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Mutual Funds : एक क्रिकेट एक्सपर्ट की तरह म्यूचुअल फंड मैनेजर को कैसे परखें? Photograph: (FE Photo)
Written by Parth Parikh
भारत की मौजूदा क्रिकेट टीम में सबसे बेहतरीन बल्लेबाज कौन है? इस सवाल पर सोशल मीडिया से लेकर डिनर टेबल तक बहस छिड़ जाती है. कुछ लोग विराट कोहली (Virat Kohli) को चुनते हैं क्योंकि उनका रिकॉर्ड जबरदस्त रहा है, जबकि कुछ रोहित शर्मा को तरजीह देते हैं क्योंकि वो अकेले दम पर मैच पलटने की क्षमता रखते हैं. वहीं कुछ युवा खिलाड़ियों जैसे शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और रुतुराज गायकवाड़ को भविष्य का सितारा मानते हैं.
लेकिन गौर करें, जब लोग इस सवाल का जवाब देते हैं तो वो आमतौर पर सिर्फ रन, औसत या हालिया स्कोर देखते हैं. असली क्रिकेट फैन बताएंगे कि आंकड़े सब कुछ नहीं बताते. एक अच्छा बल्लेबाज कैसे मुश्किल पिच पर खेलता है, तेज गेंदबाजों का सामना करता है, दबाव में कैसा रहता है – यह सब मायने रखता है.
ठीक यही सोच हमें म्यूचुअल फंड मैनेजर को परखते समय अपनानी चाहिए. सिर्फ रिटर्न्स देखना, जैसे कि सिर्फ रन देखना, अधूरी तस्वीर पेश करता है. 2021 में कई स्मॉलकैप फंड्स ने 60-70% रिटर्न दिया, लेकिन यह मैनेजर की स्किल का नतीजा था या बुल मार्केट का असर – यह पहचानना मुश्किल था.
इसलिए म्यूचुअल फंड मैनेजर को परखने के लिए हमें तीन जरूरी पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए:
1. Portfolio Churn Rate: धैर्य और Conviction का संकेत
फंड मैनेजर बार-बार पोर्टफोलियो बदल रहा है या लंबे समय तक स्टॉक्स पकड़े हुए है – इसे टर्नओवर रेश्यो या Churn कहते हैं. कम Churn दिखाता है कि मैनेजर को अपने चुने हुए स्टॉक्स पर भरोसा है.
उदाहरण:
Parag Parikh Flexi Cap Fund की चर्न रेट सिर्फ 10-15% है. HDFC, Bajaj Holdings और Alphabet जैसे स्टॉक्स सालों तक पोर्टफोलियो में रहे. इस फंड ने पिछले 5 वर्षों में करीब 27% वार्षिक रिटर्न दिया और Volatility भी कम रही.
ICICI Prudential Large Cap Fund ने कई वर्षों से चर्न रेट को 20% से नीचे रखा है. फंड मैनेजर ने स्थिर Large Cap कंपनियों में निवेश कर रिटर्न्स को स्थिर रखा (24% CAGR).
Quant Small Cap Fund का चर्न रेट कई वर्षों में 100% से ऊपर रहा है. 2021 में इसने 70% रिटर्न दिया लेकिन 2022 में गिरावट आई और उच्च उतार-चढ़ाव देखने को मिला.
कम चर्न वैसा ही है जैसे कोई टेस्ट बल्लेबाज शांत दिमाग से पारी बनाता है. धीरे-धीरे स्कोर करते हुए लंबी और स्थिर पारी खेलता है.
2. Unique Portfolio: स्वतंत्र सोच और रिसर्च का परिचायक
क्या फंड मैनेजर Index की नकल कर रहा है या अलग सोच के साथ पोर्टफोलियो बना रहा है? कई फंड्स HDFC Bank, Reliance, ICICI Bank, Infosys जैसे स्टॉक्स भारी मात्रा में रखते हैं ताकि इंडेक्स से ज़्यादा विचलन न हो – इसे “Closet Indexing” कहा जाता है.
अच्छा उदाहरण:
Motilal Oswal Flexi Cap Fund (जून 2025) का पोर्टफोलियो दिखाता है कि इसमें Coforge (11.3%), Persistent Systems (9.6%), Polycab (9.4%), Trent, Kalyan Jewellers, Dixon Technologies और CG Power जैसे स्टॉक्स हैं. ये स्टॉक्स आम तौर पर ज़्यादातर फंड्स में नहीं मिलते.
