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The scheme is the biggest fiscal component of the Rs 20-lakh crore Aatmanirbhar Bharat Abhiyan package announced by Finance Minister Nirmala Sitharaman in May to mitigate the distress by providing credit to different sectors
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National Savings Certificate (NSC) at Post Office: डाकघर (Post Office) की स्माल सेविंग्स स्कीम नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट यानी NSC उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है, जो अपनी बचत सुरक्षित रखने के साथ साथ उस पर टैक्स का लाभ भी चाहते हैं. पहले NSC 5 साल और 10 साल की मेच्योरिटी अवधि में उपलब्ध थी, लेकिन बाद इसे 5 साल मेच्योरिटी वाली स्कीम कर दिया गया है. इस स्कीम में 100 रुपये का सर्टिफिकेट खरीदकर भी निवेश किया जा सकता है. अधिकतम निवेश की लिमिट नहीं है. मौजूदा तिमाही में इस स्कीम में 6.8 फीसदी सालाना रिटर्न मिल रहा है.
निवेश के 5 विकल्प
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट अभी 100 रुपये, 500 रुपये, 1000 रुपये, 5000 रुपये और 10,000 रुपये के मूल्य में उपलब्ध है. अलग अलग वैल्यू के कितने भी सर्टिफिकेट खरीदकर एनएससी में निवेश किया जा सकता है. इसमें मिनिमम 100 रुपये का निवेश जरूरी है. अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है.
NSC: निवेश का फायदा
मान लिया अगर यहां हम शुरुआती 15 लाख रुपये निवेश करते हैं…..
एनएससी में जमा: 15 लाख रुपये
ब्याज: 6.8 फीसदी
5 साल बाद रकम: 20.85 लाख रुपये
इसमें आपका निवेश 15 लाख होगा, लेकिन ब्याज के रूप में करीब 6 लाख रुपये का फायदा होगा. एनएससी की मेच्योरिटी 5 साल है. अगर इसे इसे 5-5 साल के लिए 5 बार और आगे बढ़ाएं तो 15 लाख का निवेश आपको 30 साल में करोड़पति बना देगा.
प्रमुख फीचर्स
- 5 साल की मेच्योरिटी अवधि वाले NSC को किसी भी भारतीय डाकघर से खरीदा जा सकता है.
- वित्त मंत्रालय से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार इसकी ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है.
- NSCमें न्यूनतम निवेश राशि 100 रुपये है, लेकिन इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
- इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के अंतर्गत NSC के तहत 1.5 लाख रुपये सालाना तक के निवेश पर टैक्स कटौती लाभ मिलता है.
- ब्याज सालाना जमा किया जाता है लेकिन भुगतान मेच्योरिटी पर ही किया जाता है, जिसमें TDS की कटौती नहीं होती है.
- NSC को सभी बैंकों और NBFC द्वारा लोन के लिए कोलैटरल या सिक्योरिटी के रूप में स्वीकार किया जाता है.
- निवेशक अपने परिवार के किसी भी सदस्य को नॉमिनी बना सकता है.
खरीदने का तरीका
सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट: इसके तहत एक व्यक्ति खुद या नाबालिग के नाम पर सर्टिफिकेट खरीद सकता है.
ज्वॉइंट A टाइप सर्टिफिकेट: इसमें, दो निवेशक मिलकर एक एनएससी खरीद सकते हैं और दोनों को मेच्योरिटी पर मिलने वाली राशि बराबर हिस्सों में मिलती है.
ज्वॉइंट B टाइप सर्टिफिकेट: इसे भी दो लोग मिलकर खरीदते हैं लेकिन मेच्योरिटी पर मिलने वाली राशि दोनों में से केवल एक धारक को मिलती है.
कौन कर सकता है निवेश
सभी भारतीय निवासी NSC में निवेश कर सकते हैं. गैर-भारतीय नागरिक (NRI) NSC नहीं खरीद सकते हैं. हालांकि, अगर किसी निवासी भारतीय ने NSC खरीदा है और मेच्योरिटी से पहले एनआरआई हो जाता है तो भी उसे इसका लाभ मिलता है. ट्रस्ट और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) NSC में निवेश नहीं कर सकते हैं. HUF के कर्ता केवल अपने नाम से NSC में निवेश कर सकते हैं.
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