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अगस्त के महीने में SIP के जरिए 12,693 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जो SIP निवेश का अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
Mutual Funds: हाल के दिनों में रिटेल इंवेस्टर्स ने systematic investment plans यानी SIP में निवेश के लिए काफी मैच्योरिटी दिखाई है. अब मार्केट के तेज उतार-चढाव के बीच भी नए निवेशक SIP में निवेश कर रहे हैं. ये लोग मार्केट के अस्थिरता वाले दौर में भी प्रोफिट कमा रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव तो आता ही रहा है, लेकिन SIP एक ऐसा तरीका है जो आपको अस्थिरता वाले दौर में भी मोटा मुनाफा दिला सकता है.
इक्विटी मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद SIP के जरिए होने वाले निवेश में इजाफा देखा गया है. अगस्त के महीने में SIP के जरिए 12,693 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है. पिछले लगातार चार महीनों से SIP के जरिए होने वाला निवेश 12,000 करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है.यह म्यूचुअल फंड एसआईपी एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) के कुल 39.33 ट्रिलियन रुपये के AUM का करीब 16% हिस्सा है.
जल्दबाजी या फिर घबराहट में SIP को रिडीम न करें
Germinate Investor Services के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर संतोष जोसेफ ने कहा कि मार्केट में भारी उतार-चढाव के बावजूद निवेशक SIP में निवेश करना जारी रखते हैं. ये लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि जब मार्केट में अस्थिरता का दौर खत्म होता है तो उनका SIP निवेश उन्हें शानदार रिटर्न दिलाता है. इसलिए मार्केट में आई अस्थिरता की वजह से घबराकर SIP को रिडीम न करें, ऐसा करने से आपको फायदा नहीं बल्कि नुकसान उठाना पड़ सकता है.
नए जमाने की वेल्थ-टेक फर्म Daulat के संस्थापक और सीईओ वरुण फतेहपुरिया ने कहा कि मार्केट को लेकर यह अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है कि शर्ट टर्म में मार्केट का प्रदर्शन कैसा रहेगा. ऐसे में निवेशकों को शर्ट टर्म में लाभ कमाने के लालच में पड़ने की बजाय लंबी अवधि में निवेश के बारे में सोचना चाहिए. फतेहपुरिया ने कहा कि जब बाजार मंदी के दौर से गुजर रहा होता है, तो आमतौर पर निवेशक शर्ट टर्म निवेश के जरिए लाभ कमाने की कोशिश करते हैं. उनकी यह कोशिश ही कई बार उन्हें लाभ की जगह नुकसान करा देती है. ऐसे में निवेशकों को मंदी के दौर या उतार-चढ़ाव के दौर में शर्ट टर्म की जगह लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहिए.
निवेशक को अपने निवेश से पैसा सिर्फ दो ही हालातों में निकालना चाहिए. पहला तो जब उसका लक्ष्य करीब हो और दूसरा जब उसे जरूरत हो या जिसके लिए उसने निवेश किया है. निवेशक को बाजार की अस्थिरता से डर कर निवेश को नहीं निकालना चाहिए.
अस्थिरता का लाभ उठाएं
SIP में निवेश करने वाला निवेशक हमेशा मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव का फायदा उठाता है. बाजार में आई मंदी के समय में निवेशक और ज्यादा SIP की खरीद कर सकते हैं. ऐसे में निवेशक को कम से कम 5 या उससे अधिक समय तक के लिए निवेश करना चाहिए. SIP उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प साबित हो रहा है, जो अपने निवेश पर जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.
(Article by Saikat Neogi)