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Govt Schemes: मोदी सरकार ने किसानों, कामगारों और छोटे व्यापारियों के लिए कुछ पेंशन व अन्य योजनाएं शुरू की हैं.
Modi Govt Schemes For Farmers, Traders & Workers: मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में किसानों, कामगारों और छोटे व्यापारियों के लिए कुछ पेंशन व अन्य योजनाएं शुरू की हैं. इसमें किसानों के लिए 2 स्कीम है. जिसमें एक है पीएम किसान, जिसके तहत छोटे और कामगार किसानों को हर साल 3 किस्त में 6000 रुपये दिए जाते हैं. वहीं दूसरा है किसानों के लिए पेंशन स्कीम- प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना. इसके तहत 60 की उम्र के बाद किसानों को 3000 रुपये पेंशन का प्रावधान है. इनमें पीएम किसान का तो क्रेज अभी बना हुआ है, लेकिन प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना फ्लॉप होने की राह पर है; इसमें किसानों की भी भागीदारी कम हो रही है, वहीं सरकार का भी फोकस ज्यादा नहीं है; इसके अलावा प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना और नेशनल पेंशन स्कीम फॉर ट्रेडर्स जैसी पेंशन योजनाओं की भी हवा निकल गई है.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना
अब तक रजिस्ट्रेशन: 19,44,341
किस उम्र वालों की भागीदारी ज्यादा
26-35 साल: 954267
36-40 साल: 501118
18-25 साल: 488956
महिलाओं की संख्या ज्यादा
महिलाओं की संख्या: 62%
पुरूषों की संख्या: 38%
भागीदारी में टॉप स्टेट
बिहार
झाारखंड
UP
छत्तीसगढ़
ओडिशा
छोटे और सीमांत किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना शुरू की गई. इसमें आंशिक मंथली योगदान के बाद 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपये पेंशन का प्रावधान है. श्रम मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, पीएम किसान मानधन योजना के तहत 19,44,341 किसान जुड़े हैं, जो पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ लेने वाले किसानों का सिर्फ 2.5 फीसदी है.
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना
अब तक रजिस्ट्रेशन: 44,29,747
किस उम्र वालों की भागीदारी ज्यादा
26-35 साल: 2280560
36-40 साल: 1103886
18-25 साल: 1044871
महिलाओं की संख्या ज्यादा
महिलाओं की संख्या: 53.1%
पुरूषों की संख्या: 46.9%
भागीदारी में टॉप स्टेट
हरियाणा
UP
महाराष्ट्र
गुजरात
छत्तीसगढ़
नेशनल पेंशन स्कीम फॉर ट्रेडर्स
अब तक रजिस्ट्रेशन: 52475
किस उम्र वालों की भागीदारी ज्यादा
26-35 साल: 26666
36-40 साल: 13189
18-25 साल: 12619
महिलाओं की संख्या ज्यादा
महिलाओं की संख्या: 62.7%
पुरूषों की संख्या: 37.3%
भागीदारी में टॉप स्टेट
UP
छत्तीसगढ़
आंध्र प्रदेश
गुजरात
पश्चिम बंगाल
न्यूज एजेंसी के अनुसार पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बजट पर ‘एक्सप्लैनेशन एंड कॉमेन्टरी ऑन बजट 2023-24’ शीर्षक से लिखी अपनी नई किताब में यह दावा किया है कि सरकार की श्रमिकों, छोटे व्यापारियों और किसानों के लिये जोर-शोर से शुरू की गयी महत्वाकांक्षी पेंशन योजनाएं अब सुस्त पड़ती जा रही हैं. इसमें न केवल पंजीकृत व्यक्तियों की संख्या कम हुई है बल्कि बजट आवंटन भी या तो स्थिर बना हुआ है अथवा उसमें गिरावट आई है.
श्रम योगी मानधन योजना (2019-20) का पहले साल आकर्षण रहा. योजना के तहत 31 मार्च, 2020 की स्थिति के अनुसार 43,64,744 कामबार रजिस्टर्ड हुए. लेकिन बाद में रुचि कम होती गयी. वित्त वर्ष 2020-21 में केवल 1,30,213 कामगार रजिस्टर्ड हुए. वित्त वर्ष 2021-22 में 1,61,837 कामगार योजना में रजिस्टर्ड हुए. लेकिन जनवरी, 2023 से कामगारों ने रजिस्ट्रेशन रद्द कराना शुरू कर दिया. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के डैशबोर्ड के अनुसार, जनवरी, 2023 को 56,27,235 पहुंचने के बाद रजिस्टर्ड कामगारों की संख्या में कमी आई और यह मार्च, 2023 में 44,00,535 पर आ गई. इसी तरह से छोटे कारोबारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम फॉर ट्रेडर्स योजना में अबतक सिर्फ 52,475 छोटे कारोबारी और दुकादार जुड़े हैं, जो बाकी दोनों स्कीम के मुकाबले बहुत कम है.
क्या है आकर्षण घटने की वजह
गर्ग के अनुसार ऐसा लगता है कि सरकार ने भी इन योजनाओं को छोड़ दिया है. सरकार की तरफ से योजनाओं को लोकप्रिय बनाने के लिये कोई बड़ा प्रयास नहीं दिख रहा है. इन योजनाओं को लेकर सरकार का बजटीय आवंटन भी स्थिर है या फिर इसमें कमी आ रही है. वहीं इन योजनाओं को लेकर शुरू से यह चर्चा रही है कि इनमें भविष्य के लिहाज से पेंशन बहुत कम है.