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डाक विभाग ने पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के डिजिटल वर्जन को लॉन्च किया है.
Postal Life Insurance : डाक विभाग (Department of Post) ने पहली बार पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (ePLI बॉन्ड) का डिजिटल वर्जन लॉन्च किया है. इसे डिजिलॉकर (Digilocker) के सहयोग से शुरू किया गया है. उम्मीद की जा रही है कि डाक विभाग की इस पहल से पॉलिसीधारकों की क्लेम सेटलमेंट समेत कई प्रक्रियाएं आसान हो जाएंगी. अब सभी पुराने और नए पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस ग्राहक डिजिलॉकर से अपने पॉलिसी बांड की डिजिटल कॉपी डाउनलोड कर सकेंगे.
डाक विभाग ने एक बयान में कहा, “अब यूजर अपने मोबाइल फोन पर पॉलिसी बॉन्ड की डिजिटल कॉपी डाउनलोड कर सकते हैं. इसके लिए यूजर्स को डिजिलॉकर में लॉग इन करना होगा. इस पहल के तहत अब पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (PLI) और रूरल पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (RPLI) पॉलिसी बांड दोनों ही 'इलेक्ट्रॉनिक रूप' में उपलब्ध हैं."
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सभी पॉलिसियों को किया जा सकेगा डाउनलोड
डाक विभाग ने कहा कि अगर यूजर के पास कई पोस्टल और रूरल पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियां जैसे एंडोमेंट एश्योरेंस, एंटीसिपेटेड एंडोमेंट एश्योरेंस, होल लाइफ एश्योरेंस, कन्वर्टिवल होल लाइफ एश्योरेंस, चाइल्ड पॉलिसी, युगल सुरक्षा (PLI में) और ग्राम प्रिया (RPLI में) है, तो सभी पॉलिसियों को डाक विभाग द्वारा पॉलिसी बॉन्ड जारी करने के तुरंत बाद डाउनलोड किया जा सकता है. अब पीएलआई पॉलिसीधारक को पीएलआई पॉलिसी बांड की फिजिकल कॉपी के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है. यह सुविधा सभी नए और पुराने पॉलिसीधारकों के लिए उपलब्ध है.
मैच्योरिटी सेटलमेंट
डाक विभाग ने कहा कि अब पॉलिसीधारक पोस्ट ऑफिस में मैच्योरिटी सेटलमेंट के दौरान डिजिटल कॉपी पेश कर सकते हैं. ऐसा डिजीलॉकर मोबाइल एप के ज़रिए किया जा सकेगा. डाक विभाग द्वारा इस डिजिटल कॉपी को एक वैलिड पॉलिसी डॉक्यूमेंट के तौर पर स्वीकार किया जाएगा.
फिजिकल कॉपी की नहीं होगी जरूरत
इसी तरह, पॉलिसीधारक ईपीएलआई बॉन्ड का उपयोग पॉलिसी दस्तावेज में जरूरी किसी भी बदलाव के लिए प्रूफ के तौर पर कर सकते हैं. यानी अब पता और नामांकन में बदलाव जैसे काम के लिए फिजिकल कॉपी ले जाने की जरूरत नहीं होगी. पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी देश की सबसे पुरानी बीमा स्कीम है. भारत में इसकी शुरुआत ब्रिटिशराज में 1 फरवरी 1884 को पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस यानी पीएलआई के तौर पर हुई थी.
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