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Fixed Deposit: एफडी में निवेश से पहले इन पांच बातों का रखें ख्याल, रिटर्न बढ़ाने में मिलेगी मदद

Fixed Deposit Investment: निवेशकों को एफडी खाता खोलने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है ताकि निवेश पर रिटर्न को अधिक से अधिक किया जा सके.

Fixed Deposit Investment: निवेशकों को एफडी खाता खोलने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है ताकि निवेश पर रिटर्न को अधिक से अधिक किया जा सके.

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personal finance before Opening a Fixed Deposit fd Check these 5 parameters first

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) लंबे समय से निवेश का पसंदीदा विकल्प माना जाता रहा है.

Fixed Deposit: फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) लंबे समय से निवेश का पसंदीदा विकल्प माना जाता रहा है. आमतौर पर लोग एफडी में निवेश घर के निर्माण, गाड़ी खरीदने, शादी और उच्च शिक्षा इत्यादि जैसे वित्तीय लक्ष्य पूरा करने के लिए एफडी में निवेश करते हैं. इसके अलावा एफडी में निवेश अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग बेहतर तरीके से करने में मदद करती है. हालांकि निवेशकों को एफडी खाता खोलने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है ताकि निवेश पर रिटर्न को अधिक से अधिक किया जा सके.

FD में निवेश से पहले परखें इन पैरामीटर्स पर

  • एफडी की अवधि: फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्जाज दर इसकी अवधि से जुड़ी होती है. उदाहरण के लिए 10 साल की एफडी पर रिटर्न हमेशा एक साल की एफडी से अधिक होगा. आप अपने वित्तीय लक्ष्य के मुताबिक शॉर्ट टर्म (1-3 वर्ष), मीडियम टर्म (3-5 वर्ष) और लांग टर्म (5-10 वर्ष) की एफडी चुन सकते हैं.
  • रेटिंग: क्रिसिल और केयर जैसी क्रेटिड रेटिंग एजेंसियां कई पैरामीटर्स पर वित्तीय संस्थानों को रेटिंग देती हैं. किसी वित्तीय संस्थान की CRISIL FAA+ या CARE AA रेटिंग को सबसे अच्छा माना जाता है. अपनी पूंजी के निवेश पर रिस्क को न्यूनतम करने के लिए वित्तीय संस्थान की क्रेडिट रेटिंग जरूर चेक कर लें.
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  • ब्याज दर: इस समय एफडी की ब्याज दरें करीब 6.7 फीसदी पर हैं और वरिष्ठ नागरिकों को 0.25 फीसदी अधिक ब्याज मिलता है. ब्याज दर दो प्रकार के होते हैं- कम्यूलेटिव और नॉन-कम्यूलेटिव. कम्यूलेटिव मोड में निवेश की गई राशि मेच्योरिटी तक लॉक्ड रहती है और मेच्योरिटी पर मूल निवेश राशि ब्याज के साथ मिलता है. इसके विपरीत नॉन-कम्यूलेटिव मोड में हर महीने, तिमाही, छमाही या सालाना निश्चित ब्याज राशि मिलती है. ऐसे में एफडी खोलते समय पहले इसे ध्यान से चुनें.
  • लोन सुविधा: पैसों की जरूरत पड़ने पर आमतौर पर लोग लोन के लिए आवेदन करते हैं. हालांकि अगर आप एफडी खोलते हैं तो आप स्वतः इसके अगेन्स्ट लोन हासिल करने के योग्य हो जाते हैं. इसके तहत निवेश पूंजी के 75 फीसदी हिस्से तक का लोन ले सकते हैं और इस पर एफडी की ब्याज दर से 2 फीसदी अधिक दर पर ब्याज चुकाना होता है. एफडी के अगेन्स्ट लोन लेने पर लोन की अवधि एफडी की अवधि के बराबर होती है. ऐसे में अगर आप 10 साल की एफडी खाता खोला है और दूसरे साल आप लोन के लिए आवेदन करते हैं तो आपके पास आठ साल लोन के भुगतान के लिए होंगे.
  • वित्तीय संस्थान: सभी एफडी बेहतर हैं लेकिन सभी वित्तीय संस्थान नहीं. ऐसे में एफडी खाता खोलने से पहले वित्तीय संस्थान के फीचर्स और वैल्यू-एडेड सर्विसेज को जरूर एनालाइज कर लें.

(सोर्स: टैक्स गुरु)