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अगर मां-बाप यह साबित करते हैं कि उनकी देखभाल सही नहीं हो रही है तो मेंटेनेंस एक्ट के सेक्शन 23 के तहत प्रॉपर्टी के ट्रांसफर को रद्द कराया जा सकता है.
Get Property Back: कई बच्चे रोजगार को लेकर देश से बाहर चले जाते हैं या कुछ मामलों में ऐसा भी होता है कि बच्चे यहीं रहते हैं लेकिन वे अपने मां-बाप की देखभाल नहीं करते हैं. इन परिस्थितियों में अगर मां-बाप ने प्रॉपर्टी बच्चों के नाम पर ट्रांसफर कर दिया है तो दिक्कत यह आती है कि अब अगर उनके बच्चे देखभाल नहीं करेंगे तो वे किसके सहारे रहेंगे. प्रॉपर्टी का ट्रांसफर इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट 1972 के तहत उपहार माना जाता है और इसे वैध तरीके से अगर ट्रांसफर कर दिया गया है तो यह अंतिम होता है यानी कि इसे देने वाला वापस लेना चाहे तो भी नहीं ले सकता है. ऐसे में उन मां-बाप के सामने समस्याएं आती हैं तो ऐसे में बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले के आधार पर वे अपने बच्चों से प्रॉपर्टी वापस ले सकते हैं.
हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनाया था फैसला
मुंबई के एक विधुर पिता ने दोबारा शादी का फैसला किया तो उसके बेटे ने जोर देकर आधी संपत्ति अपने नाम करा लिया ताकि उसके हित सुरक्षित रह सके. इसके बाद उस व्यक्ति के बेटे और बहू ने पिता की देखभाल करना स्वीकार किया लेकिन सौतेली माता की नहीं. ऐसे में पिता ने आधी संपत्ति को वापस पाने के लिए ट्रिब्यूनल में मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजंस एक्ट 2007 के प्रावधानों के तहत गठित ट्रिब्यूनल में याचिका दायर किया. आधी संपत्ति के हस्तांतरण को रद्द करने के लिए दायर याचिका के हक में सुनाए गए ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ बेटे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर किया लेकिन जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस अनुजा प्रभु देसाई ने इस फैसले को बनाए रखा.
इस आधार पर संपत्ति मिलेगी वापस
इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट, 1872 के तहत दिए गए उपहारों को किसी भी परिस्थिति में वापस नहीं लिया जा सकता है. हालांकि अगर प्रॉपर्टी देने वाले को धोखे में रखकर या किसी अनुचित तरीके से अगर इसे ट्रांसफर किया गया है तो इसे वापस लिया जा सकता है. केंद्र सरकार ने द मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजंस एक्ट, 2007 के तहत माता-पिता और सीनियर सिटीजंस की देखभाल सुनिश्चित करने के लिए प्रॉपर्टी ट्रांसफर को रद्द करने का प्रावधान जोड़ा गया. इस एक्ट के सेक्शन 23 के तहत यह निर्धारित किया गया कि प्रॉपर्टी पाने वाले को इसे देने वाले की मूल जरूरतों व सुविधाओं का ख्याल रखना होगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रॉपर्टी के ट्रांसफर को ट्रिब्यूनल रद्द कर सकता है. टैक्स और निवेश एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक अगर मां-बाप यह साबित करते हैं कि उनकी देखभाल सही नहीं हो रही है तो मेंटेनेंस एक्ट के सेक्शन 23 के तहत प्रॉपर्टी के ट्रांसफर को रद्द कराया जा सकता है. हालांकि जैन के मुताबिक यहां यह ध्यान रखना चाहिए कि इस एक्ट के प्रभावी होने के पहले जो प्रॉपर्टी ट्रांसफर हुई है, उसमें माता-पिता को बच्चों से प्रॉपर्टी वापस मिलने में बहुत दिक्कत आ सकती है.