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Post Office Small Savings: पोस्ट ऑफिस की स्माल सेविंग्स स्कीम्स में निवेश करने वाले लाखों को सरकार से तगड़ा झटका लग सकता है.
Post Office Small Savings: पोस्ट ऑफिस की स्माल सेविंग्स स्कीम्स में निवेश करने वाले लाखों को सरकार से तगड़ा झटका लग सकता है.Post Office Small Savings Scheme: पोस्ट ऑफिस यानी डाक घर की स्माल सेविंग्स स्कीम्स में निवेश करने वाले लाखों लोगों को अगले कुछ महीने में सरकार से तगड़ा झटका लग सकता है. दरअसल, वित्त मंत्रालय की तरफ से इस बात के संकेत मिले हैं कि सरकार पोस्ट ऑफिस की PPF, SSY, NSC, KVP, SCSS, RD, FD जैसी स्माल सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दरें घटा सकती है. माना जा रह है कि सरकार की तरफ से यह कदम बैंकों के दबाव में भी उठाया जा सकता है. दरअसल, एक साल की मैच्योरिटी पर बैंकों की जमा दर और डाक घर की स्माल सेविंग्स दरों में करीब 1 फीसदी का अंतर है.
दरों में मार्केट रेट के अनुसार बदलाव
न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत में आ​र्थिक मामलों के सचिव (DEA) अतानु चक्रबर्ती ने संकेत दिए कि अगली तिमाही में स्माल सेविंग्स की दरों में मार्केट रेट के अनुसार बदलाव किया जाएगा. चालू​ तिमाही के दौरान सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) समेत स्माल सेविंग्स स्कीम्स की ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की थी. जबकि बैंकों की जमा की जमा दरों में कमी आई है.
स्माल सेविंग्स स्कीम्स में कितना डिपॉजिट
DEA सचिव चक्रबर्ती ने कहा कि भारत में हमारे पास स्माल सेविंग्स स्कीम्स में करीब 12 लाख करोड़ रुपये और लगभग 114 लाख करोड़ रुपये बैंक डिपॉजिट में हैं. इसलिए बैंकों की देनदारी इस 12 लाख करोड़ रुपये की वजह से प्रभावित हो रही है. यानी, बैंकों को स्माल सेविंग्स रेट के चलते अपने डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज देना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बैंकों की तरफ से जब यह बात उठाते हैं तो ऐसा लगता है कि एक प्रभावी संस्था को कोई आम संस्था नियंत्रित कर रही है.
चक्रबर्ती ने कहा कि फिर भी स्माल सेविंग्स की दरों को कुछ हद तक मार्केट रेट से लिंक करना चाहिए. जोकि सरकारी प्रतिभूतियों की दरों से तय होते हैं. उन्होंने बताया कि श्यामला गोपीनाथ कमिटी की रिपोर्ट को स्वीकार किया जा चुका है लेकिन लिंकेज का काम अभी भी चल रहा है. उन्होंने बताया, ''इस तिमाही ब्याज दरों की प्रतीक्षा कीजिए. यह आपको एक अच्छा संकेत देंगे.''
बैंकों को डर! जमा दरें घटाई को कम होगी सेविंग्स
पीटीआई के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि बैंकर्स की य​ह शिकायत है कि स्माल सेविंग्स पर अधिक ब्याज दरों के चलते वे जमा दरों में कटौती नहीं कर पा रहे हैं. बैंकों को डर है कि यदि उन्होंने जमा दरें घटाई तो सेविंग्स घट सकता है. अभी बैंकों की जमा दरों और स्माल सेविंग्स की रेट में एक साल की मैच्योरिटी वाले प्रोडक्ट पर ब्याज दरों में करीब एक फीसदी का अंतर है. चक्रबर्ती ने कहा कि भले सरकार स्माल सेविंग्स स्कीम्स पर निर्भर नहीं है, लेकिन सरकार का इन योजनाओं को खत्म करने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि आम लोग इसका इस्तेमाल करते हैं.
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