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PPF Vs म्यूचुअल फंड: लंबी अवधि के लिए चुनें बेस्ट; कितने साल में बनेंगे करोड़पति, समझें कैलकुलेशन

Crorepati Calculator: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) और म्यूचुअल फंड दोनों ही लांग टर्म निवेश के बेहद पॉपुलर विकल्प हैं.

Crorepati Calculator: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) और म्यूचुअल फंड दोनों ही लांग टर्म निवेश के बेहद पॉपुलर विकल्प हैं.

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Sushil Tripathi
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PPF VS Mutual Fund:

PPF VS Mutual Fund: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) और म्यूचुअल फंड दोनों ही लांग टर्म निवेश के बेहद पॉपुलर विकल्प हैं.

Crorepati Calculator: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) और म्यूचुअल फंड दोनों ही लांग टर्म निवेश के बेहद पॉपुलर विकल्प हैं. खुद के रिटायरमेंट की प्लानिंग हो, बच्चों के भविष्य के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग या घर खरीदने के लिए बचत, ये दोनों ही विकल्प बेहतर साबित हो सकते हैं. हालांकि निवेश का फैसला लेने के पहले यह जरूर देख लेना चाहिए कि कहां भविष्य में कितना फायदा हो सकता है. इसमें निवेशक को अपने रिस्क लेने की क्षमता और टाइम होरिजन का भी ध्यान रखना जरूरी है. फिलहाल अगर स्मार्ट तरीके से सेविंग्स की जाएं तो आप अपने जीवन में तय किए गए लक्ष्यों को पूरा करना आसान हो जाता है. अगर आपको एक तय समय बाद 1 करोड़ रुपये का फंड जुटाने का लक्ष्य है तो आपके पीपीएफ और म्यूचुअल फंड में कौन सा विकल्प बेहतर होगा.

PPF Vs म्यूचुअल फंड

बाजार में कई निवेशक हैं जो अपने रुपये पैसों पर जरा भी रिस्क लेने का तैयार नहीं होते हैं. उनके लिए पीपीएफ बेहतर विकल्प है. क्योंकि सरकारी स्कीम होने के नाते यहां आपके पैसों पर सुरक्षा मिलती है. लेकिन यहां रिटर्न पहले से तय होता है. तय ब्याज से ज्यादा रिटर्न आपको योजना की मेच्योरिटी तक नहीं मिलेगा. मसलन अभी पीपीएफ पर सालाना ब्याज 7.1 फीसदी है. अगर आगे यह दरें जारी रहती हैं तो इसी दर के आधार पर ही आपका पैसा बढ़ेगा.

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दूसरी ओर इक्विटी म्यूचुअल फंड का रिटर्न बाजार से लिंक्ड होता है. इसलिए यहां रिस्क पीपीएफ की तुलना में ज्यादा है. लेकिन लंबी अवधि का लक्ष्य है तो बाजार का जोखिम कवर हो जाता है. ज्यादातर उन म्यूचुअल फंडों का प्रदर्शन बेहद अच्छा है, जिनमें 10 साल से ज्यादा निवेश किया गया है. म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बाजार में रैली आने पर रिटर्न भी जोरदार हो सकता है. मसलन 10 साल से 15 साल की अवधि में यह 12 से 15 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न दे सकता है.

पीपीएफ में मेच्योरिटी पीरियड 15 साल को होता है. लेकिन उसे आगे 5—5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. वहीं म्यूचुअल फंड में आप जितने साल चाहें निवेश बनाए रह सकते हैं. हालांकि ईएलएसएस और डेट फंड की योजनाओं में मेच्योरिटभ् पीरियड होता है.

कहां जल्दी बनेंगे करोड़पति

पीपीएफ में मंथली अधिकतम 12500 रुपये जमा किया जा सकता है जो 1.5 लाख सालाना है. हमने इसी आधापर पर पीपीएफ और म्यूचुअल फंड में कैलकुलेशन किया है. पीपीएफ पर सालाना ब्याज अभी 7.1 फीसदी है, वहीं म्यूचुअल फंड की बात करें तो पिछले 15 साल में ऐसी कई स्कीम हैं, जिनमें एसआईपी का औसत रिटर्न 12 से 15 फीसदी सालाना रहा है. यहां हमने म्यूचुअल फंड में औसत रिटर्न 10 फीसदी सालाना रखा है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

अधिकतम मंथली जमा: 12,500 रुपये

अधिकतम सालाना जमा: 1,50,000 रुपये

नई ब्याज दरें: 7.1 फीसदी सालाना कंपांउंडिंग

25 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम: 1.03 करोड़ रुपये

कुल निवेश: 37,50,000

25 साल में ब्याज का फायदा: 65.58 लाख रुपये

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)

अधिकतम मंथली एसआईपी: 12,500 रुपये

अधिकतम सालाना जमा: 1,50,000 रुपये

अनुमानित ब्याज दरें: 10 फीसदी सालाना कंपांउंडिंग

21 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम: 1.07 करोड़ रुपये

कुल निवेश: 31,50,000

21 साल में ब्याज का फायदा: 69 लाख रुपये

दूसरे विकल्पों से तुलना

निवेश                  ब्याज         मेच्योरिटी                 रिस्क प्रोफाइल

NSC                   6.8%         5 साल                     लो रिस्क

NPS                   6-8%         रिटायरमेंट तक         मार्केट रिलेटेड

ELSS                  7-9%         मिनिमम 3 साल         मार्केट रिलेटेड

FD                     5.4-6.5%    5 साल                     लो रिस्क

Mutual Fund Ppf