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Multibagger Stocks: बाजार में पैसे लगाकर पाना चाहते हैं कई गुना रिटर्न, ऐसे करें मल्टीबैगर शेयर की पहचान

मल्टीपल टाइम्स रिटर्न देने वाले शेयरों की पहचान कर पाना आसान नहीं है. लेकिन निवेश के पहले कुछ खास बातों पर ध्यान दिया जाए तो हाई रिटर्न वाले शेयरों की पहचान कर पाने की गुंजाइश बढ़ जाएगी.

मल्टीपल टाइम्स रिटर्न देने वाले शेयरों की पहचान कर पाना आसान नहीं है. लेकिन निवेश के पहले कुछ खास बातों पर ध्यान दिया जाए तो हाई रिटर्न वाले शेयरों की पहचान कर पाने की गुंजाइश बढ़ जाएगी.

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Multibagger Stocks: बाजार में पैसे लगाकर पाना चाहते हैं कई गुना रिटर्न, ऐसे करें मल्टीबैगर शेयर की पहचान

मल्टीपल टाइम्स रिटर्न देने वाले शेयरों की पहचान कर पाना आसान नहीं है. (image: pixabay)

Find Multibaggers: आप अक्सर यह सुनते होंगे कि निवेशकों को किसी शेयर में दो गुना, 3 गुना या कई गुना रिटर्न मिला है. या यह भी सुनते होंगे कि किसी शेयर ने निवेशकों को करोड़पति बना दिया है. असल में बाजार में अगर सही शेयर की पहचान हो जाए तो कम समय में आपको अपने निवेश पर मल्टीपल टाइम्स रिटर्न मिल सकता है. मल्टीपल टाइम्स रिटर्न देने वाले शेयरों को मल्टीबैगर के नाम से पहचान मिली है. वैसे तो यह पहचान कर पाना कि कौन से मल्टीबैगर साबित होंगे, आसान नहीं है. लेकिन निवेश के पहले कुछ खास बातों पर ध्यान दिया जाए तो हाई रिटर्न वाले शेयरों की पहचान कर पाने की गुंजाइश बढ़ जाएगी. अलग अलग ब्रोकरेज हाउस मसलन शेयरखान या एंजल वन ने अपनी वेबसाइट पर इस बारे में कुछ खास टिप्स दिए हैं.

कंपनी में ग्रोथ आएगी या नहीं

अगर किसी कंपनी में बेहतर ग्रोथ आती है तो उसके शेयर का प्रदर्शन भी अच्छा रहता है. हाई ग्रोथ वाली कंपनियों के शेयरों में बेहतर रिटर्न की गुंजाइश होती है. इसलिए ऐसी कंपनी की पहचान करना जरूरी है, जिसमें ग्रोथ रहने के चांस ज्यादा हों. ऐसी कंपनी अपने सेक्टर में दूसरी कंपनियों से बेहतर दिखती है. यह देखना चाहिए कि समान सेकटर में कौन सी कंपनी ज्यादा इनोवेशन कर रही है. किसका प्रोडक्ट पोर्टफोलियो मजबूत है. कौन सी कंपनी लगातार नएपन के साथ काम कर रही है.

सही सेक्टर की करें पहचान

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इकोनॉमिक साइकिल के साथ साथ कई तरह के ट्रेंड भी बदलते हैं. इसलिए करंट सीनैरियों में कौन से सेकटर में ज्यादा ग्रोथ आएगी, इस बात का आंकलन करना चाहिए. उसके बाद उस सेक्टर से जुड़ी मजबूत कंपनी की पहचान करनी चाहिए. इसलिए बेहतर स्टॉक चुनने का एक अच्छा तरीका है कि आप अर्थव्यवस्था पर नजर बनाए रखें. ट्रेंड से बाहर जा रही इंडस्ट्री से दूर रहें.

कंपनी पर कितना है कर्ज

निवेश के पहले यह जरूर देखना चाहिए कि जहां पैसे लगाने जा रहे हैं, उस कंपनी पर कर्ज कितना है. वह कंपनी अपना कर्ज कम कर रही है या नहीं. कंपनी पर बहुत ज्यादा कर्ज है तो आगे उसके काम काज पर असर पड़ सकता है. वहीं कर्जमुक्त कंपनियों को लेकर सेंटीमेंट बेहतर होते हैं और ऐसी कंपनियां अपने मुनाफा का बड़ा हिस्स बिजनेस बढ़ाने पर खर्च कर सकती हैं. अगर कंपनी फ्री कैश फ्लो जेनरेट कर रही है तो इसका मतलब यह हुआ कि आगे ग्रोथ करने के मौके बेहतर हैं. वहीं कंपनी आसानी से अपना कर्ज खत्म कर सकती है

P/E रेश्यो, वैल्युएशन

P/E से स्टॉक के वैल्युएशन का अंदाजा लगा सकते हैं. अगर P/E रेश्यो अधिक होता है, तो निवेशक यह मानते हैं कि स्टॉक का वैल्युएशन ज्यादा है. वहीं अगर शेयर का वैल्युएशन आकर्षक है तो अच्छी कीमत पर आपको शेयर मिल सगकता है. अगर कंपनी कि फाइनेंशियल पोजिशन मजबूत है लेकिन वैल्युएशन सस्ता है तो आगे रिटर्न बढ़ने की गुंजाइश ज्यादा होती है.

डिविडेंड मिल रहा है या नहीं

निवेश के पहले देखें ले कि वह कंपनी मुनाफा ला रही है या नहीं. किसी भी कंपनी के मल्टीबैगर बनने में यह जरूरी है कि समय के साथ कंपनी का मुनाफा बना रहे. मुनाफे वाली कंपनियां कमाई का एक हिस्सा डिविडेंड बांटने में करती हैं. डिविडेंड का मतलब है कि कंपनी मुनाफे में है और इसका फायदा निवेशकों को मिल रहा है.

मार्केट-टू-बुक रेश्यो

मार्केट टू बुक रेश्यो एक फाइनेंशियल वैल्यूएशन मेट्रिक है जिसका इस्तेमाल कंपनी के बुक वैल्यू के सापेक्ष मौजूदा मार्केट वैल्यू का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल किसी कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन की उसकी बुक वैल्यू के साथ तुलना करने के लिए होता है.

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