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सरकार ने टैक्स फ्री ब्याज के लिए प्रोविडेंट फंड में जमा की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये सालाना कर दी है.
New PF tax rule: सरकार ने मंगलवार को टैक्स फ्री ब्याज के लिए प्रोविडेंट फंड में जमा की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये सालाना कर दी है. यह उन मामलों में लागू होगा, जहां रिटायरमेंट फंड में एंप्लॉयर द्वारा कोई योगदान नहीं किया जाता है. 1 फरवरी को अपने पेश किए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 2.5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा के कर्मचारी के प्रोविडेंट फंड में योगदान पर ब्याज पर 1 अप्रैल 2021 से टैक्स लगेगा.
फाइनेंस बिल ध्वनिमत से पारित हुआ
लोकसभा में फाइनेंस बिल 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए, सीतारमण ने उन मामलों में सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का एलान किया था, जहां एंप्लॉयर प्रोविडेंट फंड में योगदान नहीं करते हैं. 2021-22 के लिए टैक्स प्रस्तावों को प्रभावी करने वाला फाइनेंस बिल ध्वनिमत से पारित हुआ.
वित्त विधेयक के संसद से पारित होने पर 2021-22 के लिए किए गए कर प्रावधानों को मंजूरी मिल जाती है. विधेयक को उसमें प्रस्तावित विधानों के लिए 127 संशोधनों को स्वीकार करने के बाद पारित किया गया.
केवल एक फीसदी प्रोविडेंट फंड खाताधारकों पर असर
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज पर लगाए गए टैक्स प्रस्ताव से केवल एक फीसदी प्रोविडेंट फंड खाताधारकों पर ही असर पड़ेगा. अन्य खाताधारकों पर इस कर प्रस्ताव का कोई असर नहीं होगा क्योंकि उनका सालाना पीएफ योगदान ढाई लाख रुपये से कम है.
सदस्यों द्वारा पेट्रोल, डीजल पर ऊंची कर दरों के बारे में उठाए गए मुद्दे पर सीतारमण ने कहा कि वह पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर जीएसटी परिषद की अगली बैठक में चर्चा करना पसंद करेगी. उन्होंने सदस्यों को याद दिलाया कि केवल केन्द्र सरकार ही वाहनों के ईंधनों पर कर नहीं लगाती है. राज्य सरकारें भी पेट्रोल, डीजल पर वैट लगाती हैं.