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आज के दौर में महंगाई और रेट हाइक के चलते इक्विटी मार्केट पर दबाव है. (File)
Post Office Small savings Scheme: आज के दौर में महंगाई और रेट हाइक के चलते इक्विटी मार्केट पर दबाव है. डेट मार्केट में भी रिटर्न को लेकर अनिश्चितता है. ऐसे में फिक्स्ड इनकम या गारंटीड रिटर्न वाली स्कीम पर फिर निवेशकों का फोकस बढ़ रहा है. इनमें रिटर्न भले ही कुछ कम लेकिन गारंटीड होता है. ज्यादातर लोग स्माल सेविंग्स में बैंक FD को चुनते हैं, लेकिन एक स्कीम बैंक FD से भी ज्यादा जल्दी आपका पैसा डबल करती है. यह स्कीम है पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सटिफिकेट यानी NSC. यह स्कीम देश की किसी भी पोस्ट ऑफिस ब्रॉन्च में लिया जा सकता है. NSC का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल होता है. इस पर अभी 6.8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है, जो FD से ज्यादा है.
10 लाख निवेश पर मिलेगा 14 लाख
पोस्ट ऑफिस की NSC स्कीम पर अभी 6.8 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. जबकि इस स्कीम में मेच्योरिटी अवधि 5 साल की है. इस लिहाज से अगर आप इसमें 10 लाख रुपये निवेश करते हैं तो 5 साल पर आपकी रकम 14 लाख रुपये हो जाएगी. इस स्कीम में कम से कम 1000 रुपये से अकाउंट खुल जाता है. अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है.
कैसे ले सकते हैं NSC
एक सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट कोई भी एडल्ट अपने नाम से या अपने बच्चे के नाम से खरीद सकता है. NSC में 100, 500, 1000, 5000, 10,000 या इससे ज्यादा के सर्टिफिकेट मिलते हैं. इसमें निवेश करने की कोई सीमा नहीं है. आप अपनी क्षमता के मुताबिक कितनी भी धनराशि का NSC खरीद सकते हैं.
NSC पर अभी ब्याज दर 6.8 फीसदी सालाना मिल रहा है. यहां आपके पैसे डबल होने में 126 महीनों का समय लगेगा. वहीं ज्यादातर बैंकों में 5 साल की FD पर ब्याज दर 6 फीसदी तक ही है. डाकघर की टाइम डिपॉजिट (TD) पर भी अभी ब्याज दर 6.7 फीसदी सालाना है. साफ है कि NSC में आपके पैसे जल्दी डबल होंगे.
3 तरह के हैं सर्टिफिकेट
सिंगल टाइप: इस तरह का सर्टिफिकेट खुद के लिए या फिर किसी नाबालिग के लिए लिया जा सकता है.
ज्वाइंट ए टाइप: इस तरह के सर्टिफिकेट को ज्वॉइंट अकाउंट यानी 2 निवेशक साथ मिलकर ले सकते हैं.
ज्वाइंट बी टाइप: इस तरह के ज्वॉइंट अकाउंट में पैसे तो 2 लोग मिलकर लगाते हैं, लेकिन मेच्योरिटी पर पैसे सिर्फ किसी एक ही निवेशक को दिए जाते हैं.
स्कीम के फायदे
NSC में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. हालांकि यह छूट 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है. NSC को सभी बैंकों और NBFC द्वारा लोन के लिए कोलैटरल या सिक्योरिटी के रूप में स्वीकार किया जाता है. निवेशक अपने परिवार के किसी भी सदस्य को नॉमिनी बना सकता है. NSC के VIII इश्यू को किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर किया जा सकता है. हालांकि ऐसा इसके मैच्योर होने से पहले केवल एक ही बार किया जा सकता है. सर्टिफिकेट ट्रांसफर करने पर पुराने सर्टिफिकेट्स और इसकी परचेज एप्लीकेशन पर पर ही पुराने होल्डर का नाम काटकर नए होल्डर का नाम लिख दिया जाता है. पोस्ट ऑफिस में आपके जमा पैसों पर सरकार की 100 फीसदी गारंटी होती है. यानी आपके पैसे भी पूरी तरह सेफ होते हैं.