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Multicap Funds: मल्टी कैप फंड की बात करें तो यह लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में डाइवर्सिफाइड होता है. (pixabay)
Multicap Funds Features: शेयर बाजार ने हल के दिनों में एक के बाद रिकॉर्ड हाई बनाया है. बाजार की मौजूदा रैली में बहुत से शेयरों में तेजी देखी गई है. इक्विटी की बात करें तो ये लंबी अवधि में आउटपरफॉर्म करते हैं. वहीं इक्विटी में भी लार्ज कैप स्टॉक बाहरी निगेटिव फैक्टर्स को झेलने में ज्यादा सक्षम होते हैं और अक्सर लंबी अवधि में मजबूत होकर उभरते हैं. लार्ज कैप शेयरों में मिडकैप और स्मालकैप की तुलना में अस्थिरता कम होती है, जिससे ये ज्यादा जोखिम लेने से बचने वाले निवेशकों के लिए एक पसंदीदा विकल्प बन जाते हैं. हालांकि, मिड-कैप और स्मॉल कैप में भले ही उतार-चढ़ाव अधिक हो सकता है, लेकिन एक मजबूत बाजार में ये हाई रिटर्न भी देते हैं, जैसा कि हाल के दिनों में मिड और स्मॉल कैप शेयरों और फंडों में बढ़ते निवेश में देखा गया है.
डाइवर्सिफिकेशन है बेस्ट रिटर्न पाने का तरीका
एक निवेशक के रूप में जो लंबी अवधि के लिए इक्विटी में निवेश करना चाहता है, डाइवर्सिफिकेशन ही लार्जकैप से लगातार बेहतर रिटर्न और मिड व स्मॉल कैप में बने मोमेंटम का लाभ उठाकर बेस्ट पाने का सबसे अच्छा तरीका है. ऐसे निवेशकों के लिए जो हर समय मार्केट में भागीदारी की तलाश में हैं, मल्टी कैप फंड एक बेहतर विकल्प है. जैसा कि नाम से पता चलता है मल्टी कैप फंड, लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में डाइवर्सिफाइड होता है. इस फंड में जरूरी नियम यह है कि लार्ज, मिड और स्मॉल कैप कंपनियों में से हर एक में 25% अलोकेशन जरूरी है. बचे 25% रकम को फंड मैनेजर द्वारा अपनी पसंद के आधार पर तीन मार्केट कैप में से किसी एक में निवेश करने की गुंजाइश होती है.
सेक्टोरल डाइवर्सिफिकेशन
विशेष रूप से, जिन सेक्टर का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से मिड और स्मॉल कैप कंपनियों द्वारा किया जाता है, उन्हें मल्टी कैप इंडेक्स में अपेक्षाकृत अधिक वेट मिलता है. इसके विपरीत, जिन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व लार्ज कैप द्वारा किया जाता है, उन्हें निफ्टी 500 इंडेक्स की तुलना में अपेक्षाकृत कम वेट मिलता है. उदाहरण के लिए कैपिटल गुड्स सेक्टर में निफ्टी 500 इंडेक्स की तुलना में मल्टीकैप इंडेक्स में 3.6 फीसदी अलोकेशन अधिक है. इसके विपरीत, फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर का मल्टीकैप इंडेक्स में 4.0% अलोकेशन कम है. इसलिए, मल्टी कैप फंड मार्केट कैप डाइवर्सिफिकेशन के अलावा अधिक सेक्टोरल डाइवर्सिफिकेशन प्रदान करता है.
किस तरह के निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प
एक निवेशक के लिहाज से, मल्टी कैप फंड एक बहुत ही संतुलित निवेश अनुभव प्रदान करने वाला विकल्प है, जिसमें रिटर्न लार्ज कैप फंड द्वारा दिए जाने वाले रिटर्न से बेहतर होता है. साथ ही इसमें मिड और स्मॉल कैप फंड की तुलना में अस्थिरता कम होती है. अपनी जोखिम लेने की क्षमता और निवेश के लिए समय सीमा को देखते हुए, एक निवेशक जो इक्विटी के डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में निवेश करना चाहता है और साथ ही लार्ज, मिड और स्मॉल कैप फंडों में अलग अलग निवेश करने की परेशानी से बचना चाहता है, वह मल्टी कैप फंड पर विचार कर सकता है. इसके जरिए निवेशक एक ही फंड में निवेश करके, एक निवेशक अनुशासित तरीके से तीन अलग अलग मार्केट कैप सेगमेंट में हिस्सा ले सकता है, क्योंकि अलोकेशन नियमित आधार पर रीबैलेंस होता है. इसमें एक बड़ा पॉजिटिव टैक्स एफिशिएंसी है, जो मल्टी कैप फंड अपने साथ लाते हैं. क्योंकि म्यूचुअल फंड द्वारा किए जाने वाले किसी भी पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग के लिए कोई टैक्स इंप्लीकेशंस नहीं होता है.
SIP के जरिए निवेश की सुविधा
इसके अलावा, एक निवेशक मल्टी कैप फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश कर किसी भी संभावित अस्थिरता से बच सकता है. मल्टी कैप फंड में एक SIP 50% लार्ज कैप, 25% मिड कैप और 25% स्मॉल कैप के निर्धारित अलोकेशन का लाभ प्रदान करता है और लंबी अवधि में बेहतर रिस्क एडजस्टेड रिटर्न देता है. मल्टी कैप फंड एक फंड मैनेजर के दृष्टिकोण से भी अलग है, क्योंकि मार्केट स्पेक्ट्रम में बेस्ट आइडिया के साथ आने के लिए यह फंड मैनेजर को तीन मार्केट कैप सेगमेंट में से प्रत्येक में अपना भरोसा जताने की अनुमति देता है.
(लेखक: अंकित जैन, फंड मैनेजर, मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड)