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MF Strategy: स्मॉलकैप फंड में निवेशकों ने किया रिकॉर्डतोड़ निवेश, आपको कैसे बनाना चाहिए अपना SIP पोर्टफोलियो

MF Investment: अगर निवेशक कुछ जोखिम लेने को तैयार हैं तो अभी मिडकैप और स्मॉलकैप सेग्मेंट में SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं.

MF Investment: अगर निवेशक कुछ जोखिम लेने को तैयार हैं तो अभी मिडकैप और स्मॉलकैप सेग्मेंट में SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं.

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Sushil Tripathi
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Mutual Funds

SIP Strategy: आगे भी मिडकैप और स्मालकैप शेयरों में तेजी जारी रहने वाली है.

Mutual Funds Investment Strategy: शेयर बाजार एक बार फिर रिकॉर्ड हाई के करीब है. जून में लंबे इंतजार के बाद सेंसेक्‍स और निफ्टी ने अपना नया हाई बनाया. जून में जब बाजार अपने नए हाई की ओर बढ़ रहा था, वहीं निवेशकों का भी भरोसा इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं पर दिखा. मई में इक्विटी इनफ्लो जहां 50 फीसदी घट गया था, जून में इसमें पॉजिटिव फ्लो रहा है. जून लगातार दूसरा म‍हीना रहा, जब सबसे ज्‍यादा निवेश स्‍मालकैप शेयरों में किया गया. मिडकैप में भी पॉजिटिव फ्लो रहा, लेकिन लार्जकैप में फिर बिकवाली देखने को मिली है.

स्मॉलकैप में क्यों आ रहा है पैसा

बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि ग्लोबल स्तर पर भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर पोजिशन पर दिख रही है. वहीं जहां दुनियाभर के बाजारों में उतार चढ़ाव है, भारतीय बाजारों का प्रदर्शन स्टेबल रहा है. निवेशकों को भारत की ग्रोथ स्टोरी सस्टेनेबल और लंबी अवधि तक जारी रहने की उम्मीद है. इसी वजह से विदेशी निवेशक भी भारत की इस ग्रोथ स्टारी में भाग लेने के लिए मिडकैप और स्मालकैप में पैसे डाल रहे हैं.

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मिडकैप और स्मालकैप में क्या करें

उनका कहना है कि आगे बाजार के लिए आउटलुक बेहतर ओ रहे हैं. मैक्रो कंडीशंस और ग्रोथ इंडीकेटर्स में लगातार सुधार के संकेत हैं. ऐसे में आगे भी मिडकैप और स्मालकैप शेयरों में तेजी जारी रहने वाली है. इन सेग्मेंट में अभी बहुत सी ऐसी कंपनियां हैं जो अपनी क्षमता के लिहाज से अंडरवैल्यूड हैं. ऐसे में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो बनाते समय इन दोनों सेग्मेंट पर फोकस करना चाहिए. लंबी अवधि के युवा निवेशक है तो इन सेग्मेंट में प्रॉफिट बुकिंग की जरूरत नहीं है. हालांकि अगर कंजर्वेटिव हैं और रिटायर हो चुके हैं तो रेगुलर इनकम के लिए एसडबल्यू के जरिए थोड़ थोड़ा प्रॉफिट निकाल सकते हैं या पोर्टफोलियो को रीबैलेंस कर सकते हैं.

SIP में क्या हो स्ट्रैटेजी

इक्विटी में इनफ्लो भले ही कम हुआ है, लेकिन सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश लगातार आ रहा है. अगर निवेशक जोखिम लेने को तैयार हैं तो अभी मिडकैप और स्मॉलकैप सेग्मेंट में SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं. स्मॉल-कैप में लार्जकैप की तुलना में जोखिम हैं, लेकिन 5-7 साल के अवधि में यह हाई रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. इसलिए निवेश का टारगेट कम से कम 5 साल रखें. कम रिस्क वाले निवेशकों को लार्ज एंड मिडकैप में और अगर कन्जर्वेटिव हैं तो मल्टीकैप में SIP के जरिए निवेश करें.

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स्मॉलकैप फंड में 67 फीसदी बढ़ा निवेश

इक्विटी योजनाओं में इनफ्लो 8637 करोड़ रुपये रहा जो मई के महीने में अप्रैल की तुलना में आधा होकर 3,240 करोड़ रुपये रह गया था. म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करने वाली कंपनियों के संगठन एम्फी के डाटा के अनुसार अप्रैल में इक्विटी में निवेश 6400 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा था. वहीं मार्च में इक्विटी में शुद्ध निवेश 20,534 करोड़ रुपये का हुआ था. दूसरी ओर जून 2023 के दौरान स्मॉलकैप फंडों में नेट फ्लो 5471.75 करोड़ रुपये का रहा जो मई के 3282 करोड़ से 67 फीसदी ज्यादा है. स्मॉल-कैप फंड्स के बाद वैल्यू फंड्स में सबसे अधिक 2238 करोड़ रुपये का निवेश आया

लार्जकैप में मुनाफा वसूली

AMFI के डाटा के अनुसार जून में मिडकैप फंडों में इनफ्लो 1748.51 करोड़ रहा जो जून में 1196 करोड़ था. जबकि लार्जकैप फंडों से 2049 करोड़ की निकासी देखने को मिली है. जबकि मई में इस सेग्‍मेंटसे 1362 करोड़ की निकासी हुई थी. फोकस्‍ड फंड में 1018.31 करोड़ की निकासी हुई. जबकि ELSS सेग्‍मेंट से 474 करोड़ का आउटफ्लो देखने को मिला है. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड योजनाओं में जून में 4,611 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जिसमें निवेश का बड़ा हिस्सा आर्बिट्राज फंड (3,366 करोड़ रुपये) में आया.

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार जून में 27 लाख से अधिक नए SIPs रजिस्‍टर्ड किए गए, जबकि SIPs का योगदान 14,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा. जून 2023 में स्मॉल कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में सबसे अधिक इनफ्लो देखा गया, इसके बाद वैल्यू/कॉन्ट्रा फंड और मिड कैप फंड में निवेश हुआ.

नई स्‍कीम को लेकर आकर्षण, SIP पर भरोसा कायम

इस बीच, जून में 11 नई योजनाएं शुरू की गईं, जिससे 3,288 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. जून SIP इनफ्लो मई के 14,749 करोड़ रुपये के मुकाबले 14,734 करोड़ रुपये रहा. यह लगातार चौथा महीना है जब SIP इनफ्लो 14,000 करोड़ रुपये से ऊपर आया है. कुल AUM 44.8 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 42.9 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया.जून में 27,250 करोड़ रुपये के मजबूत एफआईआई इनफ्लो दिखा.

(Disclaimer: म्यूचुअल फंड के बारे में यहां विचार एक्सपर्ट के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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