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आज के दौर में इन्वेस्टमेंट के लिए ESG थीम पर निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है.
ESG Investment Trend: आज के दौर में इन्वेस्टमेंट के लिए ESG थीम पर निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है. ESG असल में एनवायरमेंटल, सोशल और कॉरपोरेट गवर्नेंस का संक्षिप्त रूप है. यह निवेश के लिए नए जमाने का विकल्प बनकर उभरा है. म्यूचुअल फंड कंपनियों को भी ESG थीम पसंद आ रही है. वहीं ज्यादा से ज्यादा कॉरपोरेट भी पर्यावरण संबंधी विषयों, सोशल और गवर्नेंस के सिद्धांतों को मुख्यधारा में ला रहे हैं. इससे यह साफ है कि ये कंपनियां ESG के नियमों का पालन करते हुए अपना बिजनेस बढ़ाने पर फोकस कर रही हैं.
ESG में निवेश का मतलब ऐसे विकल्पों में निवेश से है, जो एनवायरमेंटल, सोशल और गवर्नेंस संबंधी हाई स्टैंडर्ड को पूरा करते हैं. निवेशकों का मानना है कि जिन कंपनियों का मैनेजमेंट इन सिद्धांतों को अपनाता है, उसमें भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता होती है और साथ ही उनमें वित्तीय जोखिम भी कम होता है.
रिस्क से सुरक्षा, रिटर्न बेहतर
एनवायरमेंटल, सोशल और कॉरपोरेट गवर्नेंस के मामले में मजबूत कंपनियों में निवेश से आर्थिक संकट के दौरान जोखिम से सुरक्षा मिलती है. वहीं ये कंपनियां रिटर्न के मामले में एनवायरमेंटल, सोशल और कॉरपोरेट गवर्नेंस में कमजोर कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करती हैं.
म्यूचुअल फंड्स का भी ESG थीम पर भरोसा
जहां तक निवेशकों की बात है जब वे कॉर्पोरेट प्रदर्शन और जोखिम का आकलन करते हैं, तो उनकी ओर से स्टेबल, रिस्पांसिबल और एथिकल प्रैक्टिस को कंसीडर किया जाता है. वहीं अब एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को भी ESG थीम पसंद आ रही है. एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऐसी कंपनियों में सक्रिय निवेशकों के रूप में भूमिका निभा रही हैं.
बैंकिंग और नॉन बैकिंग सेक्टर के लिए भी महत्वपूर्ण
बैंकों के साथ ही नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सेक्टर के लिए ESG थीम महत्वपूर्ण है. क्योंकि उनकी क्रेडिट मूल्यांकन में ESG से जुड़े जोखिम को ध्यान में रखना जरूरी होता जा रहा है. ऐसा इसलिए है जिससे रिस्क कम किया जा सके और सही वैल्यू तय हो सके. साथ ही लोन एग्रीमेंट और टेन्योर को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके.
ESG अपनाने से कंपनियों को भी फायदा
ESG का कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन के साथ सकारात्मक संबंध है. इन सिद्धांतों को अपनाने से कॉर्पोरेट ग्रोथ बेहतर होती है. क्योंकि इसका फायदा यह है कि इसके जरिए सही संधाधनों के इस्तेमाल से टॉपलाइन ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है और कम लागत पर पूंजी जुटाने में मदद मिलती है.
वहीं इससे कंपनी की इमेज बेहतर करने में मदद मिलती है. वहीं निवेशकों का फोकस भी ऐसी कंपनियों पर बढ़ जाता है. ऐसा देखा गया है कि ईएसजी से संबंधित निगेटिव खबरें किसी कंपनी के शेयर के रिटर्न को बिगाड़ सकती हैं. इसी वजह से भारत सहित दुनिया की तमाम कंपनियां तेजी से ESG मेट्रिक्स की रिपोर्ट कर रही हैं.
फाइनेंशियल सिस्टम मजबूत करने में मदद
ESG थीम से वित्तीय प्रणाली (NGFS) और बैंकिंग नेटवर्क (SBN) को मजबूत करने में मदद मिल रही है. हाल फिलहाल में ग्रीन फाइनेंस पर भारत की पहल मजबूत हुई है.
ईएसजी पॉलिसी और कल्चर
भले ही निवेशकों का एक बड़ा वर्ग ESG मूल्यांकन के प्रारंभिक चरण में हैं, अधिकांश बड़े वैश्विक संस्थागत निवेशकों के पास अच्छी तरह से डिफाइन ESG पॉलिसी हैं. कई म्यूचुअल फंड ने ESG थीम को अपनाया है.
हाल फिलहाल में जो स्ट्रैटेजी अपनाई गई है उनमें कहा गया है कि ऐसी कंपनियों में निवेश सेबचना चाहिए, जो ESG पैरामीटर में खराब स्कोर करती हैं. इसी वजह से स्मार्ट निवेशक ESG बेस्ड निवेश पर फोकस कर रहे हैं.
(लेखक- राहुल प्रिथियानी , सीनियर डायरेक्टर-सस्टेनेबिलिटी, एनर्जी एंड कमोडिटीज, क्रिसिल)