इस फंड ने पिछले 5 साल में 22.47% CAGR दिया है, जो बेंचमार्क से बेहतर है.
इस तरह की अनोखी सोच वैसी ही है जैसे कोई बल्लेबाज अपनी शैली में खेलता है, परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढालता है और जोखिम लेने से डरता नहीं.
3. Risk-Adjusted Returns: असली स्किल का पैमाना
शार्प रेश्यो दिखाता है कि फंड ने लिए गए जोखिम के मुकाबले कितना अतिरिक्त रिटर्न दिया. यह बताता है कि फंड मैनेजर ने समझदारी से और नियंत्रित तरीके से रिटर्न्स बनाए हैं या नहीं.
महत्वपूर्ण आंकड़े:
PPFAS Flexi Cap Fund का शार्प रेश्यो पहले करीब 2 था, जो बेहद मजबूत है. अब यह ~1 के आसपास आ गया है, जो बताता है कि मार्केट की स्थिति बदली है, न कि मैनेजर की क्षमता.
Motilal Oswal Flexi Cap Fund का शार्प रेश्यो 1.5 है और Motilal Oswal Midcap Fund का 1.7, जो दिखाता है कि फंड्स ने मजबूत, केंद्रित पोर्टफोलियो और स्थिर प्रदर्शन दिया है.
ध्यान दें: बहुत ऊंचा शार्प रेश्यो भी कुछ समय के लिए सेक्टर स्पेशल रैली के कारण हो सकता है. लंबे समय तक Risk-adjusted Returns बनाए रखना असली स्किल है.
निष्कर्ष: फंड मैनेजर को परखने का सही तरीका
सिर्फ रिटर्न्स देखना पर्याप्त नहीं है. हमें देखना चाहिए:
क्या मैनेजर बार-बार पोर्टफोलियो बदल रहा है या धैर्य दिखा रहा है?
क्या वो इंडेक्स की नकल कर रहा है या अलग रिसर्च के आधार पर स्टॉक्स चुन रहा है?
क्या उसके रिटर्न्स नियंत्रित जोखिम के साथ आए हैं?
क्या निष्कर्ष निकला
टर्नओवर रेश्यो देखें, कम है तो कनविक्शन है.
पोर्टफोलियो की यूनिकनेस देखें, अलग सोच का संकेत है
शार्प रेश्यो देखें, रिस्क के मुकाबले रिटर्न्स अच्छे हैं या नहीं
जैसे क्रिकेट में विराट कोहली जैसी स्थिरता, तकनीक और दबाव में परिपक्वता जरूरी होती है, वैसे ही Mutual Fund में फंड मैनेजर का धैर्य, रिसर्च और अनुशासन आपकी संपत्ति को बढ़ाने की कुंजी है.
अंत में, ऐसा फंड मैनेजर चुनिए जो आपके लिए लंबी पारी खेल सके, क्योंकि असली मूल्य वहीं छुपा है.
लेखक का नोट
नोट: यह लेख फंड रिपोर्ट, इंडेक्स इतिहास और सार्वजनिक प्रकटीकरणों से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है. हमने विश्लेषण और चित्रण के लिए अपनी स्वयं की मान्यताओं का उपयोग किया है.
इस लेख का उद्देश्य निवेश पर अंतर्दृष्टि, डेटा बिंदु और विचारोत्तेजक दृष्टिकोण साझा करना है. यह निवेश सलाह नहीं है. यदि आप किसी भी निवेश विचार पर अमल करना चाहते हैं, तो आपको किसी योग्य सलाहकार से परामर्श करने की दृढ़ता से सलाह दी जाती है. यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है. व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं और मेरे वर्तमान या पूर्व नियोक्ताओं के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं.
पार्थ पारिख को वित्त और अनुसंधान में एक दशक से अधिक का अनुभव है. वह वर्तमान में फिन्सायर में विकास और सामग्री रणनीति के प्रमुख हैं, जहां वे निवेशक शिक्षा पहलों और म्यूचुअल फंड पर ऋण (LAMF) जैसे उत्पादों और बैंकों और फिनटेक के लिए वित्तीय डेटा समाधानों पर काम करते हैं.
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed for accuracy.
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