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देश में चेक के लिए नया पॉजिटिव पे सिस्टम आज से लागू हो गया है.
Positive Pay System For Cheque: देश में चेक के लिए नया पॉजिटिव पे सिस्टम आज से लागू हो गया है. इसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सितंबर में पेश किया था. केंद्रीय बैंक के मुताबिक, इस सिस्टम से देश में चेक आधारित ट्रांजैक्शन की सुरक्षा बढ़ने वाली है. पॉजिटिव पे सिस्टम एक आटोमेटेड फ्रॉड डिटेक्शन टूल है. आरबीआई द्वारा इस नियम को लाए जसने के पीछे मकसद चेक का गलत इस्तेमाल रोकना है. माना जा रहा है कि इस सिस्टम से फर्जी चेक के जरिए होने वाले फ्रॉड को कम किया जा सकेगा.
क्या है पॉजिटिव पे सिस्टम ?
पॉजिटिव पे सिस्टम एक प्रकार से फ्रॉड को पकड़ने वाला टूल है. इस सिस्टम के तहत कोई भी जब चेक जारी करेगा तो उसे अपने बैंक को पूरी डिटेल देनी होगी. इसमें चेक जारी करने वाले को SMS, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम या मोबाइल बैंकिंग के जरिए इलेक्ट्रॉनिकली चेक की डेट, बेनेफिशियरी का नाम, अकाउंट नंबर, कुल अमाउंट और अन्य जरूरी जानकारी बैंक को देनी होगी. इस सिस्टम से चेक से पेमेंट जहां सुरक्षित होगा, वहीं क्लियरेंस में भी कम समय लगेगा.
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन आफ इंडिया (NPCI) चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) में पॉजिटिव पे फैसिलिटी डेवलप करेगा और बैंकों को उपलब्ध कराएगा. यह सिस्टम 50 हजार या इससे बड़े अमाउंट के चेक के जरिए पेमेंट पर लागू होगा. चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक को क्लीयर करने की एक प्रक्रिया है. इसमें जारी किए गए फिजिकल चेक को एक जगह से दूसरी जगह घूमना नहीं पड़ता है. चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक के कलेक्शन की प्रक्रिया को तेज बना देता है.
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कैसे काम करेगा सिस्टम ?
चेक जारी करने वाला जरूरी डिटेल्स SMS, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या ATM जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मुहैया करा सकता है. इसके बाद चेक पेमेंट से पहले इन जानकारियों को क्रॉस-चेक किया जाएगा. अगर इसमें कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो बैंक उस चेक को रिजेक्ट कर देंगे. यहां अगर 2 बैंक का मामला है यानी जिस बैंक का चेक काटा गया है और जिस बैंक में चेक डाला गया है, तो दोनों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी.
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