/financial-express-hindi/media/post_banners/JW7tfgX6pf4zdoTBEBMV.jpg)
कॉरपोरेट कंपनियां कर्ज जुटाने के लिए एनसीडी जारी करती हैं जिसे इक्विटी में नहीं बदला जा सकता है.
NCD: निवेश के लिए बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट (Bank FD) लंबे समय से निवेश का पसंदीदा विकल्प बना हुआ है. हालांकि इस समय एफडी पर कम ब्याज के चलते इसका आकर्षण कम हुआ है. इसके अलावा शेयर बाजार की तेजी के चलते निवेशकों के मन में घबराहट है. ऐसे में वे किसी और विकल्प की तलाश कर रहे हैं, जहां निवेश पर बेहतर और निश्चित रिटर्न मिल सके. ऐसे निवेशकों के लिए एनसीडी (नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स) बेहतर विकल्प है.
कोरोना महामारी के बाद धीरे-धीरे इकोनॉमी पटरी पर आ रही है तो कई कंपनियां बाजार से पूंजी जुटाने के लिए एनसीडी जारी कर रही है. इस पर एफडी की तुलना में अधिक दर पर, करीब 9-10 फीसदी तक ब्याज मिलता है. हालांकि अधिक रिटर्न मिलने के बावजूद इनमें बिना सोचे-समझे निवेश नहीं करना चाहिए.
Personal Loan: पर्सनल लोन लेने जा रहे हैं तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान, फायदे में रहेंगे
NCD की स्टॉक मार्केट में होती है लिस्टिंग
- कॉरपोरेट कंपनियां कर्ज जुटाने के लिए एनसीडी जारी करती हैं जिसे इक्विटी में नहीं बदला जा सकता है.
- इसका मेच्योरिटी डेट पहले से तय होता है और ब्याज का भुगतान मासिक, छमाही व सालाना आधार पर का मेच्योरिटी के समय में एकमुश्त किया जाता है. इसमें 10 साल तक के लिए पैसे लगाए जा सकते हैं.
- अधिकतर एनसीडी एक हजार रुपये के गुणक में जारी होती हैं.
- जब कंपनियां एनसीडी का ऐलान करती हैं तो इसमें निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा सभी एनसीडी एक्सचेंज पर लिस्ट होती हैं तो निवेशक सीधे कंपनी के अलावा सेकंडरी मार्केट के जरिए भी निवेश कर सकते हैं.
निवेश से पहले इन बातों का रखें ख्याल
- एनसीडी में निवेश का एक टेन्योर होता है जिससे पहले निकासी नहीं कर सकते हैं. बिक्री होने के बाद कंपनियां इसे वापस नहीं लेती हैं. हालांकि सेकंडरी मार्केट में जरूर अपने पैसे निकाल सकते हैं. एक्सचेंज पर नया खरीदार मिलने पर इसे बेच सकते हैं.
- एनसीडी में निवेश के लिए डीमैट खाता होना जरूरी है.
- पैसे लगाने से पहले पता कर लें कि एनसीडी सिक्योर्ड है या नहीं. सिक्योर्ड एनसीडी में निवेश करते हैं तो निवेशकों को कंपनी की संपत्ति बेचकर पैसे वसूलने का अधिकार मिल जाता है.
- एनसीडी में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट,1961 के सेक्शन 80सी के तहत छूट नहीं मिलती है. एक साल से पहले बिक्री पर इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स और इसके बाद बिक्री पर इंडेक्सेशन बेनेफिट के साथ 20 फीसदी का लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होता है. इसके अलावा एनसीडी पर मिलने वाले ब्याज पर एफडी के समान ही टैक्स देय होता है.
- क्रिसिल और केयर जैसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा कंपनियों की रेटिंग की जाती है जिसके आधार पर एनसीडी में निवेश का फैसला लेना बेहतर है. इस रेटिंग से यह पता चलता है कि कंपनी का क्रेडिट रिस्क कैसा है जैसे कि कम क्रेडिट रिस्क का मतलब है कि कंपनी का क्रेडिट रिस्क बहुत अधिक है. हालांकि सिर्फ रेटिंग को देखकर ही फैसला न लें बल्कि कंपनी के मैनेजमेंट व काम-काज को भी देखें क्योंकि रेटिंग जरूरी नहीं है कि वह बरकरार रहे.
- एनसीडी में निवेश पर एफडी से अधिक ब्याज मिलता है. अनसिक्योर्ड एनसीडी पर सिक्योर्ड एनसीडी की तुलना में अधिक दर पर ब्याज मिलता है लेकिन जो कंपनी अनसिक्योर्ड एनसीडी वाली कंपनी के पेमेंट पर डिफॉल्ट होने की स्थिति में उन्हें कंपनी की संपत्ति बेचकर भुगतान नहीं किया जाता है.
(इनपुट: क्लियरटैक्स)