/financial-express-hindi/media/post_banners/EVRmHwsHkbl9Iwp0gpTf.webp)
निवेशकों ने लगातार तीसरी तिमाही में फिक्स्ड इनकम वाली सिक्योरिटीज पर फोकस्ड म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) से निकासी जारी रखी.
Mutual Funds: निवेशकों ने लगातार तीसरी तिमाही में फिक्स्ड इनकम वाली सिक्योरिटीज पर फोकस्ड म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) से निकासी जारी रखी. अप्रैल-जून तिमाही में हाई इन्फ्लेशन और नीतिगत दरों के बढ़ने से निवेशकों ने म्युचुअल फंड से 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. ट्रस्ट म्युचुअल फंड के CEO संदीप बागला ने कहा, ‘‘जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि लोवर अमाउंट सिस्टम लिक्विडिटी और उच्च नियामक दरों के लिहाज से मौद्रिक परिस्थितियां सख्त होंगी. इससे म्युचुअल फंड डेट कोष में से और निकासी हो सकती है.’’ मार्केट मेस्ट्रो में डायरेक्टर और वेल्थ मैनेजर (अमेरिका) अंकित यादव ने कहा कि आगामी तिमाहियों में डेट म्युचुअल फंड में प्रवाह तय करने में ब्याज दर अहम कारक होगी. दरों में स्थिरता आने पर प्रवाह की उम्मीद की जा सकती है.
RBL Bank: सीनियर सिटीजन डे का तोहफा, एफडी पर मिलेगा 7.75% ब्याज
घट रहा है निवेश
म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन Amfi के मुताबिक, हालिया निकासी की वजह से डेट फिक्स्ड इनकम फंड के लिए फंड मैनेजर्स द्वारा प्रबंधित एसेट जून महीने के अंत में 5 फीसदी घटकर 12.35 लाख करोड़ रुपये की रह गईं जो मार्च के अंत में करीब 13 लाख करोड़ रुपये थीं. वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में फिक्स्ड इनकम कैटेगरी के तहत एसेट 14.16 लाख करोड़ रूपये के उच्च स्तर पर पहुंच गई थीं लेकिन तब से इसमें लगातार गिरावट आ रही है और जून 2022 आने तक यह 13 फीसदी तक कम हो गईं. भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, इस तिमाही में डेट म्युचुअल फंड (ओपन एंडेड फिक्स्ड इनकम म्युचुअल फंड) से शुद्ध रूप से 70,213 करोड़ रुपये की निकासी हुई. अप्रैल में इस कैटेगरी में 54,756 करोड़ रुपये का निवेश आया था लेकिन मई और जून में हालात बदल गए और इन दो महीनों में निवेशकों ने क्रमश: 32,722 करोड़ रुपये और 92,247 करोड़ रुपये निकाल लिए.
क्या है वजह
बागला ने कहा कि बीती तीन तिमाहियों से निवेशक निश्चित आय वाले कोष से पैसा मुख्यत: ऊंची मुद्रास्फीति और ब्याज दरों पर इसके प्रभाव की वजह से निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि निवेशक लिक्विडिटी की जरूरत और अपनी पूंजी की रक्षा के लिए भी पैसा निकाल रहे हैं. यादव ने कहा कि दरें बढ़ने विशेषकर अमेरिका के केंद्रीय बैंक के द्वारा ऐसा करने की आशंका के बीच निवेशकों के बीच अनिश्चितता का माहौल है. निश्चित आय या ऋण कोषों की संख्या 16 है जिनमें से इस तिमाही में 12 में से शुद्ध निकासी हुई है. अधिक मात्रा में निकासी कम अवधि के कोषों, कॉरपोरेट बांड कोष, बैंकिंग और पीएसयू कोषों में से हुई है. निवेश हासिल करने वाली श्रेणियों में नकदी कोष, 10 वर्ष का गिल्ट कोष और लंबी अवधि का कोष शामिल हैं.
(इनपुट-पीटीआई)