/financial-express-hindi/media/post_banners/6V4qwC3og4oKVshoucmA.jpg)
Post Office NSC: एनएससी पर जुलाई से सितंबर 2023 तिमाही के लिए ब्याज दर 7.7 फीसदी सालाना है. (file image)
National Saving Certificate: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) डाकघर की एक पॉपुलर स्मॉल सेविंग्स स्कीम है, जिसमें तकरीबन फिक्स्ड डिपॉजिट के बराबर ही ब्याज मिल रहा है. 5 साल की मैच्योरिटी वाली इस स्कीम में जुलाई से सितंबर 2023 तिमाही के लिए बयाज दर 7.7 फीसदी सालाना है. इसमें ब्याज सालाना कंपाउंडेड होता है, लेकिन इसका भुगतान मैच्योरिटी पर किया जाता है. वहीं इसमें निवेश कर आप टैक्स का लाभ भी ले सकते हैं. यह उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है जो रिस्क फ्री इन्वेस्टमेंट कर स्टेबल रिटर्न पाना चाहते हैं. इस स्कीम में आपका फंड पूरी तरह से सेफ है, वहीं बैंक बचत खाते की तुलना में डबल रिटर्न मिलता है.
NSC: 10 लाख निवेश मैच्योरिटी पर कितना होगा
जमा: 10 लाख रुपये
ब्याज दर: 7.7 फीसदी सालाना कंपाउंडेड
टेन्योर: 5 साल
मैच्योरिटी पर अमाउंट: 14,49,034 रुपये
ब्याज का फायदा: 4,49,034 रुपये
कौन और कितने वैल्यू का खरीद सकते हैं NSC
आप नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट को पोस्ट ऑफिस की किसी ब्रांच से खरीद सकते हैं. आप 100, 500, 1000, 5000 और 10,000 रुपये के वैल्यू में यह सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं. निवेश के लिए मिनिमम अमाउंट 100 रुपये होना चाहिए. जबकि अधिकतम अमाउंट की कोई सीमा नहीं है. यानी आप इसमें कितनी भी रकम निवेश कर सकते हैं. कोई भी व्यक्ति अपने अकाउंट से या नाबालिग के नाम पर NSC खरीद सकता है. NSC को सिंगल या ज्वॉइंट अकाउंट के जरिए शुरू कर सकते हैं. इसे पासबुक के रूप में जारी किया जाता है. नियम के अनुसार, NSC को अनिवासी भारतीय (NRI), हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUFs), पब्लिक या प्राइवेट कंपनियों, ट्रस्ट, सोसायटी या अन्य संस्थानों द्वारा नहीं खरीदा जा सकता है.
NSC पर टैक्स के नियम
इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. हालांकि यह छूट 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है. NSC में सोर्स (टीडीएस) पर टैक्स नहीं काटा जाता है. हालांकि, इंटरेस्ट इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्सेबल है. पहले 4 साल तक NSC से मिले ब्याज को फिर से निवेश कर दिया जाता है, इसलिए टैक्स में छूट दी जाती है. हालांकि 5 साल पूरे होने पर उसे फिर से निवेश नहीं कर सकते, इसलिए ब्याज से हुई कमाई पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगता है.
NSC में मैच्योरिटी पूरी होने से पहले पैसे निकालने की सुविधा नहीं है. सिर्फ सिंगल अकाउंट होल्डर या ज्वॉइंट अकाउंट में किसी एक की डेथ के मामलों में ऐसा हो सकता है.