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खाद्य तेल के दाम एक साल में लगभग 40 फीसदी से अधिक बढ़ चुके हैं.
दिवाली में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कई खाद्य तेल कंपनियां दाम घटाने की तैयारी कर रही हैं. अडानी विलमार और रुचि सोया ने तो इसकी शुरुआत भी कर दी है. दोनों ने अपने ब्रांड के खाद्य तेलों के थोक दाम चार से सात रुपये किलो घटा दिए हैं. अब दूसरी कंपनियां भी दाम घटा सकती हैं.
कई नामी कंपनियों ने घटाए दाम
जिन अन्य कंपनियों ने खाद्य तेल के दाम घटाएं हैं उनमें जेमिनी एडिबल्स एंड फैट्स ( हैदराबाद, मोदी नेचुरल्स ( दिल्ली), गोकुल रीफ्यॉल्स एंड सॉल्वेंट ( सिधपुर) विजय सॉलवेक्स (अलवर), गोकुल एग्रो रिसोर्सेज और एनके प्रोटीन प्राइवेट लिमिटेड ( अहमदाबाद) शामिल हैं. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर एसोसिएशन यानी SEA के प्रेसिडेंट अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि संगठन ने कंपनियों से दाम घटाने की अपील की थी, जिसका उन्होंंने काफी अच्छा रेस्पॉन्स दिया. कंपनियों ने कहा है कि वह प्रति टन दाम में 4000 से 7000 रुपये की कटौती करेंगीं. यानी खाने का तेल चार से सात रुपये प्रति किलो कम हो जाएगा.
एक साल में खाद्य तेल के दाम 45 फीसदी बढ़े
चतुर्वेदी ने कहा कि इस साल मूंगफली और सोयाबीन की खेती अच्छी होगी. सरसों की बुवाई भी काफी अच्छी रही है. उम्मीद है कि अच्छी फसल होगी. कैनोला की फसल भी काफी अच्छी होने के आसार हैं. इसके साथ अंतरराष्ट्रीय मार्केट में सप्लाई की दिक्कत अब कम हो रही है. इससे आने वाले दिनों में तेल के दाम गिर सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय मार्केट में खाद्य तेल की कीमतें काफी बढ़ गई हैं. इसका असर घरेलू बाजार पर पड़ा है. सरकार ने घरेलू बाजार में कीमतों में नरमी के लिए खाद्य तेलों के व्यापारियों पर 31 मार्च तक स्टॉक या स्टोरेज की सीमा लगा दी है. हालांकि, कुछ आयातकों-निर्यातकों को इससे छूट दी गई है.
खाद्य मामलों के मंत्रालय के मुताबिक सोयाबीन ऑयल की औसत कीमत 6 अक्टूबर को 154.95 रुपये दर्ज की गई. इस साल यह दाम पिछले साल के भाव 106 रुपये प्रति लीटर से 46.15 फीसदी ज्यादा है. सरसों तेल के दाम 200 रुपये प्रति लीटर तक चले गए हैं. दूसरे खाद्य तेलों का भी यही हाल है.