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सस्ते कर्ज का दौर अब थम गया है.
Loan Rate after Repo Rate Hike: सस्ते कर्ज का दौर अब थम गया है. केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) ने जब से रेपो रेट में बढ़ोतरी किया है, कई बैंकों ने भी अपने यहां कर्ज महंगा कर दिया है. आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ इंडिया (BOI), इंडियन बैंक (Indian Bank), केनरा बैंक और एचडीएफसी (HDFC), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) सहित कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने कर्ज महंगा किया है.
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नीतिगत दरें बढ़ने के बाद यहां महंगा हो चुका है कर्ज
- आरबीआई के ऐलान के बाद निजी सेक्टर के दिग्गज बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने रेपो से जुड़ी एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) को 8.10 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.60 प्रतिशत कर दिया.
- जिस दिन (8 जून) आरबीआई ने रेपो रेट को 4.90 फीसदी किया, उसी दिन सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने रेपो से जुड़े लेंडिंग रेट (RLLR) को 6.90 फीसदी से बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया.
- बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने एक साल के एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.50 फीसदी कर दिया है जो 12 जून से प्रभावी हैं.
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- बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट से जुड़े कर्ज को 7.25 फीसदी से बढ़ाकर 7.75 फीसदी कर दिया है.
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 11 जून से एक साल का एमसीएलआर बढ़कर 7.45 फीसदी हो गया है.
कुछ बैंकों-वित्तीय संस्थानों में ही पहले ही हो गई बढ़ोतरी
रेपो रेट में हाइक की संभावना को देखते हुए कुछ बैंकों और वित्तीय संस्थानों में पहले ही कर्ज महंगा कर दिया था.
- निजी सेक्टर के एचडीएफसी (HDFC) ने रेपो रेट हाइक से पहले हाउसिंग लोन पर रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट को 0.05 फीसदी बढ़ा दिया था. रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद एचडीएफसी ने एक बार फिर 10 जून को इसे 0.50 फीसदी और बढ़ा दिया.
- एचडीएफसी बैंक ने सात जून को एमसीएलआर 0.35 फीसदी बढ़ा दिया. इस फैसले के बाद बैंक में एक साल का एमसीएलआर 7.85 फीसदी हो गया.
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- केनरा बैंक ने सात जून को ही एक साल वाला एमसीएलआर 7.35 फीसदी से बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया.
- पीएनबी ने एक जून से कर्ज महंगा कर दिया और फिर आठ जून को भी दर बढ़ाने का फैसला किया.
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Repo Rate में बढ़ोतरी के बाद क्यों महंगा होता है कर्ज?
जब बैंकों को थोड़े समय के लिए पैसे की जरूरत होती है तो आरबीआई उसे जिस दर पर कर्ज देता है, वह रेपो रेट हैं. ऐसे में रेपो रेट बढ़ने पर बैंकों को आरबीआई से कर्ज लेना महंगा हो जाता है. इसके बाद जब बैंक अपने ग्राहकों को कर्ज देते हैं तो वे इस पर भी अधिक ब्याज वसूलते हैं. आरबीआई ने हर दो महीने पर होने वाली एमपीसी में बेंचमार्क रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाकर तत्काल प्रभाव से 4.90 फीसदी कर दिया था. इससे पहले मई में आरबीआई ने एकाएक रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाया था यानी दो बार में नीतिगत दर 0.90 फीसदी बढ़ चुकी है.