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डाक घर की स्कीम्स में गारंटीड रिटर्न मिलता है, बल्कि आपका पैसा डूबने की भी टेंशन नहीं रहती है.
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Post Office Schemes PPF, SSY & SCSS: कोरोनावायरस महामारी ने हमें यह समझा दिया है कि हर छोटी बचत और सेफ डिपॉजिट का कितना महत्व है. अक्सर हम एक ऐसे समय का इंतजार करते हैं कि जैसे ही अच्छी रकम आएगी, निवेश करेंगे. अमूमन ऐसा होता है कि वो समय नहीं आता है और हम अपनी बचत और निवेश की योजना को टालते रहते हैं. यदि हम किसी समय का इंतजार किए बगैर शुरुआत से ही छोटी-छोटी बचत को निवेश करें तो भविष्य में हमें बड़ा फंड मिल जाएगा. जब भी छोटी बचत की बात करें तो निवेश का सुरक्षित होना जरूरी है. ऐसे में डाक घर यानी पोस्ट ऑफिस की कुछ ऐसी योजनाएं हैं जिनमें निवेश हम बच्चों से लेकर बुजुर्ग मां-बाप तक के लिए कर सकते हैं. इन योजनाओं में खास बात यह है कि इनमें न केवल गारंटीड रिटर्न मिलता है, बल्कि आपका पैसा डूबने की भी टेंशन नहीं रहती है. इसमें अब ऑनलाइन डिपॉजिट की भी सुविधा इंडिया पेमेंट पोस्ट बैंक (IPPB) के जरिए ले सकते हैं. इन निश्चित निवेश कर आप भविष्य में लाखों का फंड बना सकते हैं. आइए डाक घर की ऐसी ही 3 प्रमुख योजनाओं के बारे में जानते हैं.
PPF
डाक घर का PPF अकाउंट बच्चे से लेकर व्यस्क का खुलवाया जा सकता है. बच्चे की उच्च शिक्षा के समय यह फंड काम आएगा. PPF अकाउंट को मिनिमम 500 रुपये से शुरू किया जा सकता है. अकाउंट पर अभी सालाना ब्याज दर 7.1 फीसदी है. अकाउंट में एक वित्त वर्ष में मिनिमम 500 रुपये और मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये जमा करना जरूरी है.
अगर आप महीने के पूरे इंट्रेस्ट का फायदा लेना चाहते हैं तो हर माह की 5 तारीख तक PPF में डिपॉजिट कर दें. पोस्ट ऑफिस PPF पर नॉमिनेशन सुविधा, माइनर यानी नाबालिग के नाम पर दूसरा PPF अकाउंट खुलवाने की सुविधा उपलब्ध है.
पोस्ट ऑफिस PPF का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है और इससे पहले क्लोजर नहीं किया जा सकता. हालांकि चुनिंदा मामलों जैसेकि जीवनसाथी या निर्भर बच्चों को जानलेवा बीमारी, बच्चों की उच्च शिक्षा या विदेश में बसने की स्थिति में 5 साल की अवधि पूरा होने के बाद जरूरत पड़ने पर इसे क्लोज कराया जा सकता है.
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पोस्ट ऑफिस PPF में निवेश, इस पर आने वाले ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाले अमाउंट तीनों को आयकर कानून के तहत टैक्स से छूट प्राप्त है. मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद पोस्ट ऑफिस PPF अकाउंट को 5 साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है.
पोस्ट ऑफिस PPF अकांउट के एक साल पूरा होने के बाद और 5 साल पूरे होने से पहले, इस पर लोन लिया जा सकता है. इसके अलावा अकाउंट के 5 साल पूरे होने के बाद इससे विदड्रॉअल भी किया जा सकता है. पोस्ट ऑफिस PPF पर इंट्रा ऑपरेबल नेटबैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग के जरिए ऑनलाइन डिपॉजिट सुविधा, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक सेविंग्स अकाउंट से ऑनलाइन डिपॉजिट की सुविधा उपलब्ध है.
सुकन्या समृद्धि स्कीम (SSY)
बेटियों के लिए खास रूप से डिजाइन की गई डाकघर की ये स्कीम काफी लोकप्रिय है. इस स्कीम के तहत अपनी बच्ची के जन्म के बाद यह अकाउंट खुलवा सकते हैं. SSY में माता-पिता 10 वर्ष तक की आयु की बच्ची के नाम पर खाता खोल सकते हैं. एक बच्ची के नाम पर एक ही खाता खुलेगा. SSY अकाउंट को मिनिमम 250 रुपये से शुरू कर सकते हैं.
इसमें एक वित्त वर्ष में न्यूनतम जमा 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तय की गई है. ब्याज दर की बात करें तो इस वक्त पोस्ट ऑफिस में सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट पर सालाना 7.6 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. सुकन्या समृद्धि स्कीम में अधिकतम 15 साल तक निवेश किया जा सकता है.
