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Jan Aushadhi Kendra: देश में चल रही कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) बड़े मददगार साबित हो रहे हैं.
Jan Aushadhi Kendra: देश में चल रही कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) बड़े मददगार साबित हो रहे हैं. एक ओर जहां देश के कई राज्यों या शहरों में कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से लोगों के आय पर असर हुआ है, दवाओं के कारोबार को सरकार ने छूट दी है. ऐसे में जहां जनऔषधि केंद्र चलाने वालों के आय पर किसी तरह का असर नहीं हुआ है, वहीं इस तालाबंदी के दौरान आम लोगों को भी सस्ते दामों पर आवश्यक दवाएं और अन्य चिकित्सकीय सामान उपलब्ध हो जा रहे हैं. केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्रालय के अनुसार इसकी बदौलत मौजूदा वित्त वर्ष के पहले डेढ़ महीने में ही जनता को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत हो चुकी है.
अभी देश में 7733 जनऔषधि केंद्र
केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्रालय के अनुसार देश भर में इस समय देश के 36 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के अलग अलग जिलों में 7733 जनऔषधि केंद्र चल रहे हैं. इनके जरिए 1449 दवाओं और 204 सर्जिकल व अन्य मेडिकल उपकरणों की बिक्री की जा रही है. एन-95 फेसमास्क महज 25 रुपये तो सैनिटाइजर भी सस्ते दाम पर बेचे जा रहे हैं. पिछले वित्त वर्ष में भी जनऔषधि केंद्रों के जरिए जनता को 4000 करोड़ रुपये की बचत हुई थी. असल में पीएमबीजेपी के तहत किसी भी दवा की कीमत बाजार में मौजूद ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 80 फीसदी तक कम हो सकती है.
हजारों युवाओं को मिल रहा रोजगार
प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना मौजूदा समय में हजारों लोगों के लिए रोजगार का साधन बन गई है. इसके जरिए हजारों युवा अपने ही शहर या कस्बे में रहकर हर महीने बेहतर इनकम कर रहे हैं. सरकार किसी इनडिविजुअल को जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए कई तरह के प्रोत्साहन भी दे रही है. सरकारी दवा की दुकान खोलने पर लोगों के मुनाफे का खास ध्यान रखा जा रहा है. इसके नियम और शर्त भी आसान हैं.
मौका: अभी 3000 केंद्र और खुलेंगे
देश में मौजूदा समय में करीब 7733 जनऔषधि केंद्र चलाए जा रहे हैं. जबकि सरकार की योजना इसे सभी 734 जिलों में बढ़ाकर 10500 करने की है. यानी अभी भी करीब 3000 केंद्र और खोले जाने हैं. ऐसे में रोजगार का साधन खोज रहे युवाओं के पास यह एक बेहतर विकल्प है.
कौन और कैसे खोल सकता है मेडिकल स्टोर
अगर कोई इनडिविजुअल दवा की दुकान खोलता है तो उसके पास डी फार्मा या बी फार्मा की डिग्री होनी चाहिए या उसने किसी डी फार्मा या बी फार्मा डिग्री होल्डर को रोजगार दे रखा हो. आवेदन करते समय इस डिग्री को लेकर उसे प्रूफ सबमिट करना होगा.
अगर कोई आर्गनाइजेशन या NGO जनऔषधि केंद्र खोलना चाहता है तो उसके लिए भी जरूरी है कि वह किसी डी फार्मा या बी फार्मा डिग्री होल्डर को रोजगार दे रखा हो.
अस्पतालों में भी कोई योग्य NGOs/चैरिटेबल आर्गनाइजेशन जनऔषधि केंद्र खोल सकता है.
कैसे होती है इनकम
20 फीसदी मार्जिन: गाइडलाइंस में कहा गया है कि जनऔघधि केंद्र खोलने पर दवा की बिक्री पर 20 फीसदी मार्जिन दुकान चलाने वालों को दिया जाएगा. इसके अलावा नॉर्मल और स्पेशल इंसेंटिव का भी प्रावधान है.
नॉर्मल इंसेंटिव: नॉर्मल इंसेंटिव के रूप में सरकार दवा की दुकरान खोलने में आने वाले खर्च को वापस कर देती है. इसमें दुकान में फर्नीचर पर आने वाले 1.5 लाख रुपये तक का खर्च और कंप्यूटर व फ्रिज आदि रखने में आने वाला 50 हजार रुपये तक का खर्च शामिल है. इसे मंथली बेसिस पर अधिकतम 15 हजार रुपये तक तक तब वापस किया जाता है, जबतक कि 2 लाख की रकम पूरी न हो जाए. यह इंसेंटिव मंथली परचेज का 15 फीसदी या 15000 में जो अधिक हो, दिया जाता है.
स्पेशल इंसेंटिव: यह महिला कारोबारी, दिव्यांग, SC, ST को जनऔषधि केंद्र खोलने पर दिया जाता है. या नॉर्थ ईस्ट या नक्सल प्रभावित इलाकों में सेंटर खोलने के लिए.
दुकान का एरिया: इसे खोलने के लिए आपके पास 120 वर्ग फुट की दुकान होनी चाहिए.
यहां से मिलेगा फार्म
जन औषधि केन्द्र के लिए रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस जन औषधि केंद्र के नाम से लेना होता है. https://janaushadhi.gov.in/ से फार्म डाउनलोड कर सकते हैं. फार्म डाउनलोड करने के बाद आपको आवेदन ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर (एएंडएफ) के नाम से भेजना होगा.
पता
Bureau of Pharma Public Sector Undertakings of India (BPPI),
8th Floor Videocon Tower,
Block E1 Jhandewalan Extension,
New Delhi –110055
Tel – 011-49431800
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