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कई निवेशकों ने इस साल आईपीओ लिस्टिंग से खूब पैसा कमाया है.
Income Tax on IPO Listing Gains: कई निवेशकों ने इस साल आईपीओ लिस्टिंग से खूब पैसा कमाया है. कई कंपनियां बाजार की तेजी का फायदा उठाने व अपनी फंड की जरूरतों को पूरा करने के लिए आईपीओ लेकर आई हैं. निवेशकों के लिए आईपीओ में निवेश करते हुए कम समय में पैसा कमाने का यह एक अच्छा मौका है. हालांकि अगर पेटीएम शेयर लिस्टिंग को छोड़ दिया जाए तो, अन्य आईपीओ ने निवेशकों को ज्यादा निराश नहीं किया.
उदाहरण के लिए, Nykaa आईपीओ ने कई निवेशकों को करोड़पति बनाया. Nykaa के शेयर 2018 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए. मान लीजिए कि अगर किसी निवेशक ने 1125 रुपये के भाव पर नायका के 100 शेयर खरीदे हों और अलॉटमेंट के बाद लिस्ट होने पर शेयरों को बेच दिया हो, तो उसे 2,01,800 रुपये - 1,12,500 रुपये = 89,300 रुपये का फायदा हुआ होगा. इस आय को इनकम टैक्स नियमों के तहत कैपिटल गेन माना जाता है.
क्या आईपीओ से होने वाले लिस्टिंग गेन के लिए अलग है टैक्स रूल
नहीं, आईपीओ से लिस्टिंग गेन के लिए कोई अलग टैक्स नियम नहीं है. Tax2win के को-फाउंडर और CEO अभिषेक सोनी के अनुसार, आईपीओ से होने वाले लिस्टिंग गेन के लिए और शेयरों की बिक्री से होने वाले कैपिटल गेन/लॉस के लिए टैक्स नियम समान हैं. सोनी ने FE ऑनलाइन को बताया, "शेयरों की लिस्टिंग गेन/लॉस के टैक्सेशन के लिए कोई अलग कॉन्सेप्ट नहीं है, इसमें शेयरों की बिक्री पर कैपिटल गेन/लॉस के नियम ही लागू होते हैं."
सोनी ने आगे कहा, “अगर आईपीओ में आवंटित शेयर होल्डिंग के 12 महीनों के भीतर बेचे जाते हैं तो प्राप्त लाभ / हानि को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन / लॉस माना जाएगा और इस पर 15% टैक्स देना होगा. अगर निवेशक एक वर्ष के बाद शेयर बेचता है तो इसे लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन माना जाता है और अगर गेन अमाउंट एक लाख रुपये से ज्यादा हो तो इस पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा. एक लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं लगता है."
टैक्सपेयर्स को अपने आयकर रिटर्न में आईपीओ लिस्टिंग से लाभ/हानि का खुलासा करना आवश्यक है. आयकर नियमों के अनुसार, अगर कोई करदाता इस साल शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस को सेट ऑफ करने में असमर्थ है, तो वह इस साल आईटीआर फाइल करने पर इसे 8 साल तक आगे बढ़ा सकता है.
(Article: Rajeev Kumar)