सुकन्या समृद्धि अकाउंट को लड़की के 21 साल का होने के बाद ही बंद किया जा सकता है. हालांकि बच्ची के 18 साल की होने पर उसकी शादी होने पर नॉर्मल प्रीमैच्योर क्लोजर की अनुमति है. 18 साल की उम्र के बाद बच्ची SSY अकाउंट से आंशिक तौर पर कैश निकासी कर सकती है.
निकासी की सीमा पिछला वित्त वर्ष खत्म होने पर अकाउंट में मौजूद बैलेंस का 50 फीसदी तक है SSY में जमा की जाने वाली रकम पर सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. इसके अलावा जमा रकम पर आने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाला पैसा भी टैक्स फ्री है. इस तरह SSY ‘EEE’ कैटेगरी की टैक्स सेविंग स्कीम है.
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS)
डाकघर में बुजुर्ग माता-पिता के लिए बचत पर निश्चित आय का एक बेहतरीन विकल्प है. इस स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है. SCSS पर मौजूदा ब्याज दर 7.4 फीसदी सालाना है. इस अकाउंट में केवल एक ही बार निवेश किया जा सकता है, जो मिनिमम 1000 रुपये से लेकर मैक्सिमम 15 लाख रुपये तक है. SCSS के तहत 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र का व्यक्ति अकाउंट खुलवा सकता है.
अगर कोई 55 साल या उससे ज्यादा का है लेकिन 60 साल से कम का है और VRS ले चुका है तो वह भी SCSS में अकाउंट खोल सकता है. लेकिन शर्त यह है कि उसे रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने के एक माह के अंदर यह अकाउंट खुलवाना होगा और इसमें डिपॉजिट किया जाने वाला अमाउंट, रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अमांउट से ज्यादा नहीं होना चाहिए. SCSS के तहत डिपॉजिटर इंडीविजुअली या अपनी पत्नी/पति के साथ ज्वॉइंट में एक से ज्यादा अकाउंट भी रख सकता है. लेकिन सभी को मिलाकर मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट लिमिट 15 लाख से ज्यादा नहीं हो सकती.
सीनियम सिटीजन सेविंग्स अकाउंट पर प्रीमैच्योर क्लोजर की अनुमति है लेकिन पोस्ट ऑफिस, अकाउंट को एक साल पूरा होने से पहले बंद कराने पर कोई ब्याज नहीं देगा. वहीं अकाउंट ओपनिंग के 1 साल बाद अकाउंट क्लोज करने पर डिपॉजिट का 1.5 फीसदी काटेगा, 2 साल बाद बंद करने पर डिपॉजिट का 1 फीसदी काटा जाएगा.
मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद अकाउंट को और तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. टैक्स की बात करें तो अगर SCSS के तहत आपकी ब्याज राशि 50,000 रुपये सालाना से ज्यादा हो जाती है तो TDS कटने लगता है. हालांकि इस स्कीम में इन्वेस्टमेंट पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट है. SCSS पर नॉमिनेशन सुविधा, अकाउंट को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे में ट्रांसफर कराने की सुविधा, एक ही ऑफिस में कई SCSS अकाउंट खुलवाने की सुविधा है.
डाक घर में पैसा 100% सेफ
छोटी बचत के निवेशकों के लिए डाक घर की बचत योजनाएं ज्यादा सेफ हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर पोस्टल डिपार्टमेंट रकम लौटाने में विफल हो तो पोस्ट ऑफिस के जमा पैसों पर सॉवरेन गारंटी होती है. यानी किसी परिस्थिति में अगर पोस्टल डिपार्टमेंट निवेशकों का रकम लौटाने में फेल हो जाए तो यहां सरकार आगे बढ़कर निवेशकों के पैसों की गारंटी लेती है.
किसी स्थिति में आपका पैसा फंसने नहीं पाता है. पोस्ट ऑफिस स्कीम में जमा पैसों का इस्तेमाल सरकार अपने कामों के लिए करती है. इसी वजह से इन पैसों पर सरकार गारंटी भी देती है.
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दूसरी ओर, बैंक में रखे आपकी पूरी जमा पूंजी 100 फीसदी सेफ नहीं होती है. अगर कोई बैंक डिफॉल्ट कर जाता है तो उस स्थिति में DICGC यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बैंक में कस्टमर्स के सिर्फ 5 लाख रुपये की सुरक्षा की गारंटी देता है.
यह नियम बैंक के सभी ब्रांच पर लागू होता है. इसमें मूलधन और ब्याज दोनों को शामिल किया जाता है. यानी अगर दोनों जोड़कर 5 लाख से ज्यादा है तो सिर्फ 5 लाख ही सुरक्षित माना जाता है.