/financial-express-hindi/media/post_banners/cwvygpMPDpbAEqQ4iELq.jpg)
Compared to the rate of interest in bank fixed deposits, the post office schemes may still appear attractive.
Post Office Savings Account: डाकघर की बचत योजनाओं में पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट भी शामिल है. अब डाकघर ने इस योजना से जुड़ा एक बदलाव किया है. इसके तहत अब आप पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट में 11 दिसंबर तक 500 रुपये का न्यूनतम बैलेंस रख लें. 11 दिसंबर से पहले ऐसा नहीं करने पर खाताधारकों को मैनटेनेंस चार्ज का भुगतान करना होगा. भारतीय डाक ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है. लोग डाकघर की बचत योजनाओं में बेहतर और सुरक्षित रिटर्न के लिए निवेश करते हैं. इनमें खास बात यह है कि निवेश किए गए पूरे पैसे के 100 फीसदी सेफ रहने की गारंटी होती है.
Now maintaining minimum balance in Post Office Savings Account is mandatory.#MyPostIndiaPostpic.twitter.com/M8VxJht270
— India Post (@IndiaPostOffice) November 28, 2020
वर्तमान नियम
पोस्ट ऑफिस की वेबसाइट के मुताबिक, वर्तमान में नियम के तहत अगर वित्तीय वर्ष के अंत तक 500 रुपये का मिनिमम बैलेंस बरकरार नहीं रखा जाता है, तो वित्त वर्ष के आखिरी दिन अकाउंट से 100 रुपये की मैनटेनेंस फीस काट ली जाती है. फीस काटने के बाद अगर खाते में बैलेंस जीरो हो गया तो यह अपने आप बंद हो जाएगा.
पोस्ट ऑफिस में 500 रुपये में सेविंग्स अकाउंट खुल जाता है. एक पोस्ट ऑफिस में एक ही बचत खाता खुलवा सकते हैं. इस वक्त पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट पर सालाना ब्याज दर 4 फीसदी है. इसे सिंगल या ज्वॉइंट में, 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग बच्चे के नाम पर, दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए खुलवा सकते हैं.
पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट पर चेक/एटीएम सुविधा, नॉमिनेशन सुविधा, अकाउंट एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे में ट्रांसफर कराने की सुविधा, इंट्रा ऑपरेबल नेटबैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग की सुविधा, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट्स के बीच ऑनलाइन फंड ट्रांसफर की सुविधा उपलब्ध है. अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए 3 वित्त वर्षों के अंदर कम से कम एक बार डिपॉजिट या विदड्रॉल करना जरूरी है.
Best Investment Schemes: इन तीन सरकारी स्कीम्स में मिलेगा सबसे ज्यादा ब्याज, पैसा भी 100% सुरक्षित
डाक घर की बचत योजनाएं ज्यादा सुरक्षित
बता दें कि छोटी बचत के निवेशकों के लिए डाक घर की बचत योजनाएं ज्यादा सेफ हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर पोस्टल डिपार्टमेंट रकम लौटाने में विफल हो तो पोस्ट ऑफिस के जमा पैसों पर सॉवरेन गारंटी होती है. यानी किसी परिस्थिति में अगर पोस्टल डिपार्टमेंट निवेशकों का रकम लौटाने में फेल हो जाए तो यहां सरकार आगे बढ़कर निवेशकों के पैसों की गारंटी लेती है.