/financial-express-hindi/media/post_banners/Ap0GEalzRrqfxJySuIL5.jpg)
PPF Crorepati Calculator: सरकार ने आम निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए स्माल सेविंग्स स्कीम्स पर ब्याज दरें नहीं घटाने का फैसला किया है.
PPF Crorepati Calculator: सरकार ने आम निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए स्माल सेविंग्स स्कीम्स पर ब्याज दरें नहीं घटाने का फैसला किया है. इस बारे में सरकार ने 31 मार्च के दरें घटाने के एलान को वापस ले लिया है. अप्रैल से जून तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर पहले की ही तरह ब्याज मिलता रहेगा. सरकार के इस फैसले से नौकरीपेशा वर्ग को भी बेहद राहत मिली है, जिनके बीच पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ पॉपुलर निवेश का विकल्प है. पीपीएफ पर 7.1 फीसदी सालाना कंपाउंडिंग के हिसाब से ब्याज मिल रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा. पीपीएफ भविष्य के लिए फंड तैयार करने का लक्ष्य लेकर चलने वालों के लिए बेहतर विकल्प है. यहां एफडी सहित कई छोटी बचत योजनाओं से बेहतर रिटर्न मिल रहा है.
बैंक में पैसा रखने पर जहां बचत खाते पर 3 से 3.5 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है, एफडी की दरें भी पीपीएफ की तुलना में बहुत कम हैं. वहीं जानकार अभी भी इस स्कीम को रिटर्न की गारंटी मानते हैं. सबसे अच्छी बात है कि डाकघर की योजना होने की वजह से यहां आपकी एक एक जमा पूंजी भी सुरक्षित रहती है. वहीं तय ब्याज के अनुसार रिटर्न की भी गारंटी रहेगी.
मेच्योरिटी पर कितनी रकम
अधिकतम मंथली जमा: 12,500 रुपये
अधिकतम सालाना जमा: 1,50,000 रुपये
नई ब्याज दरें: 7.1 फीसदी सालाना कंपांउंडिंग
15 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम: 40,68,209 रुपये
कुल निवेश: 22,50,000
ब्याज का फायदा: 18,18,209 रुपये
1 करोड़ के फंड के लिए कितना निवेश
अधिकतम मंथली जमा: 12,500 रुपये
अधिकतम सालाना जमा: 1,50,000 रुपये
नई ब्याज दरें: 7.1 फीसदी सालाना कंपांउंडिंग
25 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम: 1.03 करोड़ रुपये
कुल निवेश: 37,50,000
ब्याज का फायदा: 65,58,015 रुपये
(Note: 7.1 फीसदी ब्याज दरों के अनुसार 1 करोड़ का फंड बनाने के लिए 25 साल का इंतजार करना होगा. वहीं इसके लिए 37,50,000 रुपये निवेश करना होगा.)
क्यों है बेहतर विकल्प
- ज्यादातर बैंक के बचत खातों पर अब 3 से 3.5 फीसदी ही सालाना ब्याज. हालांकि कुछ बैंक बचत खाते पर 6 फीसदी के आस पास भी ब्याज देते हैं.
- 5 साल की बैंक एफडी पर 5.5 से 6.25 फीसदी के आस पास ब्याज.
- अनिश्चितता के हालात में भी तय किए गए ब्याज के अनुसार ही रिटर्न मिलेगा. जबकि कैपिटल मार्केट में निवेश के डूबने का खतरा रहता है.
- म्यूचुअल फंड में पिछले 1 साल के दौरान इक्विटी सेग्मेंट के हर कटेगिरी में 20 फीसदी से ज्यादा गिरावट.
- इक्विटी मार्केट में 1 साल में 23 फीसदी की गिरावट.
- डाकघर में जमा हर एक पैसे पर सुरक्षा की गारंटी. जबकि बैंकों में सिर्फ 5 लाख तक की ही रकम पर बीमा मिलता है. यानी बैंक डूब जाएं तो आपकी सिर्फ 5 लाख की रकम ही सुरक्षित रहेगी.