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Personal Loan Vs PPF Loan:लोन की जरूरत है? जानिए, पर्सनल और पीपीएफ लोन में कौन पड़ेगा सस्ता

किसी इमरजेंसी खर्च के लिए आम तौर पर लोग पर्सनल लोन लेते हैं. लेकिन कुछ पर्सनल फाइनेंस विशेषज्ञ मानते हैं कि पर्सनल लोन के अलावा पीपीएफ अकाउंट के एवज में भी लोन लिया जा सकता है.

किसी इमरजेंसी खर्च के लिए आम तौर पर लोग पर्सनल लोन लेते हैं. लेकिन कुछ पर्सनल फाइनेंस विशेषज्ञ मानते हैं कि पर्सनल लोन के अलावा पीपीएफ अकाउंट के एवज में भी लोन लिया जा सकता है.

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FE Online
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Personal Loan Vs PPF Loan:लोन की जरूरत है? जानिए, पर्सनल और पीपीएफ लोन में कौन पड़ेगा सस्ता

लोन लेना हो तो पर्सनल लोन की जगह पीपीएफ के एवज में लोन लेने का विकल्प चुन सकते हैं.

जब तक कोई लॉन्ग टर्म एसेट न खरीदना हो तब तक लोन लेने से बचना चाहिए. लेकिन कई बार जिंदगी में ऐसी इमरजेंसी आती है कि लोन लेना पड़ता है. जब भी ऐसी जरूरत होती है तो इमरजेंसी फंड में हाथ लगाने से भी बचना चाहिए. हालांकि तमाम तरह की वित्तीय प्लानिंग के बावजूद हम सभी को कभी न कभी लोन की जरूरत पड़ ही जाती है. अचानक आए खर्च के लिए लोग पर्सनल लोन का रुख करते हैं लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि छोटी अवधि के लिए कोई बड़ी रकम लोन लेनी हो तो अपने पीपीएफ अकाउंट के एवज में मिलने वाले लोन का सहारा लिया जा सकता है.

पर्सनल लोन या पीपीएफ लोन

किसी इमरजेंसी खर्च के लिए आम तौर पर लोग पर्सनल लोन लेते हैं. लेकिन कुछ पर्सनल फाइनेंस विशेषज्ञ मानते हैं कि पर्सनल लोन के अलावा पीपीएफ अकाउंट के एवज में भी लोन लिया जा सकता है. InCred Finance में Risk & Analytics के हेड पृथ्वी चंद्रशेखर का कहना है कि पीपीएफ लोन और पर्सनल लोन के बीच चुनाव करते वक्त कुछ चीजों पर गौर करना जरूरी है.

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पर्सनल और पीपीएफ लोन कौन ले सकता है?

पर्सनल लोन देते समय अच्छा क्रेडिट स्कोर, कस्टमर की उम्र और नियमित आय पर फैसला लिया जाता है. वहीं पीपीएफ लोन आप पीपीएफ अकाउंट खुलने के तीसरे से छठे साल के बीच ले सकते हैं इसका मतलब यह है कि अगर आपने फाइनेंशियल ईयर 2015-16 में पीपीएफ अकाउंट खुलवाया है. तो आप फाइनेंशियल ईयर 2017-2018 से लोन ले सकते हैं. हालांकि आप वित्त वर्ष 2020-21 तक ही लोन ले सकते हैं.

कितना लोन ले सकते हैं?

पर्सनल लोन में अधिकतम लोन की कोई सीलिंग नहीं होती. यह बैंक के लोन देने के पैमाने पर निर्भर करता है. पर्सनल लोन की ब्याज दरें भी काफी ज्यादा होती है. अमूमन इस पर 10 से 20 फीसदी तक सालाना ब्याज लगता है. जबकि पीपीएफ से लोन लेने पर लोन अमाउंट पर सिर्फ एक फीसदी ब्याज लगता है. लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि लोन चुकाने की अवधि तक आपके पीपीएफ कंट्रीब्यूशन पर कोई ब्याज नहीं मिलता. तो इस तरह आपकी ब्याज दर पीपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर में एक फीसदी जोड़ने पर मिलने वाली ब्याज के बराबर बैठती है. अगर पीपीएफ कंट्रीब्यूशन पर 7.10 फीसदी ब्याज मिल रहा है तो लोन पर 8.10 फीसदी का ब्याज लागू होगा. चंद्रशेखर कहते हैं कि पीपीएफ के लिए लोन तब लेना चाहिए, जब आपको कम समय के लिए एक बड़ी राशि की जरूरत पड़े.

लोन चुकाने की अवधि

पर्सनल लोन अधिकतम छह साल की अवधि के लिए होता है. वहीं पर्सनल लोन तीन साल में चुका देना होता है.

ब्याज की दरें

चूंकि पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड होता है इसलिए इनकी ब्याज दर ज्यादा यानी 10 से 20 फीसदी के बीच होती है. जबकि पीपीएफ पर ब्याज दर इस पर मिल रहे कंट्रीब्यूशन से एक फीसदी ज्यादा होती है.

(Article: Amitava Chakarvarty)

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