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यह बड़े ट्रांजेक्शंस में काम आता है.
देश में 14 दिसंबर से रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सुविधा 24 घंटे, सातों दिन उपलब्ध हो चुकी है. अब ग्राहक साल में किसी भी दिन इस सुविधा से पैसों का लेनदेन कर सकते हैं. RTGS के जरिए तुरंत फंड ट्रांसफर किया जा सकता है. यह बड़े ट्रांजेक्शंस में काम आता है. RTGS के जरिए एक बार में 2 लाख रुपये से कम अमाउंट ट्रांसफर नहीं हो सकता है. वहीं मैक्सिमम अमाउंट की लिमिट अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग है.
ग्राहक RTGS को ऑनलाइन और बैंक ब्रांच दोनों माध्यमों से इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन यहां यह बात गौर करने वाली है कि देश की हर बैंक ब्रांच में RTGS का फायदा नहीं लिया जा सकता. RTGS और NEFT सुविधाएं कुछ विशिष्ट बैंक ब्रांच में ही उपलब्ध हैं. नवंबर 2020 तक भारत में कौन सी बैंक ब्रांच RTGS सुविधा उपलब्ध करा रही थीं, इसकी लिस्ट यहां देखी जा सकती है.. https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/RTGS/PDFs/RTGEB0815.PDF
RTGS करने के लिए क्या जरूरी?
- ऑनलाइन RTGS के मामले में इंटरनेट बैंकिंग चालू होना
- भेजी जाने वाली धनराशि
- अकाउंट नंबर, जिससे भेजे जाने वाले पैसे कटने हैं
- लाभार्थी बैंक का नाम
- लाभार्थी ग्राहक का नाम
- लाभार्थी ग्राहक का अकाउंट नंबर
- पैसे भेजने वाले से प्राप्तकर्ता को सूचना, यदि कोई है
- पैसे प्राप्तकर्ता बैंक शाखा का IFSC कोड (IFSC कोड चेक और पासबुक पर प्रिंट होता है.)
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RTGS ट्रांजेक्शन लाभार्थी खाते में क्रेडिट नहीं हुआ तो...
RTGS से भेजे गए पैसे अगर लाभार्थी का बैंक, लाभार्थी के खाते में किसी कारणवश क्रेडिट करने में विफल हो जाता है तो लाभार्थी बैंक 2 घंटे के अंदर सेंडर बैंक को राशि वापस कर देगा. उसके बाद पैसे भेजने वाले के अकाउंट में वापस आ जाते हैं. RTGS के जरिए इस वक्त देश में 237 बैंकों के बीच रोज 6.35 लाख ट्रांजेक्शन होते हैं, जिनकी वैल्यू 4.17 लाख करोड़ रुपये है.
Source: SBI, PNB