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लॉकडाउन में भी कमाई करा रहा ये बिजनेस, शुरू करने के लिए सरकार देती है 2.5 लाख की मदद

लॉकडाउन में जहां ज्यादातर कारोबार धंधे चौपट हो रहें हैं, वहीं जन औषधि केंद्रों के जरिए लोगों को रोजी रोटी चलाने में बड़ी मदद मिल रही है.

लॉकडाउन में जहां ज्यादातर कारोबार धंधे चौपट हो रहें हैं, वहीं जन औषधि केंद्रों के जरिए लोगों को रोजी रोटी चलाने में बड़ी मदद मिल रही है.

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PMBJY, PM Janaushadhi Yojana, how you can start janaushadi centre near you house, necessary help providing by Govt, incentive and commission giving by givt on total sales, total 2.5 lakh rs help providing by central government

लॉकडाउन में जहां ज्यादातर कारोबार धंधे चौपट हो रहें हैं, वहीं जन औषधि केंद्रों के जरिए लोगों को रोजी रोटी चलाने में बड़ी मदद मिल रही है.

PMBJY, PM Janaushadhi Yojana, how you can start janaushadi centre near you house, necessary help providing by Govt, incentive and commission giving by givt on total sales, total 2.5 lakh rs help providing by central government लॉकडाउन में जहां ज्यादातर कारोबार धंधे चौपट हो रहें हैं, वहीं जन औषधि केंद्रों के जरिए लोगों को रोजी रोटी चलाने में बड़ी मदद मिल रही है.

PMBJY/How to Open Janaushadhi Centre: कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में जहां ज्यादातर कारोबार धंधे चौपट हो रहें हैं, वहीं जन औषधि केंद्रों के जरिए लोगों को रोजी रोटी चलाने में बड़ी मदद मिल रही है. प्रधान मंत्री भारतीय जनऔषधि योजना (PMBJY) केंद्र सरकार की सस्ते दवाओं की योजना है. इसके तहत देशभर के हर जिले में दवाओं की सस्ती दुकान खोलने का लक्ष्य है. योजना की खास बात यह है कि इसे शुय करने के लिए सरकार 2.5 लाख रुपये की मदद भी देती है, जिससे बिजनसे शुरू करने का पूरा खर्च निकल जाता है. वहीं सरकार इन केंद्रों के जरिए कमाई भी सुनिश्चित कर रही है. अगर लॉकडाउन के बाद आप भी घर रहकर ही किसी बेहतर कारोबार की तलाश में हैं तो इस सरकारी स्कीम की मदद ले सकते हैं.

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अप्रैल में 52 करोड़ की बिक्री

रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश में अभी 6,300 के करीब जनऔषधि केंद्र हैं. लॉकडाउन के कारण खरीद व लॉजिस्टिक्स संबंधी दिक्कतों के बाद भी जनऔषधि केंद्रों ने अप्रैल में 52 करोड़ रुपये की बिक्री की है. इन केंद्रों ने मार्च 2020 में 42 करोड़ रुपये की बिक्री की थी. जनऔषधि केंद्र मरीजों से वॉट्सऐप और ईमेल के जरिए दवाओं के ऑर्डर स्वीकार कर रहे हैं, ताकि वे आसानी से दवा खरीद सकें.

कौन खोल सकता है जनऔषधि केंद्र

1. पहली कैटेगरी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर केंद्र खोल सकता है.

2. दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी और सेल्फ हेल्प ग्रुप को जनऔषधि केंद्र खोल सकते हैं.

3. तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की ओर से नॉमिनेट की गई एजेंसियां केंद्र खोल सकती हैं.

क्या हैं जरूरी शर्तें

इसके लिए रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस जन औषधि केंद्र के नाम से होना चाहिए.

वहीं, आपके पास 120 वर्गफुट एरिया में दुकान होनी जरूरी है.

सरकार कैसे करती है मदद

  • सरकार जनऔषधि केंद्र खोलने पर 2.5 लाख रुपये तक की सहायता करती है.
  • जनऔषधि केंद्र से दवा बेचने पर 20 फीसदी मार्जिन के अलावा हर महीने की बिक्री पर अलग से 15 फीसदी इंसेंटिव दिया जा रहा है.
  • 20 फीसदी मार्जिन का मतलब है कि अगर आपने महीने में 50 हजार की बिक्री की तो आपको उस महीने 10 हजार रुपये की इनकम हो जाएगी. इसके अलावा मंथली सेल्स पर 15 फीसदी इंसेंटिव मिलेगा, जो 7.5 हजार होगा.
  • इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 10 हजार रुपये प्रति माह होगी. इंसेंटिव तब तक मिलेगा, जब तक कि 2.5 लाख रुपये पूरे न हो जाएं.
  • नक्सल प्रभावित और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपये प्रति माह है.

कहां से करें आवेदन

जनऔषधि शुरू करने के लिए https://janaushadhi.gov.in/ पर जाकर फार्म डाउनलोड कर सकते हैं. आवेदन को ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (BPPI) के जनरल मैनेजर(A&F) के नाम से भेजना होगा.

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