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Mutual Fund: 15x15x15 का नियम का प्रमुख उद्देश्य कंपाउंडिंग की ताकत का फायदा उठाने का है. (file image0
Power of Compounding: बाजार में उतार चढ़ाव आम बात है, हालांकि कभी कभी अनिश्चितता बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. एक बार बाजार जब चढ़ता है तो उसके बाद गिरावट भी देखने को मिलती है. हालांकि लंबी अवधि के निवेश में बाजार के रिस्क कवर हो जाते हैं, लेकिन बहुत से निवेशक शेयर बाजार में तेजी और गिरावट का जोखिम बिल्कुल नहीं उठाना चाहते हैं. ऐसे निवेशकों के लिए म्यूचुूअल फंड बेहतर विकल्प होता है, जिसमें लंबी अवधि तक निवेश बनाए रखने पर कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है.
म्यूचुअल फंड में भी रिटर्न इक्विटी की तरह हाई मिल सकता है, वहीं यह सीधे स्टॉक में पैसा लगाने की तुलना में सुरक्षित भी है. म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे पॉपुलर तरीका सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) है. सवाल उठता है कि अगर 15 साल निवेश करने के लिए तैयार हैं तो क्या एसआईपी का सहारा लेकर करोड़पति बनना संभव है. इस बारे में ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने अपनी वेबसाइट पर 15x15x15 रूल या स्ट्रैटेजी की जानकारी दी है, जिससे आप 1 करोड़ का फंड जुटा सकते हैं.
क्या है 15x15x15 का नियम?
आप भी अगर लंबी अवधि तक एसआईपी करने को तैयार हैं और 1 करोड़ फंड बनाने का टारगेट है तो म्यूचुअल फंड में 15x15x15 का नियम आपके टारगेट को पूरा करने में मददगार हो सगकता है. यहां इस नियम का मतलब है कि 15 साल तक हर महीने 15,000 रुपये ऐसी स्कीम में निवेश किया जाए, जिनमें 15 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज मिल रहा हो तो मैच्योरिटी पर आपका फंड 7 डिजिट में यानी 1 करोड़ रुपये हो जाएगा. जबकि यहां आपका कुल निवेश सिर्फ 27 लाख रुपये होगा. यानी आपका अपने निवेश पर करीब 73 लाख रुपये का फायदा हो जाएगा. वहीं अगर आप अगले 15 साल इसी तरह निवेश और जारी रखते हैं तो आपका कॉर्पस बढ़कर 10 करोड़ रुपये के करीब होगा.
15 साल के टेन्योर पर
हर महीने एसआईपी: 15,000 रुपये
टेन्योर: 15 साल
अनुमानित रिटर्न: 15 फीसदी सालाना
मैच्योरिटी पर फंड: 1 करोड़
टेन्योर 15 साल बढ़ाने पर
हर महीने एसआईपी: 15,000 रुपये
कुल टेन्योर: 30 साल
अनुमानित रिटर्न: 15 फीसदी सालाना
मैच्योरिटी पर फंड: 10 करोड़
कंपाउंडिंग का मिलेगा फायदा
15-15-15 नियम का प्रमुख उद्देश्य कंपाउंडिंग की ताकत का फायदा उठाने का है. यह छोटे छोटे मंथली निवेश को बड़े कॉर्पस में बदल सकता है. लेकिन कंपाउंडिंग का फायदा लेना है तो जल्द से जल्द निवेश शुरू करना चाहिए और लक्ष्स लंबी अवधि का रखना चाहिए. जितने अधिक समय के लिए निवेश होगा, आपको उतना ज्यादा कंपाउंडिंग का फायदा मिलेगा.
मान लीजिए कि आपने म्यूचुअल फंड में निवेश किया है और SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) का विकल्प चुना है. आपका लक्ष्य प्रॉपर्टी खरीदने का है और इसके लिए आपने अनुमानित 10% ब्याज दर पर 10 साल के लिए 5000 रुपये की मंथली SIP शुरु की है. आपके द्वारा निवेश की गई कुल राशि 10 साल में 6 लाख रुपये होगी. जिस पर 4,32,760 रुपये का रिटर्न मिलेगा. यानी मैच्योरिटी पर आपके पास 10,32,760 रुपये का फंड होगा. अगर आप अगले 10 साल के लिए समान योजना में समान ब्याज दर पर फिरसे निवेश बनाए रखा तो 20 साल बाद आपको 38 लाख रुपये मिलेंगे. यहीं कंपाउंडिंग की ताकत है.