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आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन बढ़ा कर 30 सितंबर 2021 कर दी गई है.
अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं तो एक जुलाई से आपको ज्यादा टीडीएस और टैक्स देना पड़ सकता है. फाइनेंस एक्ट, 2021 के मुताबिक अगर किसी टैक्सपेयर ने पिछले दो साल से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो उसे ज्यादा टीडीएस और टैक्स ( TCS) देना होगा. अगर इन दो वर्षों में टीडीएस या टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) बकाया 50 हजार रुपये या इससे ज्यादा है तो ऊंची दरों के हिसाब से टीडीएस देना होगा. यह नियम 1 जुलाई 2021 से लागू हो जाएगा.
इस हिसाब से देना होगा टीडीएस
नए टीडीएस नियमों के मुताबिक इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 206AB के तहत आयकर कानून के मौजूदा प्रावधानों के दोगुना या प्रचलित दर के दोगुने में या फिर पांच फीसदी में से जो भी ज्यादा होगा उस हिसाब से टीडीएस लग सकता है. टीसीएस के लिए भी मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक प्रचलित दर या पांच फीसदी में से जो भी ज्यादा होगा उसके हिसाब से यह देय होगा.
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इन पर लागू नहीं होगा यह नियम
आयकर कानून का यह (Section 206AB) नियम सैलरी, कर्मचारियों के बकाये के भुगतान, क्रॉस वर्ड और लॉटरी में जीती गई रकम, हॉर्स रेस पर जीती गई रकम, सिक्योरिटाइजेशन ट्रस्ट में निवेश से हासिल आय और कैश विड्रॉल पर लागू नहीं होगा. Section 206AB के तहत भारत में स्थायी प्रतिष्ठान न रखने वाले नॉन रेजिडेंट टैक्सपेयर पर भी यह लागू नहीं होगा. अगर दोनों सेक्शन 206AA (पैन न रहने की स्थिति में ज्यादा टीडीएस रेट) और 206AB लागू होता है तो टीडीएस रेट ऊपर बताई दरों से ज्यादा होगा. जहां तक टीसीएस का सवाल है तो सेक्शन 206CC और 206CCA के तहत ज्यादा टीसीएस लागू होगा. इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख पहले 31 जुलाई थी लेकिन अब इसे बढ़ा कर 30 सितंबर कर दिया गया है.