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Liquid Funds: जुलाई 2023 में लिक्विड फंड कैटेगरी में कुल 51938.41 करोड़ का इनफ्लो हुआ है. (Reutrers)
Mutual Funds Investment Strategy: बाजार अपने ऊपरी स्तरों से भले ही वोलेटाइल हो, म्यूचुअल फंड में निवेशकों का भरोसा बना हुआ है. जुलाई 2023 में सिस्टमिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड में किया जाने वाला निवेश पहली बार 15,000 करोड़ रुपये के पार जा पहुंचा है. एम्फी (AMFI) के लेटेस्ट डाटा के अनुसार जुलाई में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान के जरिए म्यूचुअल फंड्स में 15,245 करोड़ रुपये का निवेश आया है. वहीं इक्विटी कैटेगरी में स्मालकैप फंड लगातार तीसरे महीने विनर साबित हुए हैं तो लार्जकैप फंड में मुनाफावसूली जारी है. लेकिन जुलाई 2023 में स्टार परफॉर्मर लिक्विड फंड्स रहे, जिनमें रिकॉर्ड लेवल पर निवेश हुआ है. यानी निवेशक छोटी मैच्योरिटी वाली स्कीरम पर भरोसा ज्यादा दिखा रहे हैं. जुलाई में 33.06 लाख नए SIP अकाउंट्स खुले हैं. सवाल यह उठता है कि अगर आप बाजार में नए हैं तो आपके म्यूचुअल फंड में एसआईपी की स्ट्रैटेजी क्या होनी चाहिए.
इक्विटी में निवेश घटने और डेट में बढ़ने की वजह
जुलाई में इक्विटी में कुछ निवेश घटने और डेट फंड में बढ़ने के पीछे एक कारण यह है कि निवेशकों में अभी भी रेट हाइक की चिंता बनी हुई है. इसी वजह से शॉर्ट मैच्योरिटी वाले डेट फंडों में निवेश बढ़ा है. हालांकि अगस्त पॉलिसी में आरबीआई ने इसे पॉज रखा. वहीं बाजार की हालिया तेजी के बाद निवेशकों ने इक्विटी कैटेगरी से कुछ प्रॉफिट बुकिंग की है. मौजूदा बाजार में ऊपरी स्तरों से अस्थिरता है, जिसके चलते निवेशकों के बीच इक्विटी फंडों के साथ जुड़ाव एक तरह से सतर्क होने की भावना को दिखाता है.
स्मॉलकैप में क्यों आ रहा है पैसा, क्या करें निवेशक?
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि ग्लोबल स्तर पर भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर पोजिशन पर दिख रही है. वहीं जहां दुनियाभर के बाजारों में उतार चढ़ाव है, भारतीय बाजारों का प्रदर्शन स्टेबल रहा है. निवेशकों को भारत की ग्रोथ स्टोरी सस्टेनेबल और लंबी अवधि तक जारी रहने की उम्मीद है. इसी वजह से विदेशी निवेशक भी भारत की इस ग्रोथ स्टारी में भाग लेने के लिए मिडकैप और स्मालकैप में पैसे डाल रहे हैं.
उनका कहना है कि आगे बाजार के लिए आउटलुक बेहतर हैं. मैक्रो कंडीशंस और ग्रोथ इंडीकेटर्स में सुधार है. ऐसे में आगे भी मिडकैप और स्मालकैप शेयरों में तेजी जारी रहने वाली है. इन सेग्मेंट में अभी बहुत सी ऐसी कंपनियां हैं जो अपनी क्षमता के लिहाज से अंडरवैल्यूड हैं. ऐसे में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो बनाते समय इन दोनों सेग्मेंट पर फोकस करना चाहिए. इनमें लार्जकैप की तुलना में रिस्क जरूर है, लेकिन बाजार की तेजी में ये हाई रिटर्न देते हैं.
SIP में क्या हो स्ट्रैटेजी
इक्विटी में इनफ्लो भले ही कम हुआ है, लेकिन सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश लगातार आ रहा है. अगर निवेशक जोखिम लेने को तैयार हैं तो अभी मिडकैप और स्मॉलकैप सेग्मेंट में SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं. 5 साल या इससे ज्यादा अवधि में ये हाई रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. इसलिए निवेश का टारगेट कम से कम 5 साल रखें. कम रिस्क वाले निवेशकों को लार्ज एंड मिडकैप में और अगर कन्जर्वेटिव हैं तो मल्टीकैप में SIP के जरिए निवेश करें.
जुलाई में इक्विटी फंड्स का लेखा जोखा
AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2023 में इक्विटी कैटेगरी की बात करें तो स्मालकैप फंड टॉप पर रहे और इनमें 4171.44 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है. हालांकिइस कैटेगरी में जून 2023 के दौरान 5471.75 करोड़, मई 2023 में 3282.50 करोड़ और अप्रैल 2023 में 1790.98 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ था. इक्विटी कैटेगरी में बीते 4 महीने से स्मॉल कैप फंड्स में रिकॉर्ड निवेश आया है. वहीं मिडकैप फंड्स में 1623.33 करोड़ और लार्ज एंड मिडकैप फंड्स में 1326.77 करोड़ का इनफ्लो आया है. वहीं, सेक्टोरल फंड्स में 1429.33 2 करोड़ का निवेश आया. मल्टी कैप फंड्स में भी 2500 करोड़ का इनफ्लो हुआ है. दूसरी ओर, लार्ज कैप फंड्स ने निवेशकों ने 1880 करोड़, फोकस्ड फंड से 1066.72 करोड़, ELSS कैटेगरी से 591.87 करोड़ और फ्लेक्सी कैप फंड्स 932.17 करोड़ रुपये का आउटफ्लो हुआ है. जुलाई में इक्विटी कैटिगरी में कुल 7625.96 करोड़ रुपए का निवेश किया गया. जबकि जून में इक्विटी फंड्स से 8637.49 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी.
जुलाई में डेट म्यूचुअल फंड्स का लेखा जोखा
बीते महीने डेट म्यूचुअल फंड्स में 61440.08 करोड़ रुपये और हाइब्रिड फंड्स में कुल 12420.74 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है. डेट फंड में निवेश बझ़ने के पीछे लिक्विड फंड का स्टार परफॉर्मेंस है. जुलाई में लिक्विड फंड कैटेगरी में कुल 51938.41 करोड़ का इनफ्लो हुआ है. जून महीने में हायब्रिड फंड्स में 4611.18 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था. जबकि डेट फंड्स से कुल 14135.52 करोड़ रुपये का आउटफ्लो हुआ था.
जुलाई 2023 के अंत तक प्रमुख डाटा
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का नेट AUM: 46,37,565 करोड़
म्यूचुअल फंड फोलियो: 15, 14,21,270
रिटेल म्यूचुअल फंड फोलियो: 12,08,50,415
रिटेल AUM (इक्विटी + हाइब्रिड + सॉल्यूशन ओरिएंटेड): 24,17,268 करोड़ रुपये
SIP अकाउंट्स: 6,80,52,826
SIP AUM: 8,32,274.61 करोड़ रुपये
(Disclaimer: म्यूचुअल फंड के बारे में यहां विचार एक्सपर्ट के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)