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In case you have more than two UAN, its better to transfer all the previous PF numbers to the current PF account linked to the current UAN before withdrawing .
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New EPF rules for may, june, july: कोरोनावायरस महामारी (covid19 pandemic) के दौर में मोदी सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) से जुड़े नियम एक बड़ा बदलाव किया है. इसका असर चार करोड़ से अधिक कर्मचारियों पर पड़ने जा रहा है. इस बारे में मंगलवार को सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. दरअसल, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) कंट्रीब्यूशन को मई, जून, जुलाई तक तीन महीनों के लिए मौजूदा 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने के निर्णय को लागू कर दिया है. इस फैसले से संगठित क्षेत्र के 4.3 करोड़ कर्मचारी जहां घर अधिक वेतन ले जा सकेंगे, वहीं, महामारी के चलते कैश की किल्लत से जूझ रही कंपनियों को भी राहत मिलेगी.
बता दें, पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत जिन कंपनियों में 100 कर्मचारी तक मौजूद हैं और इनमें से 90 फीसदी कर्मचारी 15 हजार रुपये से कम महीने में कमाते हैं, ऐसी कंपनियों और उनके कर्मचारियों की ओर से EPF में योगदान मार्च से लेकर अगस्त 2020 तक के लिए सरकार की ओर से दिया जा रहा है.
तीन महीनों में 6,750 करोड़ बढ़ेगी नकदी
श्रम मंत्रालय ने जारी एक अधिसूचना में कहा कि ईपीएफ योगदान में कमी मई, जून और जुलाई, 2020 के महीनों के लिए लागू होगी. ऐसे में जून, जुलाई और अगस्त में मिलने वाला वेतन अधिक होगा और नियोक्ताओं के कंट्रीब्यूशन यानी अंशदान में भी कमी आएगी. अनुमान है कि इस निर्णय से अगले तीन महीनों में 6,750 करोड़ रुपये की नकदी बढ़ेगी. इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पिछले सप्ताह घोषणा की गई थी.
इस फैसले की वजह के बारे में कहा गया, ''कोविड19 महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है और केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि कर्मचारियों और कंपनियों के हाथ में कैश की किल्लत न हो. ऐसे में 9 अप्रैल 1997 के नोटिफिकेशन में एक संशोधन की आवश्यकता है.''
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CPSE और स्टेट PSU कर्मियों का नहीं घटेगा PF
सरकार ने हालांकि यह स्पष्ट किया है कि सरकारी संस्थान यानी CPSE और स्टेट पीएसयू व उनमें काम करने वाले कर्मचारी इस घटे पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन के दायरे में नहीं आएंगे. उनके लिए योगदान 12-12 फीसदी ही रहेगा. बता दें, आम तौर पर EPF में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से ईपीएफ योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12-12 फीसदी है, यानी कुल 24 फीसदी.
नियोक्ता के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS में जाता है. अब नए नियम के अनुसार, पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत सरकार की ओर से योगदान का लाभ नहीं मिल रहा है, उनके मामले में अगले तीन माह यानी जून, जुलाई और अगस्त तक एंप्लॉयर व इंप्लॉई के लिए EPF योगदान 10-10 फीसदी रहेगा.