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PNB ने मिनिमम बैलेंस नहीं रखने वालों से 170 करोड़ रुपये वसूले हैं.
सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने वाले ग्राहकों से 170 करोड़ रुपये वसूले हैं. सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी पर बैंक ने यह सूचना दी. ये आंकड़े बीते वित्त वर्ष 2020-21 के हैं. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान यह आंकड़ा 286.24 करोड़ रुपये था. बैंक किसी वित्त वर्ष में इस तरह का शुल्क तिमाही आधार पर वसूलता है.
वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में बैंक ने क्वाटर्ली एवरेज बैलेंस (QAB) के रूप में 35.46 करोड़ रुपये वसूले. बीते वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंक ने इस तरह का कोई शुल्क नहीं लगाया. इसी तरह, तीसरी तिमाही में बैंक ने 48.11 करोड़ रुपये और चौथी तिमाही 86.11 करोड़ रुपये वसूले हैं.
ATM शुल्क के तौर पर वसूला गया 74.28 करोड़ रुपये
मध्य प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने RTI के तहत बैंक से इस बारे में जानकारी मांगी थी. इसके अलावा बैंक ने बीते वित्त वर्ष में ATM शुल्क के रूप में 74.28 करोड़ रुपये जुटाए जबकि 2019-20 में बैंक ने इस शुल्क से 114.08 करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी.
बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकार के निर्देश के बाद बैंक ने एटीएम शुल्क में छूट दी थी. एक अन्य सवाल के जवाब में बैंक ने बताया कि 30 जून, 2021 तक उसके 4,27,59,597 खाते निष्क्रिय थे. वहीं 13,37,48,857 खाते सक्रिय थे.
मिनिमम बैलेंस को लेकर बड़ी रकम वसूले जाने की होती रही है आलोचना
अपने बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस नहीं रख पाने वालों से बड़ी रकम वसूले जाने की काफी आलोचना होती है. इसके लिए यह दलील दी जाती है कि जो लोग बैंक में मिनिमम बैलेंस नहीं रख पाते उनमें बड़ी तादाद आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की होती है. देश लगातार कई वर्षों से धीमी विकास दर की समस्या से जूझ रहा है. वित्त वर्ष 2020-21 में तो देश की जीडीपी विकास दर निगेटिव रही है. जिसके चलते न सिर्फ बेरोजगारी बढ़ी है, बल्कि जिन्हें रोजगार मिला हुआ है, उनकी भी आमदनी में गिरावट दर्ज की गई है.