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Long Term Investment: PPF में मैच्योरिटी 15 साल है, वहीं SSY में 15 साल तक पैसा जमा करके अगले 6 साल इंतजार करना होगा. (Pixabay)
Post Office Small Savings Schemes: पोस्ट ऑफिस की पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund- PPF) और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana- SSY) दोनों ऐसी स्मॉल सेविंग्स स्कीम हैं, जिन्हें अपने बच्चे के नाम पर शुरू कर सकते हैं. दोनों ही स्कीम लंबी अवधि के निवेश के विकल्प में आती हैं, जिसके चलते आप अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए किसी भी स्कीम के साथ फाइनेंशियल प्लानिंग कर सकते हैं. चाहे बच्चों का हायर एजुकेशन हो या बच्चों का शादी व्याह, इनके जरिए एक बड़ा फंड तैयार करने में मदद मिलती है.
दोनों योजनाओं में कई समानताएं
PPF हो या SSY दोनों ही स्कीम में 15 साल तक पैसा जमा करना होता है. वहीं दोनों स्कीम में हर साल अधिकतम 1.50 लाख रुपये निवेश करने की लिमिट है. सुकन्या समृद्धि योजना और पीपीएफ टैक्स फ्री स्कीम है. इन पर EEE यानी तीन अलग-अलग स्तर पर टैक्स छूट मिलता है. पहला इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत 1.50 लाख तक सालाना निवेश पर छूट. दूसरा इससे मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स नहीं लगता. तीसरा मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम टैक्स फ्री है.
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि PPF में मैच्योरिटी 15 साल है, वहीं सुकन्या समृद्धि योजना में 15 साल तक पैसा जमा करके अगले 6 साल इंतजार करना होगा. यानी सुकन्या स्कीम की मैच्योरिटी 21 साल है. इसमें बचे 6 साल आपके पैसों पर ब्याज जोड़कर मैच्योरिटी पर रकम मिलती है.
PPF: कितना फंड तैयार होगा
अधिकतम मंथली जमा: 12,500 रुपये
अधिकतम सालाना जमा: 1,50,000 रुपये
ब्याज दर: 7.1 फीसदी सालाना कंपांउंडिंग
15 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम: 40,68,209 रुपये
कुल निवेश: 22,50,000
ब्याज का फायदा: 18,18,209 रुपये
SSY: कितना फंड तैयार होगा
SSY पर ब्याज: 8.2 फीसदी सालाना
अधिकतम मंथली जमा: 12,500 रुपये
अधिकतम सालाना जमा: 1,50,000 रुपये
15 साल में निवेश: 22,50,000 रुपये
21 साल की मैच्योरिटी पर कुल अमाउंट: 69,80,100 रुपये
ब्याज का फायदा: 47,30,100 रुपये
दोनों स्कीम की एक और खास बात
पब्लिक प्रोविडेंट फंड को माइनर के नाम से उसके अभिभावक द्वारा शुरू किया जा सकता है. एडल्ट होने पर उसे अकाउंट के संचालन का काम मिल जाता है. वहीं सुकन्या स्कीम में बेटी की उम्र 18 साल होने पर उसकी शादी के लिए मैच्योरिटी के पहले 50 फीसदी रकम निकाली जा सकती है. इसके अलावा अकाउंट शुरू होने के 5 साल बाद कुछ परिस्थितियों में मैच्योरिटी के पहले पैसा निकाला जा सकता है.