच भी पॉपुलर रहे हैं. लिक्विड फंड भी एक डेट फंड हैं, जिनकी मैच्योरिटी सिर्फ 91 दिनों की है. यानी ये उन सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, जिनकी मैच्योरिटी 91 दिनों से अधिक नहीं होती है. निवेशकों का ज्यादातर पैसा इसके जरिए मनी मार्केट विकल्पों, शॉर्ट टर्म कॉरपोरेट डिॉजिट्स और ट्रीजरी में लगाया जाता है.
लिक्विड फंड कैसे करते हैं काम
लिक्विड फंड का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को हाई लेवल की लिक्विडिटी यानी तरलता और उनके कैपिटल की सुरक्षा प्रदान करना है. इस वजह से फंड मैनेजर हाई रेट वाले डेट विकल्पों में निवेश करता है, जो सिर्फ 91 दिनों में मैच्योर होते हैं. आवंटित अनुपात फंड के निवेश उद्देश्य के अनुसार हैं. फंड मैनेजर यह सुनिश्चित करेगा कि पोर्टफोलियो की एवरेज मैच्योरिटी 3 महीने हो. इससे ब्याज दर में उतार-चढ़ाव के प्रति फंड के रिटर्न की सेंसिटिविटी कम हो जाती है और लिक्विड फंड में रिस्क कम हो जाता है.
बचते खाते की तरह कर सकते हैं इस्तेमाल, रिटर्न भी ज्यादा
फंड वैल्यू में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव का अनुभव नहीं होता है. इसके अतिरिक्त, अंडरलाइंग सिक्योरिटीज की मैच्योरिटी पोर्टफोलियो की मैच्योरिटी से मेल खाती है. यह अधिक रिटर्न देने में मदद करता है. लिक्विड फंड आपके पास बचत खाते में या घर में पड़ी रकम को किसी सेफ स्कीम में लगातकर हाई रिटर्न पाने का एक बेहतरीन विकल्प है. ये कम जोखिम वाला विकल्प है, जो नियमित बचत बैंक खाते की तुलना में अधिक रिटर्न देते हैं. वहीं लिक्विड फंड में बैंकों के बचत खाते की तरह लिक्विडिटी भी मिलती है. इन फंडों में लॉक-इन अवधि नहीं होती है. आप लिक्विड फंड को नियमित बचत खाते के रूप में उपयोग कर सकते हैं और हाई रिटर्न अर्जित कर सकते हैं.
लिक्विड फंड में किसे करना चाहिए निवेश
लिक्विड फंड उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प हैं, जिनके पास पर्याप्त कैश है और वे शॉर्ट टर्म निवेश के साधन तलाश रहे हैं. वे अपनी रकम को बचत खाते में रखने के बजाय, लिक्विड फंड में निवेश कर सकते हैं. यहां बचत खाते की तुलना में डबल रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है. परफॉर्मेंस-बेस्ड इंसेंटिव, बोनस और कैपिटल एसेट बेचकर प्राप्त अन्य रेलिवेंट गेंस से मिली रकम का इस्तेमाल इस फंड में निवेश करने के लिए कर सकते हैं. लिक्विड फंड को इक्विटी फंड में निवेश के माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. आप शुरुआत में पैसे को लिक्विड फंड में निवेश कर सकते हैं और फिर एक तय अवधि में अपनी पसंद के इक्विटी फंड में सिस्टमैटिक ट्रांसफर कर सकते हैं.
क्या हैं टैक्स के नियम
जब आप डेट फंड में निवेश करते हैं, तो आप कैपिटल गेंस कमाते हैं और उन पर टैक्स लगता है. टैक्सेशन की दर इस बात पर निर्भर करती है कि आप डेट फंड में कितने समय तक निवेशित रहते हैं. जिस अवधि तक आप निवेशित रहते हैं उसे होल्डिंग अवधि के रूप में जाना जाता है. लिक्विड फंड डेट फंडों का एक वर्ग है, इसलिए पहले 3 साल में हासिल गेंस को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) के रूप में जाना जाता है. 3 साल या उससे अधिक के बाद किए गए पूंजीगत लाभ को लॉन्ग् टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) के रूप में जाना जाता है. डेट फंड से प्राप्त STCG को आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है और उसपर इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स लगाया जाता है. डेट फंडों से प्राप्त LTCG पर इंडेक्सेशन के बाद 20 फीसदी की समान दर से टैक्स लगता है. सभी म्यूचुअल फंडों द्वारा दिए गए डिविडेंड को आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है और आपके स्लैब के आधार पर टैक्स लगाया जाता है.
1 साल में बेस्ट रिटर्न वाले फंड
Aditya Birla Sun Life Liquid Fund: 7.49%
Axis Liquid Fund: 7.47%
UTI Liquid Fund – Cash Plan: 7.47%
ICICI Prudential Liquid Fund: 7.40%
L&T Liquid Fund: 7.37%
(source: value research, cleartax)