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LVB Amalgamation With DBS Bank: 27 नवंबर को लक्ष्मी विलास बैंक का सिंगापुर बेस्ड DBS बैंक के इंडिया इकाई (DBIL) में मर्जर हो गया.
LVB Amalgamation With DBS Bank: 27 नवंबर को लक्ष्मी विलास बैंक का सिंगापुर बेस्ड DBS बैंक के इंडिया इकाई (DBIL) में मर्जर हो गया. आरबीआई ने कैश क्राइसिस में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक के मर्जर प्लान के साथ ही बैंक को डूबने से बचा लिया है. 27 नवंबर से ही लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड की सभी ब्रांच DBS बैंक इंडिया लिमिटेड की ब्रांच के तौर पर काम कर रही हैं. सवाल उठता है कि जब लक्ष्मी विलास बैंक अब डीबीएस बैंक का हो चुका है तो बैंक एफडी या बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज भी डीबीएस बैंक की तरह होगा. ब्याज में यह परिवर्तन कब से लागू होगा.
क्या है ये पूरी डील
आरबीआई के प्लान के मुताबिक सिंगापुर सरकार समर्थित डीबीएस, लक्ष्मी विलास बैंक में 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा. इस डील के तहत DBS इंडिया को 563 ब्रांच, 974 ATM और रिटेल बिजनेस में 1.6 अरब डॉलर की फ्रेंचाइजी मिलेगी. वहीं, 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक की इक्विटी भी पूरी तरह खत्म हो जाएगी. बैंक का पूरा डिपॉजिट DBS इंडिया के पास चला जाएगा. इसके तहत लक्ष्मी विलास बैंक की शाखाओं के जरिये डीबीएस बैंक की पहुंच इसके होम, पर्सनल लोन और स्मॉल स्केल इंडस्ट्री लोन ग्राहकों तक हो जाएगी.
FD पर कितना ब्याज
मर्जर से लक्ष्मी विलास बैंक के डिपॉजिटर्स की चिंताएं खत्म होंगी और स्थिरता मिलेगी. मर्जर के साथ ही 27 नवंबर से बैंक पर लगा मोरेटोरियम भी हट गया है. LVB के कस्टमर्स को सभी बैंकिंग सुविधाएं मिलने लगी हैं. जहां तक बैंक एफडी और बचत खाते पर ब्याज दर की बात है, उसमें अगली किसी सूचना तक किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया जाएगा. लक्ष्मी विलास बैंक की ओर से जो ब्याज आफर किया गया था, वह अगली सूचना तक नहीं बदलेगा. हालांकि बेंक सभी कर्मचारी अब डीबीएस बैंक के कर्मचारी माने जाएंगे. वे LVB की ओर तय किए गए टर्म और कंडीशंस के हिसाब से काम कर सकेंगे.
DBS बैंक इंडिया लिमिटेड के सीईओ सुरजीत शोम का कहना है कि LVB के विलय ने हमें LVB के जमाकर्ताओं और कर्मचारियों को स्थिरता प्रदान करने में सक्षम बनाया है. यह हमें उन ग्राहकों और शहरों के एक बड़े समूह तक पहुंच भी देता है जहां हमारी मौजूदगी नहीं है. हम LVB के ग्राहकों के लिए एक मजबूत बैंकिंग पार्टनर बनने की दिशा में अपने नए सहयोगियों के साथ काम करने की आशा करते हैं.
कैसे बढ़ेगी डील
डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL) अच्छी तरह से कैपिटलाइज्ड है. बैंक की कैपिटल एडीक्वेसी रेश्यो (CAR) अमलगमेशन के बाद भी नियामक आवश्यकताओं से ऊपर रहेगी. इसके अतिरिक्त, डीबीएस ग्रुप मर्जर को सपोर्ट करने और भविष्य में विकास के लिए 2500 करोड़ रुपये (SGD 463 मिलियन) का DBIL में निवेश करेगा. यह डीबीएस ग्रुप के मौजूदा संसाधनों से फुली फंडेड होगा.