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मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 में 24 जनवरी तक एपीवाई से 71 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स जुड़े जबकि करीब पांच साल पहले वित्त वर्ष 2016-17 में इससे महज 23.99 लाख लोग जुड़े थे.
Atal Pension Yojana: अटल पेंशन योजना (APY) कम समय में ही बहुत लोकप्रिय हो गई है. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 में 24 जनवरी तक इससे 71 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स जुड़े जबकि करीब पांच साल पहले वित्त वर्ष 2016-17 में इससे महज 23.99 लाख लोग जुड़े थे. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 21 जनवरी 2022 तक एपीवाई के तहत 71,06,743 सब्सक्राइबर्स जुड़े. यह जानकारी राज्यसभा में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ बीके कराड ने लिखित में दिया है. महामारी के दौरान एपीवाई से जुड़ने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ. वित्त वर्ष 2020-21 में इस योजना से 79 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स जुड़े जबकि मौजूदा वित्त वर्ष में 24 जनवरी तक इससे 71 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स जुड़ गए.
मई 2015 में लॉन्च हुई थी स्कीम
- यह योजना गरीबों, समाज के निचले तबकों और असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों समेत सभी भारतीयों के लिए यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी सिस्टम के तौर पर 9 मई 2015 को लॉन्च की गई थी.
- यह योजना 1 जून 2015 से ऑपरेशनल है और इसे पीएफआरडी एडमिनिस्टर करती है.
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- इस योजना के तहत 18-40 वर्ष की उम्र के सभी भारतीय नागरिक निवेश कर सकते हैं जिनका किसी बैंक या पोस्टऑफिस में बचत खाता है.
- इस योजना के तहत पांच पेंशन स्लैब हैं- एक हजार रुपये, दो हजार रुपये, तीन हजार रुपये, चार हजार रुपये और पांच हजार रुपये. सब्सक्राइबर के 60 वर्ष का होने पर सरकार उन्हें चुने गए पेंशन स्लैब के हिसाब से उसे पेंशन देती है.
- सब्सक्राइबर की मौत होने पर नॉमिनी को पेंशन राशि दी जाती है.
- इस योजना के तहत कम से कम 20 साल का निवेश करना होता है.
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- निवेश की राशि सब्सक्राइबर्स की उम्र पर निर्भर करती है यानी कि कम उम्र में योजना का हिस्सा लेने पर कम राशि में ही पांच हजार रुपये तक की पेंशन सुनिश्चित कर सकते हैं. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आप 18 वर्ष की उम्र में योजना का हिस्सा लेते हैं तो हर दिन महज सात रुपये की बचत करके 60 वर्ष का होने पर 5 हजार रुपये की पेंशन सुनिश्चित कर सकते हैं जबकि 40 वर्ष की उम्र में एपीवाई के तहत हर दिन कम से कम 145.40 रुपये की बचत करनी होगी और 18 वर्ष की उम्र में योजना का हिस्सा बनने पर 42 साल में 105840 रुपये (210 रुपये महीना) का योगदान करना होगा जबकि 40 वर्ष की उम्र में योजना का हिस्सा बनने पर 348960 (1454 रुपये महीना) का योगदान करना होगा.