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पीपीएफ अकाउंट में ज्यादा ब्याज दर के साथ कई फायदे हैं.
PPF ( Public Provident Fund) टैक्स बेनिफिट, इंटरेस्ट और रिटायरमेंट प्लानिंग के लिहाज से सबसे पसंदीदा निवेश है. सॉवरेन गारंटी और मौजूदा एफडी रेट से अधिक ब्याज दरों की वजह से निवेशकों में इसे लेकर हमेशा से एक आकर्षण रहा है. पीपीएफ भले ही
EEE (Exempt, Exempt, Exempt) कैटेगरी में आता है लेकन इसका लॉक-इन पीरियड टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में सबसे ज्यादा है.
PPF अकाउंट ओपनिंग के बाद मिलने लगता है लोन
पीपीएफ ( PPF) में लॉक-इन पीरियड 15 साल का है लेकिन आप इसके बदले लोन ले सकते हैं और आंशिक निकासी भी कर सकते हैं. पीपीएफ खाता खुलवाने 3 साल बाद ही लोन मिलने लगता है. अकाउंट खुलवाने के 6 साल बाद कुछ रकम निकाली भी जा सकती है. शुरुआती 15 साल के निवेश के बाद इसमें और 5 साल तक निवेश किया जा सकता है. आगे अकाउंट एक्सटेंड पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है. बगैर निवेश के भी अकाउंट एक्सटेंड कर सकते हैं.
पीपीएफ अकाउंट होल्डर के निधन के बाद नॉमिनी कंट्रीब्यूशन जारी रख सकता है?
डेलायट इंडिया के पार्टनर सुधाकर सेतुरमण का कहना है कि पीपीएफ अकाउंट होल्डर के निधन के बाद नॉमिनी इस खाते को जारी नहीं रख सकता. उसे फॉर्म G भर कर पैसा निकालना होगा. अगर कोई नॉमिनी नहीं है तो कानूनी वारिस का इस पर अधिकार होगा . हालांकि एक लाख रुपये से कम कम की रकम पर उत्तराधिकार सर्टिफिकेट(Succession certificate) की जरूरत नहीं है.
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क्या लॉक-इन पीरियड की वजह से नॉमिनी को पैसे के लिए इंतजार करना होगा?
अगर अकाउंट होल्डर की पीपीएफ खाता खोलने के पांच साल के अंदर मौत हो जाती है. तो नॉमिनी को पैसा पाने के लिए और दस साल इंतजार नहीं करना होगा. Form G जमा होने और संबंधित दफ्तरों की ओर सफलतापूर्वक जांच के बाद नॉमिनी के खाते में राशि जमा हो जाएगी. खाताधारक ने जिस महीने तक इसमें पैसा जमा कराया है उसके पिछले महीने तक ब्याज मिलता रहेगा. नॉमिनी इस पीपीएफ खाते में पैसा जमा नहीं कर सकता.
(Article : Amitava Chakrbarty)